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गंगा में गिर रहे नालों पर एनजीटी गंभीर, DM वाराणसी से मांगी जानकारी, 16 अक्टूबर की सुनवाई से पहले देनी होगी रिपोर्ट - Ganga pollution NGT

वाराणसी समेत आसपास के इलाकों में अभी गंगा में नालों के जरिए गंदगी जा रही है. इसे लेकर एनजीटी ने नाराजगी जताई है. डीएम से रिपोर्ट भी मांगी है.

गंगा में गिर रहे नालों पर एनजीटी की सख्ती.
गंगा में गिर रहे नालों पर एनजीटी की सख्ती. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 25, 2024, 1:02 PM IST

वाराणसी : गंगा की निर्मलता स्वच्छता को बनाए रखने के लिए लगातार गंगा में गिरने वाले नालों को फिल्टर करके उसमें भेजने के लिए एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इन सब के बाद भी वाराणसी में गंगा में गिर रहे नालों को लेकर एनजीटी ने गहरी नाराजगी जताई है. एनजीटी ने जिला अधिकारी वाराणसी से रिपोर्ट मांगते हुए इस पर तत्काल कड़ा कदम उठाने को कहा है.

एनजीटी में इस प्रकरण में राजेंद्र प्रसाद की तरफ से दाखिल मामले में सुनवाई करते हुए जिला अधिकारी को आदेश दिया है कि वह जल्द से जल्द इस मामले की जांच करके रिपोर्ट दें. अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को एनजीटी कोर्ट में होगी. वाराणसी के राजेंद्र प्रसाद की तरफ से गंगा में गिर रहे नालों को लेकर एक एप्लीकेशन एनजीटी कोर्ट दिल्ली में दाखिल की गई थी. इस पर कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए कहा है कि जिला गंगा समिति की तरफ से राज्य गंगा समिति और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को 6 मासिक रिपोर्ट भेजना जरूरी होता है.

संबंधित जिले के डीएम जिला गंगा समिति के अध्यक्ष होते हैं. इसलिए जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी सुनवाई की अगली तारीख से कम से कम एक सप्ताह पहले एक हलफनामा दायर करें कि गंगा में गिरने वाले मलजल और नाले कितनी संख्या में हैं और कहां-कहां हैं. मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी. इसके एक सप्ताह पहले या रिपोर्ट प्रेषित करें.

राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य न्याय मूर्ति अरुण कुमार त्यागी, डॉ. एके सोंथिल वेल ने सुनवाई करते हुए कहा कि सामने घाट रविदास पार्क नगवा, संकट मोचन नाला, बटुसपुर सराय नंदन, टेंगरा मोड़ रामनगर से सीवेज गंगा में जा रहा है. एनजीटी ने नगर निगम की रिपोर्ट में यह पाया कि 100 एमएलडी सीवेज गंगा नदी में जा रहा है. इससे नदी का पानी नहाने योग्य नहीं है.

यूपी प्रदूषण बोर्ड की तरफ से भी यह बताया गया है कि असि, नगवा नाला, सामने घाट नाले के लिए नगर निगम वाराणसी को नोटिस दी गई है. सायरी माता मंदिर नाला समेत अन्य कई नालों के लिए जिला पंचायत चंदौली को नोटिस भेजी गई है. एसटीपी निर्माण पर जोर दिया गया है. फिलहाल अगली सुनवाई से पहले एनजीटी ने इस पूरे मामले में पूरी विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी मांगी है.

यह भी पढ़ें : पेपर लीक के चलते रद हुई यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की नई तारीख घोषित; 60244 पदों के लिए 23 से 31 अगस्त तक एग्जाम

वाराणसी : गंगा की निर्मलता स्वच्छता को बनाए रखने के लिए लगातार गंगा में गिरने वाले नालों को फिल्टर करके उसमें भेजने के लिए एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इन सब के बाद भी वाराणसी में गंगा में गिर रहे नालों को लेकर एनजीटी ने गहरी नाराजगी जताई है. एनजीटी ने जिला अधिकारी वाराणसी से रिपोर्ट मांगते हुए इस पर तत्काल कड़ा कदम उठाने को कहा है.

एनजीटी में इस प्रकरण में राजेंद्र प्रसाद की तरफ से दाखिल मामले में सुनवाई करते हुए जिला अधिकारी को आदेश दिया है कि वह जल्द से जल्द इस मामले की जांच करके रिपोर्ट दें. अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को एनजीटी कोर्ट में होगी. वाराणसी के राजेंद्र प्रसाद की तरफ से गंगा में गिर रहे नालों को लेकर एक एप्लीकेशन एनजीटी कोर्ट दिल्ली में दाखिल की गई थी. इस पर कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए कहा है कि जिला गंगा समिति की तरफ से राज्य गंगा समिति और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को 6 मासिक रिपोर्ट भेजना जरूरी होता है.

संबंधित जिले के डीएम जिला गंगा समिति के अध्यक्ष होते हैं. इसलिए जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी सुनवाई की अगली तारीख से कम से कम एक सप्ताह पहले एक हलफनामा दायर करें कि गंगा में गिरने वाले मलजल और नाले कितनी संख्या में हैं और कहां-कहां हैं. मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी. इसके एक सप्ताह पहले या रिपोर्ट प्रेषित करें.

राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य न्याय मूर्ति अरुण कुमार त्यागी, डॉ. एके सोंथिल वेल ने सुनवाई करते हुए कहा कि सामने घाट रविदास पार्क नगवा, संकट मोचन नाला, बटुसपुर सराय नंदन, टेंगरा मोड़ रामनगर से सीवेज गंगा में जा रहा है. एनजीटी ने नगर निगम की रिपोर्ट में यह पाया कि 100 एमएलडी सीवेज गंगा नदी में जा रहा है. इससे नदी का पानी नहाने योग्य नहीं है.

यूपी प्रदूषण बोर्ड की तरफ से भी यह बताया गया है कि असि, नगवा नाला, सामने घाट नाले के लिए नगर निगम वाराणसी को नोटिस दी गई है. सायरी माता मंदिर नाला समेत अन्य कई नालों के लिए जिला पंचायत चंदौली को नोटिस भेजी गई है. एसटीपी निर्माण पर जोर दिया गया है. फिलहाल अगली सुनवाई से पहले एनजीटी ने इस पूरे मामले में पूरी विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी मांगी है.

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