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स्कूल वाहनों के चालक कहीं अपराधी तो नहीं ?, स्कूलों ने नहीं उपलब्ध कराया डाटा, DIOS बोले- कार्रवाई होगी - Farrukhabad School News

फर्रुखाबाद के विद्यालयों में नए सत्र (New School Session in Farrukhabad) के लिए प्रवेश शुरू हो चुके हैं. हालांकि अभिभावकों और बच्चों की सहूलियत के लिए तमाम दावे करने वाले अधिकारी बेफिक्र हैं. जिला विद्यालय निरीक्षक के पास स्कूली वाहन चालकों का विवरण भी नहीं है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 13, 2024, 2:20 PM IST

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जिला विद्यालय निरीक्षक नरेंद्र पाल सिंह.

फर्रुखाबाद : यूपी के फर्रुखाबाद जिले में घर से स्कूल ले जाने और वापस घर तक छोड़ने वाले स्कूल वाहन चालकों के आपराधिक इतिहास की जानकारी का विवरण जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में अभी तक विद्यालयों ने उपलब्ध नहीं कराया है. ईटीवी भारत ने जब यह सवाल जिला विद्यालय निरीक्षक से किया तो उन्होंने कहा कि विवरण उपलब्ध न कराने वाले विद्यालयों पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि नया सत्र शुरू हो गया है और फिर भी स्कूलों ने यह डाटा उपलब्ध अभी तक नहीं कराया है.

कई निजी विद्यालय छात्रों को लाने और ले जाने के लिए स्कूल वाहन की सुविधा देते हैं. उसके लिए अभिभावकों से शुल्क वसूल करते हैं. हालांकि अभी तक किसी विद्यालय ने वाहन चालकों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया है. माध्यमिक शिक्षा विभाग में संचालित जिन निजी विद्यालयों में स्कूल वाहन की सुविधा है, उन स्कूलों के वाहन चालकों का आधार कार्ड और पूरा विवरण मांग कर पुलिस से सत्यापन करवाया जाना था. अगर कोई वाहन चालक दूसरे जिले या राज्य का रहने वाला है तो उसके निवास स्थान में संबंधित थाने में संपर्क कर उसके आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटानी थी. सीबीएसई बोर्ड से संचालित विद्यालय के प्रधानाचार्य को भी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में वाहन चालकों का रिकार्ड जमा करना था.

जिला विद्यालय निरीक्षक नरेंद्र पाल सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि हमारे माध्यमिक विद्यालय जहां तक एडेड स्कूलों में बस फैसिलिटी नहीं है, कुछ वित्तविहीन विद्यालय ऐसे होंगे. ओवरऑल अगर हम सीबीएसई स्कूलों की बात करें तो सीबीएसई के जो अफसर होते हैं उनकी मॉनिटरिंग करते हैं. फिर भी हम संज्ञान लेंगे. हमने पिछली बार आदेश किया था कि जो भी ड्राइवर हैं, अपनी गाड़ी की फिटनेस बनाए रखें. इसकी सूचना आरटीओ ऑफिस में भी मांगी गई थी. बताया कि यह समझता हूं कि हम अपनी तरफ से और केयर करने के लिए प्रयास करेंगे. जो हमारी विद्यालयों में निजी विद्यालयों में बसें चल रहीं हैं. उन विद्यालयों में चालकों का वेरीफिकेशन और विवरण मैनेजर खुद रखें और हमारे कार्यालय में भी उपलब्ध कराएं. अभी तक विद्यालयों से यह विवरण कार्यालय में नहीं आया है.

नरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि क्योंकि नए सत्र में कुछ नए ड्राइवर भी रखे गए हो कुछ ही वित्तविहीन विद्यालय हैं, जिनकी बस सेवा चलती होगी बच्चों को ले जाने वह छोड़ने के लिए. मैनेजर स्तर पर यह डाटा है, यह मुझे बताया गया था. बताया कि अपने स्तर से भी इसको ऑफिस में मंगा लूंगा तो बताऊंगा कि यह डाटा कार्यालय में उपलब्ध है या नहीं एक हफ्ते के अंदर या डाटा पूरा उपलब्ध हो जाएगा. जो विद्यालय यह डाटा उपलब्ध नहीं कर पाते हैं उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.




यह भी पढ़ें : सर्दी और कोहरे के चलते स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों छुट्टी, देखें BSA का आदेश


यह भी पढ़ें : फर्रुखाबाद में स्कूल से लापता हुए कंप्यूटर, रिटायर शिक्षकों पर आरोप

जिला विद्यालय निरीक्षक नरेंद्र पाल सिंह.

फर्रुखाबाद : यूपी के फर्रुखाबाद जिले में घर से स्कूल ले जाने और वापस घर तक छोड़ने वाले स्कूल वाहन चालकों के आपराधिक इतिहास की जानकारी का विवरण जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में अभी तक विद्यालयों ने उपलब्ध नहीं कराया है. ईटीवी भारत ने जब यह सवाल जिला विद्यालय निरीक्षक से किया तो उन्होंने कहा कि विवरण उपलब्ध न कराने वाले विद्यालयों पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि नया सत्र शुरू हो गया है और फिर भी स्कूलों ने यह डाटा उपलब्ध अभी तक नहीं कराया है.

कई निजी विद्यालय छात्रों को लाने और ले जाने के लिए स्कूल वाहन की सुविधा देते हैं. उसके लिए अभिभावकों से शुल्क वसूल करते हैं. हालांकि अभी तक किसी विद्यालय ने वाहन चालकों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया है. माध्यमिक शिक्षा विभाग में संचालित जिन निजी विद्यालयों में स्कूल वाहन की सुविधा है, उन स्कूलों के वाहन चालकों का आधार कार्ड और पूरा विवरण मांग कर पुलिस से सत्यापन करवाया जाना था. अगर कोई वाहन चालक दूसरे जिले या राज्य का रहने वाला है तो उसके निवास स्थान में संबंधित थाने में संपर्क कर उसके आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटानी थी. सीबीएसई बोर्ड से संचालित विद्यालय के प्रधानाचार्य को भी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में वाहन चालकों का रिकार्ड जमा करना था.

जिला विद्यालय निरीक्षक नरेंद्र पाल सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि हमारे माध्यमिक विद्यालय जहां तक एडेड स्कूलों में बस फैसिलिटी नहीं है, कुछ वित्तविहीन विद्यालय ऐसे होंगे. ओवरऑल अगर हम सीबीएसई स्कूलों की बात करें तो सीबीएसई के जो अफसर होते हैं उनकी मॉनिटरिंग करते हैं. फिर भी हम संज्ञान लेंगे. हमने पिछली बार आदेश किया था कि जो भी ड्राइवर हैं, अपनी गाड़ी की फिटनेस बनाए रखें. इसकी सूचना आरटीओ ऑफिस में भी मांगी गई थी. बताया कि यह समझता हूं कि हम अपनी तरफ से और केयर करने के लिए प्रयास करेंगे. जो हमारी विद्यालयों में निजी विद्यालयों में बसें चल रहीं हैं. उन विद्यालयों में चालकों का वेरीफिकेशन और विवरण मैनेजर खुद रखें और हमारे कार्यालय में भी उपलब्ध कराएं. अभी तक विद्यालयों से यह विवरण कार्यालय में नहीं आया है.

नरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि क्योंकि नए सत्र में कुछ नए ड्राइवर भी रखे गए हो कुछ ही वित्तविहीन विद्यालय हैं, जिनकी बस सेवा चलती होगी बच्चों को ले जाने वह छोड़ने के लिए. मैनेजर स्तर पर यह डाटा है, यह मुझे बताया गया था. बताया कि अपने स्तर से भी इसको ऑफिस में मंगा लूंगा तो बताऊंगा कि यह डाटा कार्यालय में उपलब्ध है या नहीं एक हफ्ते के अंदर या डाटा पूरा उपलब्ध हो जाएगा. जो विद्यालय यह डाटा उपलब्ध नहीं कर पाते हैं उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.




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