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नीट यूजी परीक्षा 2024 पर विवाद; विशषज्ञों ने भी जताई नाराजगी, अच्छे अंक के बावजूद अच्छे मेडिकल कॉलेज में दाखिला असंभव - Neet Ug exam 2024 Controversy

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 10, 2024, 11:06 PM IST

नीट यूजी परीक्षा में अच्छे अंक पाने के बाद भी अबकी बार स्टूडेंट्स नहीं ले पाएंगे अच्छे मेडिकल कॉलेज में दाखिला, जनिए वजह...

नीट एग्जाम की कड़ाई से जांच की मांग
नीट एग्जाम की कड़ाई से जांच की मांग (Photo Credit ETV Bharat)
नीट एग्जाम में धांधली का आरोप (video Credit ETV Bharat)

लखनऊ: नीट यूजी एग्जाम 2024 की काउंसलिंग जल्द ही शुरू होने वाली है. लेकिन अबकी बार 60 से अधिक स्टूडेंट के अंक 720 आए हुए हैं. आश्चर्यजनक बात यह है कि एक ही परीक्षा सेंटर के करीब 24 से 25 स्टूडेंट्स 720 अंक पाए हुए हैं. यह कैसे संभव हो सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक अबकी बार नीट परीक्षा में कोई न कोई धांधली हुई है. इस बार कट ऑफ भी काफी अधिक है. जिसकी वजह से 640 अंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स का भी टॉप मेडिकल कॉलेजों में दाखिला होना संभव नहीं है. स्टूडेंट की ओर से यह बात हो रही है कि, नीट परीक्षा में पारदर्शिता नहीं हुई है. शिक्षाविदों का कहना है कि, 4 जून को जब लोकसभा चुनाव का नतीजा घोषित हो रहा था, उसे समय रात में करीब 10 बजे एनडीए ने रिजल्ट घोषित किया है. जबकि रिजल्ट जारी करने की तारीख 14 जून को थी. इतनी जल्दबाजी किस बात की थी.

बाराबंकी के रहने वाले हिमांशु द्विवेदी लखनऊ रहकर नीट की तैयारी कर रहे हैं. इस बार हिमांशु का 640 नंबर होने के बावजूद अच्छे कॉलेज में दाखिला नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि, इसके पीछे कई वजहें हैं. पेपर अधिक कठीन नहीं था, कंपीटशन अधिक है, कटऑफ बहुत अधिक जा रहे हैं, नीट के पेपर में भी अब धांधली हो रही है. हिमांशु ने कहा कि यह बहुत ही गलत बात है.एनटीए से यही अनुरोध है कि, इसकी कड़ी जांच करें. ताकि, बच्चों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो, अभी फिलहाल मन बहुत डरा हुआ है. लग ही नहीं रहा है कि मेरा दाखिला किसी अच्छे मेडिकल कॉलेज में हो पाएगा.

केजीएमयू के एमबीबीएस के तीसरे वर्ष की पढ़ाई कर रहे जूनियर रेजिडेंट डॉ. अनिल वर्मा ने बताया कि, 2021 में मेरा सिलेक्शन हुआ था. उसे समय मेरा मार्क्स 720 में से 664 अंक आया था. उन्होंने कहा कि हमारे टाइम पर 664 नंबर पर केजीएमयू मिल गया था. इस बार का जो रिजल्ट है, उस हिसाब से अभी जो रैंकिंग है उससे ऐसा लग रहा हैं कि 690 के ऊपर ही किसी स्टूडेंट केजीएमयू मिलेगा. इतना ज्यादा जो अंतर आया है. यह कहीं न कहीं एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है कि आखिर रिजल्ट में कुछ न कुछ गड़बड़ी जरूर हुई है. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. इसके अलावा जो बच्चे अभी नीट की तैयारी कर रहे हैं. उन्हें भी यह आईडिया नहीं लग पा रहा है कि, वह कितना टारगेट लेकर चलें कि, एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में दाखिला हो सकें. हर तरफ से अभी स्टूडेंट में निराशा और हताशा ही है.

आईएमएस बीएचयू के जूनियर रेजिडेंट डॉ. विजय वर्मा ने कहा कि, 2021 बैच में मेरा चयन हुआ था इस समय में एमबीबीएस थर्ड ईयर का स्टूडेंट हूं. इस बार के नीट के रिजल्ट का अगर एनालिसिस करें तो साफ तौर पर देखा जा सकता है कि, कुछ न कुछ गड़बड़ी जरूर हुई है. जिसकी वजह से बहुत सारे स्टूडेंट के मार्क्स अच्छे आते हुए भी उन्हें एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिल सकेगा. यह एक जांच का मुद्दा है कि एक ही केंद्र के इतने सारे बच्चों के मार्क्स 720 में से 720 कैसे आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि सीधे तौर पर इसमें एनटीए जिम्मेदार है.

चिकित्सा शिक्षा एक्सपर्ट शाहनवाज खान ने कहा कि, यह एक बड़ी निन्दनीय घटना है, शुरुआत में सिर्फ एक दो स्टूडेंट्स के बारे में पता चला कि उनका 720 अंक में से 720 अंक प्राप्त हुआ है, लेकिन थोड़ी ही देर बाद पता चलता है कि इस बार लगभग 67 स्टूडेंट के अंक 720 आए हुए हैंं. जो की दर्शाता है कि कहीं ना कहीं धांधली जरूर हुई है, क्योंकि पिछले कुछ साल का अगर डाटा निकलते हैं तो देखा गया है कि, चार से अधिक ऐसे स्टूडेंट्स नहीं आए थे जिन्होंने 720 में से 720 अंक प्राप्त किया हो. साल 2023 में दो स्टूडेंट और साल 2023 में 4 स्टूडेंट के 720 में से 720 अंक आए थे. लेकिन इस बार 67 स्टूडेंट के 720 में से 720 अंक आए हैं. जो की यह दर्शाता है कि, कहीं ना कहीं कोई ना कोई चूक जरूर हुई है.

ये भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, नीट-यूजी 2024 के नतीजे वापस लेने और फिर से परीक्षा कराने की मांग

नीट एग्जाम में धांधली का आरोप (video Credit ETV Bharat)

लखनऊ: नीट यूजी एग्जाम 2024 की काउंसलिंग जल्द ही शुरू होने वाली है. लेकिन अबकी बार 60 से अधिक स्टूडेंट के अंक 720 आए हुए हैं. आश्चर्यजनक बात यह है कि एक ही परीक्षा सेंटर के करीब 24 से 25 स्टूडेंट्स 720 अंक पाए हुए हैं. यह कैसे संभव हो सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक अबकी बार नीट परीक्षा में कोई न कोई धांधली हुई है. इस बार कट ऑफ भी काफी अधिक है. जिसकी वजह से 640 अंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स का भी टॉप मेडिकल कॉलेजों में दाखिला होना संभव नहीं है. स्टूडेंट की ओर से यह बात हो रही है कि, नीट परीक्षा में पारदर्शिता नहीं हुई है. शिक्षाविदों का कहना है कि, 4 जून को जब लोकसभा चुनाव का नतीजा घोषित हो रहा था, उसे समय रात में करीब 10 बजे एनडीए ने रिजल्ट घोषित किया है. जबकि रिजल्ट जारी करने की तारीख 14 जून को थी. इतनी जल्दबाजी किस बात की थी.

बाराबंकी के रहने वाले हिमांशु द्विवेदी लखनऊ रहकर नीट की तैयारी कर रहे हैं. इस बार हिमांशु का 640 नंबर होने के बावजूद अच्छे कॉलेज में दाखिला नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि, इसके पीछे कई वजहें हैं. पेपर अधिक कठीन नहीं था, कंपीटशन अधिक है, कटऑफ बहुत अधिक जा रहे हैं, नीट के पेपर में भी अब धांधली हो रही है. हिमांशु ने कहा कि यह बहुत ही गलत बात है.एनटीए से यही अनुरोध है कि, इसकी कड़ी जांच करें. ताकि, बच्चों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो, अभी फिलहाल मन बहुत डरा हुआ है. लग ही नहीं रहा है कि मेरा दाखिला किसी अच्छे मेडिकल कॉलेज में हो पाएगा.

केजीएमयू के एमबीबीएस के तीसरे वर्ष की पढ़ाई कर रहे जूनियर रेजिडेंट डॉ. अनिल वर्मा ने बताया कि, 2021 में मेरा सिलेक्शन हुआ था. उसे समय मेरा मार्क्स 720 में से 664 अंक आया था. उन्होंने कहा कि हमारे टाइम पर 664 नंबर पर केजीएमयू मिल गया था. इस बार का जो रिजल्ट है, उस हिसाब से अभी जो रैंकिंग है उससे ऐसा लग रहा हैं कि 690 के ऊपर ही किसी स्टूडेंट केजीएमयू मिलेगा. इतना ज्यादा जो अंतर आया है. यह कहीं न कहीं एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है कि आखिर रिजल्ट में कुछ न कुछ गड़बड़ी जरूर हुई है. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. इसके अलावा जो बच्चे अभी नीट की तैयारी कर रहे हैं. उन्हें भी यह आईडिया नहीं लग पा रहा है कि, वह कितना टारगेट लेकर चलें कि, एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में दाखिला हो सकें. हर तरफ से अभी स्टूडेंट में निराशा और हताशा ही है.

आईएमएस बीएचयू के जूनियर रेजिडेंट डॉ. विजय वर्मा ने कहा कि, 2021 बैच में मेरा चयन हुआ था इस समय में एमबीबीएस थर्ड ईयर का स्टूडेंट हूं. इस बार के नीट के रिजल्ट का अगर एनालिसिस करें तो साफ तौर पर देखा जा सकता है कि, कुछ न कुछ गड़बड़ी जरूर हुई है. जिसकी वजह से बहुत सारे स्टूडेंट के मार्क्स अच्छे आते हुए भी उन्हें एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिल सकेगा. यह एक जांच का मुद्दा है कि एक ही केंद्र के इतने सारे बच्चों के मार्क्स 720 में से 720 कैसे आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि सीधे तौर पर इसमें एनटीए जिम्मेदार है.

चिकित्सा शिक्षा एक्सपर्ट शाहनवाज खान ने कहा कि, यह एक बड़ी निन्दनीय घटना है, शुरुआत में सिर्फ एक दो स्टूडेंट्स के बारे में पता चला कि उनका 720 अंक में से 720 अंक प्राप्त हुआ है, लेकिन थोड़ी ही देर बाद पता चलता है कि इस बार लगभग 67 स्टूडेंट के अंक 720 आए हुए हैंं. जो की दर्शाता है कि कहीं ना कहीं धांधली जरूर हुई है, क्योंकि पिछले कुछ साल का अगर डाटा निकलते हैं तो देखा गया है कि, चार से अधिक ऐसे स्टूडेंट्स नहीं आए थे जिन्होंने 720 में से 720 अंक प्राप्त किया हो. साल 2023 में दो स्टूडेंट और साल 2023 में 4 स्टूडेंट के 720 में से 720 अंक आए थे. लेकिन इस बार 67 स्टूडेंट के 720 में से 720 अंक आए हैं. जो की यह दर्शाता है कि, कहीं ना कहीं कोई ना कोई चूक जरूर हुई है.

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