अलवर : साल 2024 की अंतिम बेला पर टाइगर रिजर्व सरिस्का पर्यटकों से गुलजार रहा. वहीं, साल 2025 का जश्न ऐतिहासिक सिलीसेढ़ झील पर मनाने के लिए पर्यटकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. शीतलहर के बावजूद अलवर ही नहीं, दूर दराज के क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में पर्यटकों का अलवर के पर्यटन केंद्रों पर पहुंचने का सिलसिला जारी है. ऐसे में ज्यादातर पर्यटक सरिस्का और सिलीसेढ़ की ओर रुख कर रहे हैं.
साल 2024 के अंतिम दिन अलवर के पर्यटन केंद्रों पर पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली. सरिस्का टाइगर रिजर्व में 700 से ज्यादा टूरिस्ट सफारी का आनंद लेने के लिए पहुंचे. सरिस्का में पर्यटकों की बड़ी संख्या में पहुंचने का कारण यह भी रहा कि साल 2025 के पहले दिन बुधवार को सरिस्का टाइगर रिजर्व में सफारी का अवकाश रहेगा. ऐसी स्थिति में नई साल का जश्न मनाने अलवर आए पर्यटकों का ऐतिहासिक सिलीसेढ़ झील पर पहुंचने की संभावना है. साथ ही जिले के पर्यटन केंद्र भानगढ़ किला सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर भी पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है.
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NCR का एक मात्र बोटिंग स्थल : सिलीसेढ़ झील अलवर के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में शामिल है. यह पर्यटन स्थल संभवत: एनसीआर का एक मात्र बोटिंग स्थल है, जहां पर्यटकों को अलग-अलग तरह की बोटिंग की सुविधा मिलती है. इसके चलते बड़ी संख्या में पर्यटक बोटिंग का लुत्फ उठाने के लिए यहां पहुंचते हैं. सिलीसेढ़ झील पर बोटिंग का आनंद लेने के लिए दिल्ली से आए पर्यटक विनीत ने बताया कि वे दूसरी बार सिलीसेढ़ झील आए हैं. इससे पहले भी राजस्थान के कई पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर चुके हैं, लेकिन सिलीसेढ़ झील उन्हें आकर्षित करती है.
उन्होंने बताया कि यह जगह शांत है, यहां गर्मी व सर्दी में मौसम अच्छा रहता है. इसके चलते यहां परिवार के साथ समय बिताना एक सुखद अनुभव प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में शायद यह एक मात्र जगह है, जहां आने वाले पर्यटकों को बोटिंग का आनंद मिलता है. उन्होंने कहा कि लोग यहां आए और इस जगह के बारे में जाने और इसका लुत्फ उठाएं. एक अन्य पर्यटक कुरूशेंद्र भारद्वाज ने बताया कि वो अपने परिचित के साथ यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि वो पहली बार यहां आए हैं, इसका व्यू काफी सुंदर है. ऐसे में लोगों को यहां जरूर आना चाहिए.
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दिल्ली से आए पर्यटक ऐश्वर्य ने बताया कि वे अपने परिवार के साथ सिलीसेढ़ झील पर बोटिंग का आनंद लेने के लिए आए हैं. उन्होंने बताया कि अलवर उनकी पसंदीदा जगहों में से एक है. वो लगातार अलवर के पर्यटन केंद्रों पर आते रहते हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली के आसपास इतना खूबसूरत झील नहीं है, जहां लोग बोटिंग का लुत्फ परिवार के साथ ले सके.
बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की संभावना : सिलीसेढ़ झील पर बोटिंग संचालक भगीरथ ने बताया कि नए साल पर पर्यटकों के लिए पूरी तरह से तैयारी की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर को भी अच्छी संख्या में पर्यटक पहुंचे थे. वहीं, एक जनवरी को सरिस्का में अवकाश होने के चलते सिलीसेढ़ झील पर पर्यटकों का फुटफॉल अधिक रहने की संभावना है.
भागीरथ ने कहा कि मौसम सुहावना रहने पर निश्चित ही टूरिस्ट की संख्या में इजाफा होता है. सिलीसेढ़ झील पर बोटिंग के लिए दिल्ली, हरियाणा, भिवाड़ी से ज्यादा पर्यटक आते हैं. झील में करीब 8 बोट हैं, जिनकी अलग-अलग प्राइस है. पर्यटक अपने अनुसार तय कर झील में बोटिंग का आनंद ले सकते हैं.