बस्तर : जगदलपुर स्थित महारानी अस्पताल पर सबसे ज्यादा 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है. हालांकि महारानी हॉस्पिटल ने अपना जुर्माना डीडी के माध्यम से पटा दिया है. अन्य अस्पतालों में कांकेर जिले के न्यू लाइफ हॉस्पिटल पर 32 हजार 400, नारायणपुर के आईसीसी शांति हॉस्पिटल पर 6 हजार, नेताम हॉस्पिटल एंड इन्फर्टिलिटी सेंटर पर 33 हजार 600, और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुम्हरावण्ड, तितिरगांव और नगरनार पर 37 हजार 200 रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
पर्यावरण संरक्षण के कनिष्ठ वैज्ञानिक प्रवीण कुमार भारती ने बताया कि बस्तर संभाग में उल्लंघन कार्य चिकित्सा संस्थान के विरुद्ध कोर्ट के निर्देशानुसार EC द्रोपित किए हैं. महारानी अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुम्हारावंड, नगरनार और तितिरगांव में जुर्माना किया गया है. इसके अलावा कांकेर जिले में न्यू लाइफ हॉस्पिटल में जुर्माना लगाया गया है.
''आगे यदि कोई भी चिकित्सा संस्थान चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 का उल्लंघन करेगा. उन पर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा कार्रवाई की जाएगी. महारानी अस्पताल ने जुर्माने की राशि जमा कर दी है. बाकी अन्य अस्पतालों को पत्राचार करके आगे की आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.''- प्रवीण कुमार भारती, कनिष्ठ वैज्ञानिक, पर्यावरण संरक्षण
सीएमएचओ संजय बसाक ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ज्यादातर अस्पतालों में मेडिकल वेस्ट के निपटारे की व्यवस्था हो चुकी है. शेष अस्पतालों के लिए पर्यावरण विभाग से समय मांगा गया है. उन्होंने यह भी माना कि पूर्व सीएमएचओ की लापरवाही के कारण कार्रवाई हो रही है.
''राज्य सरकार को पर्यावरण कंपनसेशन की जानकारी दे दी गई है. और भविष्य में मेडिकल वेस्ट डंपिंग के लिए भूमि अधिग्रहण करने की योजना बनाई जा रही है.'' संजय बसाक, सीएमएचओ
बस्तर संभाग में ऐसे और भी स्वास्थ्य केंद्र हैं. जहां मेडिकल वेस्ट को लेकर पर्यावरण विभाग ने जांच किया है. आने वाले समय में और भी जुर्माना इन हॉस्पिटल और स्वास्थ्य केंद्रों में लगाए जा सकते हैं.