लखनऊ: साइबर क्राइम को रोकने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें लोगों को जागरूक कर रही हैं. साइबर पुलिस हर संभव प्रयास कर रही कि लोग साइबर ठगी का शिकार न बनें. लिहाजा कुछ हद तक अपराधियों द्वारा डराकर ठगी करने की कोशिश नाकाम हो रही है.
लेकिन, लोगों का लालच ऐसे अपराधियों को और ताकत दे रहा है. इसकी गवाही बीते तीन दिनों में हुई चार लोगों से ठगी दे रही है. ये लोग पैसा दोगुना करने के लालच में ऑनलाइन ट्रेडिंग के जाल में फंस गए और चार करोड़ रुपए गंवा बैठे. यह महज राजधानी के केस हैं, पूरे राज्य की तस्वीर और भयावह है.
दो दिन में उड़ गई 10 साल की कमाई: लखनऊ के कल्याणपुर के रहने वाले अमित गुप्ता निजी कंपनी में नौकरी करते हैं. दस साल की नौकरी में उन्होंने बैंक अकाउंट में सेविंग कर रखी थी. लेकिन, उनके लालच ने उन्हें बर्बाद कर दिया. अमित साइबर जालसाजों के झांसे में ऐसे फंसे की उनके दो दिन में 28 लाख रुपए डूब गए.
उनके मुताबिक, मई 2024 में वह वाट्सएप पर एक ग्रुप में एड हो गए. ग्रुप का नाम आईआईएफएल सिक्युरिटीज सर्विसेज था. उसमें आईपीओ की जानकारी दी जाती थी. उसमें उन्हें पैसे इन्वेस्ट कर अधिक लाभ देने का भरोसा दिया गया.
उन्होंने पहले दो फिर तीन लाख रुपए इन्वेस्ट कर दिए. साइबर जालसाजों ने एप पर दोगुना प्रॉफिट दिखाया तो उनका लालच और बढ़ने लगा. फिर 28 लाख रुपए उसमें ट्रांसफर कर दिए. फिर क्या अमित गुप्ता का पैसा साइबर जालसाज डकार गए. अमित ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कर दिया.
बुजुर्ग डॉक्टर ने गंवाई जीवन भर की कमाई: पेशे से डॉक्टर, प्रकाश चंद्र राय आशियाना के रहने वाले हैं और 65 वर्ष के हैं. उन्हें किसी ने वाट्सएप पर एक ग्रुप में एड किया, जिसमें ऑनलाइन ट्रेडिंग के विषय में जानकारी दी जाती थी. एप के सभी सदस्य आपस में बात करते हुए अधिक लाभ कमाने की बात कही, जिसके बाद उनका लालच उफान मारने लगा.
उन्होंने धीरे-धीरे ट्रेडिंग कर दोगुना पैसा कमाने के लिए 40 लाख रुपए लगा दिए. आखिर में उन्हें प्रॉफिट का पैसे निकालने के लिए और पैसों की मांग की गई तो उन्हें समझ में आ गया कि उनके साथ ठगी हुई है.
इंजीनियर ने ऑनलाइन ट्रेडिंग में डुबोए लाखों रुपए: ऐशबाग के रहने वाले आयुष श्रीवास्तव ने वाट्सएप के जरिए एक ट्रेडिंग कंपनी में अधिक लाभ कमाने के लिए पैसा इन्वेस्ट किया. वो एक निजी कंपनी में इंजीनियर हैं. धीरे-धीरे उन्होंने 83 लाख रुपए जमा कर दिए लेकिन उन्हें एक भी पैसा रिटर्न नहीं मिला. लिहाजा आयुष ने भी साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई.
साइबर सेल में पीड़ित एक ही जवाब देता, लालच में हो गया: लखनऊ के साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू कहते हैं कि, रोजाना दर्जन भर लोग साइबर सेल आते हैं और खुद के साथ ट्रेडिंग के नाम पर हुई ठगी की शिकायत दर्ज कराते हैं. जब पीड़ितों से जानकारी ली जाती है तो अधिकांश लोगों का जवाब होता है कि बस लालच में कुछ समझ में ही नहीं आया, जबकि यही लालच और डर साइबर अपराधियों के सबसे बड़े हथियार हैं. किसी को भी ठगने के लिए.
ऐसे में लोगों को समझना होगा कि ये साइबर ठग थाईलैंड, मलेशिया, चीन जैसे देश में बैठ कर ठगी करते हैं और इनसे पैसा वापस मिलने की उम्मीद बहुत कम होती है. ऐसे में यदि आप जागरूक नहीं होंगे तो इनका मनोबल बढ़ेगा और ये ठगी इसी तरह जारी रखेंगे.
साइबर ठगों से कैसे बचें: साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे कहते है कि, ट्रेडिंग में धोखाधड़ी से बचने के लिए ऑनलाइन कॉल, ईमेल या अनजान मैसेज से सावधान रहने की जरूरत है. यदि आप किसी वाट्सएप ग्रुप में शामिल हो रहे हैं, तो यह जरूर जांच लें कि उसका एडमिन कौन है. यदि यह फाइनेंस से जुड़ा है, तो उनका रजिस्ट्रेशन नंबर मांगें और इसे सेबी या संबंधित लाइसेंसिंग प्लेटफॉर्म से प्रमाणित करें.
अमित कहते है कि, कभी भी अनरजिस्टर्ड संस्थाओं के साथ लेन-देन न करें और अपना पैसा ट्रांसफर करने से पहले सेबी की वेबसाइट पर उनके क्रिडेंशियल्स को वेरिफाई जरूर करें. उसके अलावा एप की वैधता की भी जांच करें. किसी भी ऐसे एप को डाउनलोड करने से बचें जो गूगल प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर पर सूचीबद्ध नहीं हैं. लॉटरी, लोन या हाई रिटर्न वाले इंवेस्टमेंट का दावा करने वाले अनचाहे मैसेज या कॉल से सावधान रहें.
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