जोधपुर. संभाग मुख्यालय पर रेंज आईजी द्वारा मॉनिटरिंग तो सभी जगह पर की जाती है, लेकिन सघन मॉनिटरिंग करने की शुरूआत जोधपुर आईजी विकास कुमार द्वारा की गई है. इसके लिए बाकायदा दो-दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. जिनके मार्फत रेंज में होने वाली घटनाओं व अपराध की जांच सहित अन्य प्रक्रिया पर नजर रखी जाती है. इतना ही नहीं आई साइक्लोनर नाम के कंट्रोल रूम के मार्फत उनकी टीम रेंज के बड़े मामलों की पड़ताल करती है. बीते 2 माह में इस टीम ने जोधपुर रेंज में 3 बड़े प्ररकरण में सफलता भी हासिल की है.
आईजी बताते हैं कि टीमों का गठन मौजूदा मानव संसाधन से ही किया गया है. सबसे महत्वपूर्ण आई ऑफ साइक्लोनर है. जिसका विश्लेषण कार्रवाई का आधार बनता है. इन टीमों के गठन का अधार एप्टिट्यूट, एटिट्यट और ट्रेनिंग रखा गया. इससे ही कर्मियों का चयन किया गया और उन्हें प्रशिक्षित भी किया गया. इन टीमों के सहयोग से 23 साल से फरार चल रहे एक कुख्यात व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसके कब्जे से सैंकड़ों जिंदा कारतूस मिले, सोलर पावर प्लांट पर डकैती करने वाले गिरोह को भी पकड़ा. हमारी टीमों में इस तरह से संतुलन बनाया गया कि सूचनाएं लीक नहीं हों.
सूचना के लिए जारी किया मोबाइल नंबर: आईजी विकास कुमार ने रेंज स्तर के लोगों से सूचना के लिए अपना मोबाइल नंबर भी जारी किया है. वे बताते हैं कि बहुत सारी सूचनाएं आ रही हैं. लोग अपनी पहचान गुप्त बनाया रखना चाहते हैं जिसमें हम भी निभाते हैं. प्रत्येक सूचना का वेरिफिकेशन किया जाता है. स्थानीय थाने के अलावा हमारी टीम भी उसकी मॉनिटरिंग करती है. पुख्ता जानकारी शेयर कर कार्रवाई जा रही है.
![3 big cases solved in Jodhpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/09-04-2024/21183346_407_21183346_1712656423344.png)
मादक पदार्थ तस्करी चुनौती: आईजी मानते हैं कि क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी एक चुनौती है. इसका आधार डिमांड और सप्लाई है. हम लोगों में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे वे अपने युवाओं को इससे दूर रखें. पहले मादक पदार्थ चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ और मध्यप्रदेश से आते थे. अब यह झारखंड, मणीपुर से आने लगा है. प्रभावी कार्रवाई भी की जा रही है. चुनाव के बाद इसमें और तेजी आएगी.
पढ़ें: जोधपुर IG का नवाचार, 'संजय' से रखेंगे रेंज पर नजर
ऑपरेशन सेवंथ हॉर्स से सोलर प्लांट डकैत पकड़े: टीमों की मदद से पुख्ता जानकारी व लोकेशन मिलने के बाद जब कार्रवाई की तैयारी होती, तो प्रत्येक मिशन को एक नाम देकर अंजाम दिया जाता है. फलौदी क्षेत्र के सोलकर पावर प्लांट्स की सोलर प्लेट लूटने की घटनाएं होती रही हैं. हाल ही में एक गिरोह ने एक प्लांट पर डाका डाला और करोडों का सामान ले गए. आईजी बताते हैं कि इस मिशन को ऑपरेशन सेवंथ हॉर्स नाम दिया गया. सभी पांचों टीमों की एसआईटी ने इस पर काम शुरू किया. इनामी बदमाश शिवप्रताप विश्नोई का पूरा गिरोह पकड़ा गया. करोड़ों का माल कबाड़ियों को कोडियों के भाव बेचते हैं. अभी भी पड़ताल चल रही है.
पकड़ा 23 साल से फरार बदमाश: हत्या, मारपीट, लूट डकैती सहित अन्य संगीन वारदातों का अपराधी जैसलमेर के झिनझियाली निवासी लालसिंह 23 साल से फरार था. उसे पकड़ने के लिए 3 अप्रैल को एसआईटी बनाई गई. ऑपरेशन को नाम दिया गया सूर्यास्त. 58 हजार के इनामी लालसिंह को पकड़ने के लिए टीम ने कार्रवाई की. उसके ठीकाने पर बंदूकों के अलावा 637 जिंदा कारतूस, 440 खाली कारतूस, विस्फोटक सामग्री व हथियार ठीक करने का सामान मिला, तो पुलिस भी चकित रह गई. सीमावर्ती क्षेत्र में इतना असला एक व्यक्ति से बरामद होने के बाद से टीमें लालसिंह का नेटवर्क खंगाल रही हैं.
पढ़ें: जोधपुर रेंज आईजी ने की पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक, अपराध पर लगाम लगाने के निर्देश
बनाई पांच टीमें
रेंज कंट्रोल रूम संजय: लोगों से सीधे जुड़ने के लिए पहली बार रेंज स्तर पर कंट्रोल रूम बनाया इसके नंबर जारी किए गए. जिससे लोग अपनी परेशानी बता सकें. साथ ही जो लोग स्थानीय स्तर पर थाने में किसी आपराधिक गतिविधि की जानकारी नहीं देते है, वो हमें मिलने लगी हैं. हम उनका नाम गुप्त रखते हैं. यह काफी सफल रहा है.
थर्ड आईसेल: इस सेल के माध्यम से हमें जो सूचनाएं मिलती हैं. उनकी स्थिति के मुताबिक प्राथमिकता तय की जाती है. इसके बाद अलग-अलग तरह के अभियान चलाए जाते हैं. जो सूचनाएं एकत्र होने के बाद यहां विश्लेषण कर कार्रवाई होती है.
आई ऑफ साइक्लोनर : यहां पर अन्य टीमों से मिलने वाली जानकारी का संश्लेषण और विश्लेषण होता है. यह एक तरफ से हमारी साइबर टीम है, जिससे अन्य टीमों को तकनीकी जानकारी के आधार पर इनपुट दिया जाता है. जिससे वे आगे कार्रवाई कर सके.
स्ट्रांग और टोरनेडो : जमीनी स्तर पर सूचना का संकलन और कार्रवाई का जिम्मा इन टीमों का हैं। स्ट्रांग टीम रेंज के आर्गेनाइज क्राइम करने वाले कुख्यात लोगों पर नजर रखती है. टोरनेडो टीम बड़े मामलों में जिला स्तर पर जाकर कार्रवाई करती है, वहां की टीमों का सहयोग करती हैं.