कोटा. नीट यूजी 2024 का परीक्षा परिणाम जारी किए जाने के बाद कैंडिडेट व अभिभावकों में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की कार्यप्रणाली को लेकर रोष व्याप्त है. यह रोष व संदेह का मुख्य कारण कुछ कैंडिडेट के 719 व 718 अंक स्कोरकार्ड में आना है. यह तार्किक रूप से संभव नहीं है. क्योंकि नीट परीक्षा में पूर्णांक 720 अंक हैं. कैंडिडेट या तो एक प्रश्न छोड़ सकता है या फिर एक प्रश्न गलत कर सकता है. ऐसी स्थिति में उसे 716/720 या 715/720 अंक मिलते, लेकिन किसी भी स्थिति में कैंडिडेट को 719 व 718 अंक प्राप्त नहीं हो सकते.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि जब विषय विशेषज्ञों, कैंडिडेट व पेरेंट्स को यह ज्ञात हुआ कि एजेंसी की मार्किंग प्रक्रिया में खामी है, तो लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर यह सूचना प्रसारित करना प्रारंभ कर दिया. एजेंसी ने जवाब देते हुए लिखा कि अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. ऐसे में यह ग्रेस मार्क्स इतिहास में पहली बार नीट यूजी में दिए गए हैं. देव शर्मा ने बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने बताया है कि कई कैंडिडेट्स के परीक्षा के दौरान पूरा समय नहीं मिला था, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की जांच में भी यही सामने आया था. इन कैंडीडेट्स ने न्यायालय में गुहार लगाई, जहां से न्यायालय ने एनटीए को आदेश दिया था, जिसके बाद भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नॉर्मलाइज्ड मार्क्स उन्हें दिए हैं.
इसमें एजेंसी ने माना है कि इन कैंडिडेट्स को करीब 5 अंक ग्रेसिंग मार्क्स के रूप में दिए गए हैं. हालांकि देव शर्मा ने बताया कि एनटीए को अपनी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बरतनी होगी. एजेंसी के परीक्षा परिणाम जारी करने से पहले नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया की ऑफिशियल सूचना सार्वजनिक तौर पर जारी की जानी चाहिए थी. अचानक से इस तरह की चीजों का सार्वजनिक होना एजेंसी की कार्य प्रणाली पर संदेह उत्पन्न करता है.
एक प्रश्न ने बढ़ा दिए 44 टॉपर: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की जारी की गई प्रोविजनल आंसर की में फिजिक्स के एक प्रश्न के उत्तर पर कैंडिडेट्स ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद उसके ऑप्शन को एनटीए ने सही माना है. ऐसे में जहां पर पहले 720 नंबर पर करीब 23 कैंडिडेट थे, इसके बाद 44 कैंडिडेट्स के भी नंबर बढ़ गए. इसके चलते हुए वे भी 720 अंक पर पहुंच गए हैं. इसके बाद नीट यूजी 2024 में टॉपर्स की संख्या बढ़कर 67 हो गई.