मुजफ्फरपुर: बिहार पुलिस पीपुल फ्रेंडली बन रही है और बेहतर पुलिसिंग के साथ-साथ मानवता की मिसाल भी पेश कर रही है. मुजफ्फरपुर से एक ऐसी ही घटना सामने आई है, जिसने पुलिस के मानवीय पहलू को उजागर किया है. एक नवजात को बीच सड़क पर फेंक दिया गया था. लेकिन गश्त पर निकले एक पुलिसकर्मी ने न सिर्फ उसे गले से लगाया, बल्कि तत्काल अस्पताल पहुंचा कर उसकी जान भी बचाई.
पुलिस ने नवजात को लगाया गले: दरअसल, पूरा मामला मुजफ्फरपुर शहर के ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के इमली चट्टी रोड की है. जहां सोमवार देर रात पुलिस गश्त कर रही थी. इसी दौरान सड़क किनारे कुछ लोगों की हलचल देख गश्ती दल ने अपनी गाड़ी रोकी. जब पुलिसकर्मियों ने पास जाकर देखा, तो वहां एक नवजात शिशु लावारिस हालत में पड़ा था. यह दृश्य देखकर गश्त टीम में मौजूद जवान राम पुकार कुमार ने बिना देर किए मासूम को अपनी गोद में उठा लिया. जैसे ही उन्होंने नवजात को गले से लगाया, बच्चा हल्की-सी हरकत करने लगा.
खुद अपनी गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया: इंसानियत की मिसाल कायम करते हुए सिपाही राम पुकार कुमार ने बिना समय गंवाए बच्चे को अपने वाहन से ले जाकर शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. शिशु का इलाज शहर के केजरीवाल अस्पताल में किया जा रहा है, जहां उसे NICU में रखा गया है. अस्पताल में मौजूद वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि बच्चा अब पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ है.
"बच्चा अब पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ है. उसे अस्पताल के NICU में रखा गया है. डॉक्टरों की टीम पूरी तरह से जांच कर रही है." - डॉ राजीव कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ
![नवजात शिशु को NICU में रखा गया है](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-01-2025/23428358_mmm.jpg)
गोद लेने की जताई इच्छा: बच्चे को बचाने वाले सिपाही रामपुकार कुमार की दरियादिली यहीं खत्म नहीं हुई. उन्होंने न सिर्फ नवजात के इलाज का खर्च उठाया, बल्कि अब वे उसे गोद लेने की भी इच्छा जता रहे हैं. राम पुकार कुमार ने कहा कि जब मैंने बच्चे को गले लगाया, तो उसने हल्की-सी सांस ली. वह पल मेरे लिए अनमोल था. अगर कानूनी प्रक्रिया पूरी होती है तो मैं इस मासूम को गोद लेकर उसका पालन-पोषण करना चाहता हूं.
पुलिसकर्मी की हो रही सराहना: पूरे शहर में पुलिस के इस संवेदनशील रवैये की सराहना हो रही है. आमतौर पर पुलिस की छवि सख्त और अनुशासनप्रिय मानी जाती है, लेकिन इस घटना ने दिखाया कि उनके अंदर भी एक संवेदनशील हृदय धड़कता है। डॉक्टर से लेकर आम नागरिक तक, सभी पुलिसकर्मी की इस पहल को सलाम कर रहे हैं.
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