ग्वालियर। शहर के माधवगंज थाना क्षेत्र में रहने वाली एक नाबालिग के साथ लगभग डेढ़ साल तक पड़ोसी युवक बहला फुसला कर दुष्कर्म करता रहा. लड़की द्वारा विरोध करने पर वह उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देता था. पड़ोसी युवक सैफ पठान लड़की को स्कूल जाते वक्त बीच रास्ते से ही धमका कर अपने साथ ले जाता था और अपने ठिकाने पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म करता था. परेशान होकर आखिरकार लड़की ने परिजनों को इसकी जानकारी दी.
नाबालिग से पड़ोसी करता रहा रेप
दरअसल, शहर में स्कूल जाते वक्त नाबालिग को बहला-फुसला कर अपने साथ ले जाकर डेढ़ साल तक युवक दुष्कर्म करता रहा. जब लड़की ने विरोध किया तो उसने जान से मारने की धमकी दी. आखिर में परेशान होकर नाबालिग ने परिवार के लोगों को पड़ोसी सैफ पठान की करतूत के बारे में बताया. इसके बाद लड़की को लेकर परिवार के लोग पुलिस थाने पहुंचे. जहां आरोपी सैफ पठान के खिलाफ पुलिस ने लड़की के अपहरण कर दुष्कर्म धमकाने और पॉक्सो एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. मामला दूसरे संप्रदाय से जुडा होने के कारण पुलिस ने आरोपी तत्काल गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
आरोपी सैफ पठान ने सोमवार को भी लड़की को स्कूल जाते वक्त अगवा किया. उसे अपने दोस्त के कमरे पर ले जाकर हवस का शिकार बनाया. इस बार लड़की ने हिम्मत दिखाते हुए अपने परिवार के लोगों को पूरी बात बता दी. पुलिस ने इस घटना के बाद लोगों से अपील की है कि वह अपने किशोर उम्र के बच्चों पर विशेष निगाह रखे. वह कहां आते-जाते हैं अथवा किन लोगों से उनकी मित्रता है. अन्यथा बच्चे दिग्भ्रमित होकर कुछ भी कदम उठा सकते हैं. शोषण का शिकार हो सकते हैं.
दूसरे मामले में आरोपियों पर कार्रवाई नहीं
वहीं ग्वालियर के एक दूसरे मामले में मुफ्त में शराब और खाना नहीं खिलाने के चलते होटल संचालक पर कातिलाना हमला करने वाले हत्यारे अभी भी पीड़ित परिवार को धमकाते हुए घूम रहे हैं. घर के अन्य सदस्य होटल पर बदमाशों के खौफ से नहीं जा पा रहे हैं. इसी मुद्दे को लेकर खटीक समाज के लोगों ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन किया. गौरतलब है कि 25 जनवरी को ट्रांसपोर्ट नगर पार्किंग नंबर दो के पास होटल संचालित करने वाले राधेश्याम खटीक और उसके भतीजे पर अजीत तोमर और प्रवीण तोमर ने कातिलाना हमला किया था, लेकिन बहोडापुर के थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह तोमर ने हमलावरों के सजातीय होने के चलते बेहद मामूली धाराओं में अपराध दर्ज किया.
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वहीं गंभीर रूप से घायल राधेश्याम खटीक ने चार दिन तक जिंदगी और मौत से संघर्ष करने के बाद 29 जनवरी को अस्पताल में दम तोड़ दिया. इसके बाद भी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया. बाद में घर के लोगों को प्रदर्शन करना पड़ा. अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद अजीत तोमर, प्रवीण तोमर और तीन अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है.