मेरठ : राजधानी नई दिल्ली से सटे यूपी के जिलों में औद्योगिक विकास तो तेजी से हो रहा है, लेकिन इसके अनुरूप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की कमी है. ऐसे में दिल्ली के पास अपना मकान लेने या बनवाने की कई लोगों की हसरत पूरी नहीं हो पा रही है. हालांकि अब मेरठ मंडल के जिलों मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गाजियाबाद और हापुड़ में नई टाउनशिप विकसित होने जा रही है. इसमें मेरठ, गाजियाबाद और बुलंदशहर में प्रोजेक्ट धरातल पर उतरने वाला है. योजना का प्लान और कितने एरिया में आवासीय योजना बनेगी, यह तय हो चुका है. इसके साथ ही जमीन खरीदने का काम भी शुरू हो चुका है. दिल्ली के बेहद करीब इन जिलों में आवासीय योजनाओं में लोगों को आईटी पार्क, औद्योगिक क्षेत्र, अत्याधुनिक अस्पताल, अपार्टमेंट, शापिंग कांप्लेक्स, आउटलेट और शिक्षण संस्थान जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी. आइए जानते हैं इन योजनाओं की डिटेल.
गाजियाबाद में बसेगी हरनंदीपुरम टाउनशिप: मेरठ मंडल की कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे. बताती हैं कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के अधिकारियों के साथ काफी समय से चर्चा हो रही थी. इसके बाद अब योजना तैयार है. बताया कि गाज़ियाबाद में नई टाउनशिप को लेकर खास प्रस्ताव बनाया गया है. यहां हरनंदीपुरम नाम से टाउनशिप बसाई जाएगी. यह टाउनशिप 541 हेक्टेयर में बनेगी. इस नई टाउनशिप से जुड़ी अधिकतर मांगों को मंजूरी मिल चुकी है. योजना को सही समय पर और तेजी से पूरा करने के लिए सेवानिवृत्त अधिकारी और सलाहकार फर्म नियुक्त की जा रही हैं. प्राधिकरण को टाउनशिप योजना के तहत राज्य सरकार ने फंड भी दिया है.
इन गांवों से ली जाएगी जमीन, यह होगा स्वरूप : मंडलायुक्त के अनुसार हरनंदी पुरम टाउनशिप के लिए कुल 541.65 हेक्टेयर भूमि ली जानी है. यह शमशेर, चंपत नगर, भनैड़ा खुर्द, मथुरापुर, नंगला फिरोज मोहनपुर, शाहपुर मोरटा, मोरटा भोवापुर से खरीदी जाएगी. टाउनशिप की उत्तर दिशा में जहां पाइपलाइन रोड रहेगी, वहीं पश्चिम की ओर हिंडन नदी, जबकि पूर्व दिशा में नॉर्दर्न पेरिफेरल और दक्षिण दिशा की तरफ आउटर रिंग रोड होगी.
मेरठ में विकसित हो रही टीओडी टाउनशिप : मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय के मुताबिक प्रदेश की पहली इंटीग्रेटेड टीओडी टाउनशिप मेरठ में विकसित होने जा रही है. इसके लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने किसानों से जमीन का बैनामा करना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं, टाउनशिप के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से 200 करोड़ रुपये का बजट भी मेडा को जारी किया जा चुका है.
141.88 हेक्टेयर जमीन खरीदी जाएगी: मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी के मुताबिक एक्सप्रेसवे के इंटरचेंज से दो किमी दूर चीनी मिल के सामने यह टाउनशिप बसेगी. आरआरटीएस कॉरिडोर के मेरठ साउथ यानी भूड़बराल स्टेशन से इसकी दूरी महज 1.50 किलोमीटर है. यह टाउनशिप मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल के सामने विकसित की जाएगी. दिल्ली रोड के किनारे मोहिउद्दीनपुर और छज्जूपुर में इसके लिए जमीन खरीदी जाएगी. इसका नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है. दोनों गांवों की कुल मिलाकर 141.88 हेक्टेयर भूमि पर टाउनशिप विकसित होगी. पहले फेज के लिए कुल 112 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. कुल 750 किसानों से जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. जमीन खरीदने की प्रक्रिया जारी है. ख़ास बात यह है कि 33 साल बाद मेरठ में इस तरह की टाउनशिप बनने जा रही है. मेरठ विकास प्राधिकरण ने 1987-91 तक विभिन्न कालोनियों के लिए भूमि अधिग्रहण किया था. 1991 में शताब्दीनगर योजना विकसित हुई थी, उसके बाद लगभग 33 साल साल बाद अब यह नई कॉलोनी विकसित होने जा रही है.
टाउनशिप में ये रहेंगी सुविधाएं : इस टाउनशिप में आईटी पार्क, औद्योगिक क्षेत्र, अत्याधुनिक अस्पताल, अपार्टमेंट, शापिंग कांप्लेक्स, आउटलेट, शिक्षण संस्थान के अलावा टाउनशिप के अंदर परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की सुविधा भी मिलेगी.
मेरठ मंडल के जिलों में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की डिमांड : मेरठ मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. कहती हैं कि मेरठ मंडल के सभी जिलों से दिल्ली की ज्यादा दूरी नहीं है. वहीं बेहतर होती जा रही कनेक्टिविटी के बाद तो लोग मेरठ मंडल के अलग-अलग जिलों की तरफ अपना मकान बनाने के लिए बड़ी ही उम्मीद से देख रहे हैं. यहां नई टाउनशिप और हाउसिंग की डिमांड काफी बढ़ गई है. ऐसे में मंडल के हर जिले में कुछ स्थान चिन्हित किए गए हैं. बताया कि मेरठ विकास प्राधिकरण इस पर खास फोकस किए हुए है और रेपिड के दोनों तरफ टाउनशिप को लेकर योजना तैयार की जा रही है.
हापुड़ और बागपत में भी तैयारी : मेरठ मंडल की कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे. ने बताया कि हापुड़ और बागपत में भी जमीन देखी जा रही है. क्योंकि ब्रजघाट भी हापुड़ का महत्वपूर्ण स्थान है, ऐसे में उस के समीप भी मंथन चल रहा है. यहां अच्छे रेट में अच्छी फैसिलिटी के साथ लोग नई टाउनशिप में रह सकेंगे. कहा कि विश्वास है कि एक महीने में कार्य शुरु हो जाएगा.
मेरठ मंडल के जिलों में विकसित हो रहीं टाउनशिप की खास बातें
- दिल्ली के कम दूरी और बेहतर कनेक्टिविटी के कारण मेरठ मंडल के जिलों में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की डिमांड.
- मेरठ-गाजियाबाद में आवासीय योजना पर काम शुरू. हापुड़ और बागपत में भी चल रही तैयारी.
- योजनाओं के लिए एरिया निर्धारित, साथ ही क्या मिलेंगी सुविधाएं, यह भी तय.
- सभी योजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू.
- विकसित हो रहीं टाउनशिप में हाईटेक सुविधाओं को देने पर रहेगा जोर.
बुलंदशहर में नई टाउनशिप के लिए बन चुका है प्लान : बुलंदशहर की दिल्ली से दूरी महज सवा घंटे की है. जिले के सिकंदराबाद क्षेत्र में प्राधिकरण ने कई माह पूर्व हाईटेक टाउनशिप विकसित करने के लिए 200 एकड़ भूमि का चयन किया था. जिसके लिए कुल 700 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया था. इसके लिए शासन से कुल 170 करोड़ रुपये की धनराशि प्राधिकरण को मिलनी है. भूमि अर्जन लागत में आने वाले खर्च का 50 प्रतिशत तक सरकार की ओर से वहन किया जाना है. जबकि बाकी धनराशि का इंतजाम बुलंदशहर विकास प्राधिकरण करेगा. इसके लिए भी बीडीए अपने रिक्त पड़े प्लॉट और फ्लैट समेत नए कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और दुकानों की नीलामी से पैसा एकत्र करने के लिए एक्टिव हो गया है. मल्टीस्टोरी, कॉम्प्लेक्स आदि का निर्माण किया जाएगा. शासन ने पहले ही प्राधिकरण को मंजूरी दे दी है.
बागपत में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप की मांग : अभी दो दिन पूर्व बागपत के सांसद डॉक्टर राजकुमार सांगवान ने तो केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर परतापुर में डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर स्टेशन पर इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग कलस्टर के साथ इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप व लॉजिस्टिक हब बनाने की मांग की थी. सांसद का तर्क था कि बागपत दिल्ली के निकट है, लेकिन औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों में काफी पिछड़ा हुआ है. सांसद का मानना है कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, एनसीआरटीसी के आरआरटीएस कॉरिडोर, पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर, दिल्ली-मेरठ, मेरठ-करनाल राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी तो बेहतर हुई है. ऐसे में बागपत में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप और लॉजिस्टिक हब परियोजना को लेकर अगर स्वीकृति मिल जाए तो बेशक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.