दौसा: राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को प्रदेश के 7 नवनिर्वाचित विधानसभा सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह हुआ. इसमें दौसा से नवनिर्वाचित विधायक डीसी बैरवा भी शामिल थे. उन्होंने मंगलवार को विधानसभा पहुंचकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के समक्ष शपथ ग्रहण की. इस दौरान विधायक बैरवा ने कहा कि मैं संविधान की बदौलत यहां तक पहुंचा हूं.
बता दें कि विधानसभा चुनाव में विधायक निर्वाचित हुए कांग्रेस नेता मुरारीलाल मीना के सांसद बनने के बाद ये सीट खाली हुई थी. बाद में उपचुनाव में डीसी बैरवा को दौसा से टिकट मिला. भाजपा ने दौसा से कैबिनेट मंत्री और पूर्वी राजस्थान के दिग्गज नेता किरोड़ी लाल मीणा के भाई पूर्व आरएएस अधिकारी जगमोहन मीना को चुनावी मैदान में उतारा था.
23 सौ वोटों से जीत दर्ज की थी: चुनाव में डीसी बैरवा और भाजपा के जगमोहन मीना के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला. मतगणना के दौरान शुरू के राउंड से ही कांग्रेस ने अपनी बढ़त बनानी शुरू कर दी थी, जो 11 राउंड तक जारी रही, लेकिन 12 वें राउंड की मतगणना में बीजेपी प्रत्याशी जगमोहन मीना को बढ़त मिलनी शुरू हो गई थी. इससे एक बार तो कांग्रेसी खेमे में मायूसी छा गई. हालांकि आखिरी 18 वें राउंड की मतगणना के बाद कांग्रेस प्रत्याशी डीसी बैरवा ने 23 सौ वोटों से अपनी जीत दर्ज की थी.
सचिन पायलट और मुरारीलाल का बढ़ा कद: दरअसल, दौसा में सांसद मुरारीलाल मीना को राजनीति का चाणक्य माना जाता है. टिकट वितरण से पहले क्षेत्र में चर्चा थी कि उपचुनाव में दौसा से कांग्रेस का टिकट सांसद परिवार से ही किसी को मिलेगा, लेकिन जब बीजेपी ने जगमोहन मीना को टिकट दिया तो मुरारीलाल ने एससी कार्ड खेला और डीसी बैरवा को टिकट दिलवा दिया. इन्हें कांग्रेस नेता सचिन पायलट का करीबी माना जाता है.
मैच फिक्सिंग की अफवाहों पर विराम: चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि विधानसभा क्षेत्र में चर्चा है कि किरोड़ीलाल और मुरारीलाल के बीच मैच फिक्सिंग हो गई है. ऐसे में कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीना के भाई जगमोहन मीना की हार के बाद सांसद मीना ने इन अफवाहों पर भी विराम लगा दिया है.