जयपुर : बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष को बदल दिया है. पार्टी ने सीपी जोशी की जगह राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को प्रदेश संगठन की कमान सौंपी है. बीजेपी ने जिस तरह से सात माह पहले सत्ता में आने के बाद नए नवेले चेहरे और पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को सीएम बनाकर चौंकाया था, ठीक उसी तरह से अब प्रदेश अध्यक्ष के मामले में किया है. सूबे के दिग्गज नेताओं से इतर से बेहद सामान्य कार्यकर्ता और ओबीसी चेहरे मदन राठौड़ को राजस्थान बीजेपी की कमान सौंपी है. इतना ही नहीं मदन राठौड़ की ताजपोशी भी भव्य तरीके से की गई और ये दिखाया गया कि पार्टी एकजुट है. पिछले कुछ सालों से खेमों में बटी बीजेपी राठौड़ के पदभार ग्रहण समोरह में एक मंच पर दिखी.
राठौड़ ने अध्यक्ष पद ग्रहण कर लिया है. इसी के साथ अब नई टीम के गठन को लेकर भाजपा के सियासी हलकों में चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. सूत्रों की मानें तो राठौड़ नए सिरे से अपनी टीम तैयार करेंगे. इसको लेकर तैयारी भी शुरू हो गई और केंद्रीय नेतृत्व से इसको लेकर अनुमति भी ले ली गई है. माना जा रहा है कि विधानसभा के उपचुनाव में पार्टी नई टीम और नई ऊर्जा के साथ मैदान में उतरेगी.
राठौड़ की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ अध्यक्ष पद संभालने के बाद वापस दिल्ली चले गए. दिल्ली में राज्यसभा की कार्यवाही में शामिल होने के साथ ही बुधवार शाम को मदन राठौड़ ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंत्री जेपी नड्डा से नई दिल्ली में मुलाकात की. नड्डा और राठौड़ की इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया गया, लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा है कि राठौड़ ने जेपी नड्डा से राजस्थान में पाली, जालौर, जैसलमेर सहित ओलावृष्टि वाले जिलों को लेकर भी विस्तृत चर्चा की. इसके साथ ही आगामी दिनों में संगठन की कार्ययोजना को लेकर भी चर्चा की. सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से प्रदेश के बदले सिनेरियो के बाद नए सिरे से संगठन बनाने को लेकर इस बैठक में चर्चा हुई है. राठौड़ को केंद्रीय नेतृत्व से अपनी नई टीम बनाने की हरी झंडी मिल गई है. बताया जा रहा है कि राठौड़ न केवल प्रदेश संगठन में बल्कि मोर्चों में बदलाव कर सकते हैं, ताकि नए सिरे से टीम बनाई जा सके.
विधानसभा उपचुनाव जीतना है बड़ा चैलेंज : पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बदलने के साथ ही प्रदेश प्रभारी भी बदल दिया है. राज्यसभा सांसद राधामोहन दास अग्रवाल को राजस्थान का प्रभार सौंपा गया है. राठौड़ और अग्रवाल के कंधों पर अब सबसे बड़ी जिम्मेदारी राजस्थान में आने वाले समय में विधानसभा की 6 सीटों पर होने वाले उपचुनावों में पार्टी को जीत दिलाना है. लोकसभा चुनाव में पांच विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद ये पांच सीटें खाली हुई है, जबकि एक सीट सलूंबर विधायक अमृत लाल मीणा के निधन के साथ खाली हुई है. इन 6 सीटों पर उपचुनाव मदन राठौड़ के सामने अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. यही वजह है कि नई टीम में राठौड़ को ना केवल उपचुनाव, बल्कि आगामी पंचायती राज और नगर निकायचुनाव को ध्यान में रख कर टीम बनानी होगी, जिसमें जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाया जा सके.