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नीम का थाना जिले का दर्जा समाप्त करने को हाईकोर्ट में चुनौती - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान में जिलों का दर्जा समाप्त करने का विवाद. नीम का थाना जिले का दर्जा समाप्त करने को हाईकोर्ट में चुनौती.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 18, 2025, 9:08 PM IST

जयपुर: राज्य सरकार की ओर से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ओर से नव सृजित जिलों में से कुछ जिलों का दर्जा समाप्त करने का विवाद बढ़ता जा रहा है. गंगापुर सिटी के बाद अब नीम का थाना के जिले का दर्जा समाप्त करने के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिका पेश की गई है. स्थानीय पूर्व विधायक रमेश चंद्र खंडेलवाल की ओर से पेश इस याचिका पर हाईकोर्ट आगामी सप्ताह में सुनवाई करेगा.

याचिका में अधिवक्ता निखिल सैनी कहा कि राज्य सरकार ने रामलुभाया कमेटी की सिफारिशों और तय मापदंडों के आधार पर नीम का थाना सहित अन्य जिलों का सृजन किया था. उसके बाद यहां सरकारी कार्यालय और बस स्टैंड आदि के लिए जमीन आवंटित हो चुकी हैं. इसके साथ ही जिला कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी जिले में नियुक्त किया गया. वहीं, कानून-व्यवस्था पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया और इससे क्षेत्र में अपराध दर में भी कमी आई.

पढ़ें : गंगापुर सिटी के जिले का दर्जा खत्म करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका पेश - CANCELLED OF DISTRICT STATUS

इसी बीच सरकार बदलने के बाद गत 29 दिसंबर को अधिसूचना जारी कर नीमका थाना से जिले का दर्जा छीन लिया गया. याचिका में कहा गया कि समान स्थिति के कुछ अन्य जिलों को राजनीतिक कारणों से बरकरार रख गया है. जबकि करीब तीन दशक से नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग की जा रही थी. ऐसे में जिला रद्द करने की अधिसूचना को निरस्त किया जाए.

गौरतलब है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अगस्त, 2023 में तीन संभाग और 19 जिलों का गठन किया था. वर्तमान भाजपा सरकार ने गत दिसंबर माह में नव सृजित तीनों संभाग व 9 जिलों को निरस्त करते हुए आठ जिलों को यथावत रखा था.

जयपुर: राज्य सरकार की ओर से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ओर से नव सृजित जिलों में से कुछ जिलों का दर्जा समाप्त करने का विवाद बढ़ता जा रहा है. गंगापुर सिटी के बाद अब नीम का थाना के जिले का दर्जा समाप्त करने के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिका पेश की गई है. स्थानीय पूर्व विधायक रमेश चंद्र खंडेलवाल की ओर से पेश इस याचिका पर हाईकोर्ट आगामी सप्ताह में सुनवाई करेगा.

याचिका में अधिवक्ता निखिल सैनी कहा कि राज्य सरकार ने रामलुभाया कमेटी की सिफारिशों और तय मापदंडों के आधार पर नीम का थाना सहित अन्य जिलों का सृजन किया था. उसके बाद यहां सरकारी कार्यालय और बस स्टैंड आदि के लिए जमीन आवंटित हो चुकी हैं. इसके साथ ही जिला कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी जिले में नियुक्त किया गया. वहीं, कानून-व्यवस्था पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया और इससे क्षेत्र में अपराध दर में भी कमी आई.

पढ़ें : गंगापुर सिटी के जिले का दर्जा खत्म करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका पेश - CANCELLED OF DISTRICT STATUS

इसी बीच सरकार बदलने के बाद गत 29 दिसंबर को अधिसूचना जारी कर नीमका थाना से जिले का दर्जा छीन लिया गया. याचिका में कहा गया कि समान स्थिति के कुछ अन्य जिलों को राजनीतिक कारणों से बरकरार रख गया है. जबकि करीब तीन दशक से नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग की जा रही थी. ऐसे में जिला रद्द करने की अधिसूचना को निरस्त किया जाए.

गौरतलब है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अगस्त, 2023 में तीन संभाग और 19 जिलों का गठन किया था. वर्तमान भाजपा सरकार ने गत दिसंबर माह में नव सृजित तीनों संभाग व 9 जिलों को निरस्त करते हुए आठ जिलों को यथावत रखा था.

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