कुल्लू: देश की राजधानी दिल्ली में हुई अंतरराष्ट्रीय खो-खो प्रतियोगिता में भारत की टीम ने अपना दबदबा कायम रखा है. सीनियर महिला वर्ग की टीम ने फाइनल मैच जीत कर यह खिताब अपने नाम किया है. इस टीम में हिमाचल से एकमात्र खिलाड़ी नीता ने भी भाग लिया. वह इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाली हिमाचल की पहली खिलाड़ी हैं.
कुल्लू की रहने वाली है नीता
नीता जिला कुल्लू के खराहल घाटी की रहने वाली हैं. साल 2014 से वह खो-खो की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग ले रही हैं. नीता ने अपने खेल का सफर साल 2014 में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खराहल से राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेकर किया. नीता अब तक कुल 13 बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी हैं.
भाई से मिली खो-खो खेलने की प्रेरणा
नीता ने बताया "मेरा बड़ा भाई भी खो-खो का खिलाड़ी रह चुका है और मेरे पिता किसान हैं. मुझे अपने भाई से खो-खो खेलने की प्रेरणा मिली और परिजनों के सहयोग से मैं आज इस मुकाम पर पहुंच पाई हूं." नीता ने बताया कि उन्होंने 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद खो-खो के आगामी प्रशिक्षण के लिए पंजाब चली गईं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में उन्हें सुविधा नहीं मिल पा रही थी जिसके चलते उन्हें पंजाब का रुख करना पड़ा.
नीता ने बताया "प्रदेश में खो-खो को बढ़ावा देने की आवश्यकता है. प्रदेश में खो-खो के बेहतरीन खिलाड़ी हैं. यदि इन खिलाड़ियों को सही मार्गदर्शन और सुविधाएं मिले तो प्रदेश और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन होगा." नीता वर्तमान में लवली विवि में एमपीएड की पढ़ाई कर रही हैं. बता दें कि भारत की महिला टीम ने नेपाल को 78-40 के बड़े अंतर से हराकर खिताब पर कब्जा किया. खो-खो वर्ल्ड कप 13 से 19 जनवरी तक नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में खेला गया.
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