लखनऊ : गले के कैंसर के लिए आमतौर पर सिगरेट, तंबाकू या पान मसाले को ही जिम्मेदार माना जाता रहा है लेकिन, राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में कैंसर विभाग में कई ऐसे भी केस सामने आने लगे हैं जिनसे लोग हैरान हैं. जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया वे भी इससे पीड़ित हो रहे हैं. डॉक्टर का मानना है कि करीब 25 प्रतिशत मरीजों में गले का कैंसर होने का कारण पता नहीं चल पाता है. ऐसे केसों की स्टडी की जा रही है.
एक साल में बढ़े 15 परसेंट पेशेंट : बलरामपुर अस्पताल और कल्याण सिंह कैंसर अस्पताल में बीते एक वर्ष में गले के कैंसर से पीड़ित मरीजों की संख्या 15 प्रतिशत बढ़ी है. दोनों ही संस्थानों के डॉक्टरों के मुताबिक, गले के कैंसर के 60 प्रतिशत मरीजों की केस हिस्ट्री एक जैसी ही है.
यानी कि ये सभी किसी न किसी प्रकार का नशा करते हैं जिसमें खासकर तबाकू और सिगरेट है. हालांकि इसमें कुछ ऐसे भी है जो प्रदूषण से कैंसर से ग्रसित हुए हैं, जिसकी संख्या पांच प्रतिशत तक है.
महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक : कल्याण सिंह कैंसर इंस्टीट्यूट का सीएमएस देवाशीष शुक्ला बताते है कि कैंसर का इलाज कराने वाले मरीजों की औसत आयु 50 से 60 वर्ष के बीच है. खास बात यह है कि कैंसर की चपेट में आने वालों में महिलाओं की अपेक्षा पुरषों की संख्या अधिक है. उनके मुताबिक, करीब 70 प्रतिशत पुरुष तो 30 प्रतिशत महिलाएं गले के कैंसर से पीड़ित हैं.
धूम्रपान व तंबाकू सेवन न करने वाले भी हो रहे पीड़ित : बलरामपुर अस्पताल में कैंसर विभाग की डॉक्टर श्रष्टि कहती है कि बिना धूम्रपान वाले कई मरीज आ रहे हैं. वे गले के कैंसर से पीड़ित हैं. ऐसे केसों की स्टडी की जा रही है. सिगरेट पीने वाले व्यक्ति के पास बैठने पर भी कैंसर हो सकता है.
सेक्स गले के कैंसर का सबसे बड़ा कारण हो सकता : डॉक्टर श्रष्टि कहती है कि उनके पास आने वाले सबसे अधिक मरीज एचपीवी वायरस के चलते गले के कैंसर से पीड़ित होते हैं. एचपीवी वायरस एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर होते हैं. ये वायरस खासकर ओरल, ऐनल और वजाइन सेक्स से ट्रांसफर होते हैं. हमारे पास आने वाले ऐसे मरीजों की संख्या 70 प्रतिशत तक है.
ये रखनी होंगी सावधानियां : सिगरेट, तंबाकू और शराब से बनाएं दूरी, किसी भी ऐसे व्यक्ति के पास ज्यादा देर के लिए न बैठे, जो सिगरेट पीता हो, एचपीवी वायरस से बचने के लिए ओरल, वजाइन सेक्स करते समय प्रिकॉशन का इस्तमाल करना चाहिए. किसी व्यक्ति को खाने-पीने में गले में समस्या हो तो तत्काल PFT टेस्ट करवाएं.
सांस लेते समय ताकत व खिंचाव महसूस होने पर भी गले के कैंसर के संकेत हो सकते हैं. इसके अलावा थूकते, खांसते समय खून का आना, आवाज में धीरे-धीरे बदलाव होना और लंबे समय से कोई गांठ गले में महसूस होना भी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं.
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