कोटा. मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट यूजी) में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या में अंग्रेजी मीडियम स्टूडेंट्स का जबरदस्त दबदबा है. यह दबदबा लगातार बढ़ रहा है. बीते 3 सालों के आंकड़ों का एनालिसिस करने पर सामने आता है कि अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों की संख्या हर साल लगभग 2 लाख बढ़ जाती है, जबकि नीट यूजी प्रवेश परीक्षा का आयोजन अंग्रेजी, हिंदी सहित 13 भाषाओं में किया जाता है. इस परीक्षा में हिंदी, उर्दू व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में सम्मिलित होने वाले विद्यार्थियों की संख्या, अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों की संख्या के सामने फीकी है.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि आंकड़ों पर नजर डालें तो सामने आता है कि हर साल अंग्रेजी भाषा में परीक्षा देने वाले विद्यार्थी जितने बढ़ते हैं, उतने तो अन्य भाषाओं के ही कुल विद्यार्थी हैं. देव शर्मा ने बताया कि साल 2021 से 2022 के दौरान अंग्रेजी माध्यम की विद्यार्थियों की संख्या 2.11 लाख बढ़ी, जबकि हिंदी मीडियम के स्टूडेंट की संख्या महज 30 हजार बढ़ी है. वहीं, 2022 से 2023 में यह संख्या 1.96 लाख थी. इस दौरान हिंदी मीडियम के 18 हजार विद्यार्थियों की वृद्धि हुई.
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देव शर्मा ने बताया कि हिंदीभाषी प्रदेशों की राज्य सरकारों को इन विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रयास करने होंगे. वहां क्वालिटी एजूकेशन और बेहतर शिक्षक उपलब्ध कराने होंगे. स्कूली शिक्षा के दौरान ही हिंदी माध्यम के इच्छुक विद्यार्थियों को मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीटयूजी में सफलता के तथ्यों से रूबरू कराना होगा.
अंग्रेजी व हिंदी माध्यम के नीट यूजी में बैठे स्टूडेंट्स का आंकड़ा ( लाखों में) :
साल | अंग्रेजी | हिंदी |
2023 | 16.72 | 2.28 |
2022 | 14.76 | 2.58 |
2021 | 12.65 | 2.76 |