वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदू धर्मशास्त्र पर एक नए कोर्स की शुरुआत होने जा रही है, जहां पर विवाह संस्कार, पुरुषार्थ के साथ अन्य 21 विषयों पर धर्मशास्त्र पढ़ाया जाएगा. यह कोर्स विद्यार्थियों को 10 दिन में पढ़ाए जाएंगे, जिसमें वह परंपरा, संस्कार के बारे में न सिर्फ जान सकेंगे बल्कि इसमें सर्टिफिकेट भी ले सकेंगे. खास बात यह है कि, इसमें स्नातक स्नातकोत्तर के साथ अन्य लोग भी अपना पंजीकरण करा सकते हैं.
BHU का भारत अध्ययन केंद्र लगातार सनातन धर्म, संस्कार,पुराण, काव्य संस्कृति को लेकर अलग-अलग कोर्स का संचालन कर रहा है. इसी क्रम में युवा पीढ़ी को धर्मशास्त्र के बारे में जागरूक करने के लिए 10 दिवसीय धर्मशास्त्र पर कार्यशाला का आयोजन होने वाला है, जहां पर विद्यार्थियों को पुरुषार्थ, उपनयन संस्कार, राजधर्म, दंड संहिता, संस्कार, अंत्योष्टि, विवाह समेत 21 विषयों पर विद्यार्थियों को देश भर के 15 से अधिक शिक्षक ज्ञान देंगे.
10 दिवसीय धर्मशास्त्र का आयोजन: इस बारे में कोर्स कोआर्डिनेटर डॉ. जया बताती हैं कि विद्यार्थियों की रुचि को देखते हुए 10 दिवसीय धर्मशास्त्र पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. जहां पर देश विदेश से किसी भी आयुवर्ग, शिक्षित, अशिक्षित लोग भाग ले सकते हैं. इसमें पंजीकरण की प्रकिया शुरू हो चुकी है, जो भी अभ्यार्थी इसमे भाग लेना चाहते हैं वो अपना पंजीकरण करा सकते हैं. पंजीकरण के लिए BHU की वेबसाइट पर लॉगिन करना होगा.
कोर्स का कितना होगा पंजीकरण शुल्क: कार्यशाला का आयोजन 15 से 25 अक्टूबर तक दो सत्रों में किया जाएगा. सुबह 11:30 से 12:30 बजे और दोपहर में 12:45 से 1:45 तक इसकी कक्षा चलेगी. यह एक तरीके का शॉर्ट टर्म कोर्स है, जिसमें देश भर के प्रसिद्ध विद्वान जुड़कर लोगों को इसके विषय में बताएंगे. पंजीकरण शुल्क की बात करें तो स्नातक और स्नाकोत्तर के नियमित छात्रों के लिए 1000 और अन्य किसी भी आयु वर्ग समूह के लोगों को 1500 पंजीकरण का देना होगा. कोर्स पूरा होने के बाद अभ्यर्थियों को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, जो उनके करियर के अलग-अलग समय पर लाभदायक होगा.
14 अक्टूबर तक होगा रजिस्ट्रेशन: डॉ. जया बताती हैं कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 14 अक्टूबर तक रहेगी. अब तक 50 से ज्यादा विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है, जिसमें सबसे ज्यादा क्वेरी उत्तर, दक्षिण भारत के साथ पश्चिम बंगाल, उड़ीसा संग विदेश से भी आई है. कक्षाएं ऑनलाइन, ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों में होंगी.
इन विषयों पर होगी चर्चा: अगर 10 दिवसीय कार्यशाला में विषयों की बात करें तो, इसमें धर्मशास्त्र की भूमिका, धर्मलक्षण, देशकाल की स्थिति का वैशिष्ट्य, उत्तराधिकार महायज्ञ, दत्तक विचार, संस्कृत साहित्य में स्मृति दर्शन, काल व्यवस्था, धर्मशास्त्र और भारतीय कला, राजधर्म, पुरुषार्थ, तीर्थ यात्रा, दंड नीति, भारतीय विधि शास्त्र, विवाह, सृष्टि विज्ञान,संस्कार,अंत्योष्ठी समेंत 21 विषय शामिल हैं. इसमें सबसे खास विवाह पुरुषार्थ और संस्कार है, जिसमें युवाओं की सबसे ज्यादा रुचि है.
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