पटना: बिहार सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत दी है. दरअसल हर साल बिहार की दोनों कंपनी और ट्रांसमिशन कंपनी की तरफ से विद्युत विनियामक आयोग के पास बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया जाता है. इस वर्ष भी बिजली दर में बढ़ोतरी को लेकर के कंपनियों के तरफ से प्रस्ताव दिया गया था. बिजली कंपनी और ट्रांसमिशन कंपनी के प्रस्ताव को लेकर के आयोग ने उपभोक्ताओं के दलील को सुना और यह तमाम दलीलों को सुनने के बाद आयोग निर्णय पर होली से पहले बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को आयोग की तरफ से राहत दी गई.
बिजली दर में दो फीसदी की कटौती: बिजली उपभोक्ताओं को बिजली दर में दो फीसदी की कटौती का ऐलान किया है. अब सोमवार यानी 1 अप्रैल से नई बिजली दर लागू हो जाएगी. सभी श्रेणी की बिजली दरों में दो प्रतिशत की कमी हुई है. बिजली कंपनी की तरफ से विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष इस वर्ष 3% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया था. यह बिहार का चौथा साल है, जब बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिली है.
किसानों को सबसे अधिक राहत: बिहार में 1 अप्रैल से 31 मार्च 2025 तक यह नई बिजली दर लागू रहेगी. सबसे खुशी बिहार के किसानों के लिए है. वैसे सभी किसान, जो कि बिजली कलेक्शन लेंगे उन्हें फसल चक्र के अनुसार साल में चार बार बिजली बिल प्रदान किया जाएगा. किसानों को अब 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल मिलेगी, जिससे कि किसानों को राहत मिलेगी.
स्ट्रीट लाइटों के चार्ज में भी कमी: इसके साथ मीटर रहित स्ट्रीट लाइटों के लिए बिजली चार्ज में भी कमी की गई है. अभी यह 7500 प्रति किलो वाट है, इसे घटा करके 4250 प्रति माह कर दिया गया है. कुटीर ज्योति कनेक्शन की दर 7. 90 रुपये प्रति यूनिट को घटा करके 7:42 किया गया है. ऑक्सीजन गैस निर्माता के लिए लोड फैक्टर प्रोत्साहन की सीमा 75% से घटकर 70 कर दिया गया है.
100 यूनिट तक काफी कम रेट: पिछले वित्तीय वर्ष से विद्युत टैरिफ का स्लैब दो भागों में बांट दिया गया है. 0 से 100 यूनिट तक दर कम है और उससे अधिक बिजली उपभोक्ता करने वाले को ज्यादा शुल्क चुकाना पड़ता है. आयोग की तरफ से यह भी बताया गया था कि ऑनलाइन सिस्टम के जरिए बिजली उपभोक्ताओं को भुगतान पर बल की राशि में एक फीसदी की छूट भी जारी रखने का फैसला लिया गया है.
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