कोटा : मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी के परिणाम के आधार पर मेडिकल काउंसलिंग पूरी हो चुकी है. एमबीबीएस में प्रवेश लेकर कैंडिडेट्स ने नए सेशन की पढ़ाई शुरू कर दी है. इस पूरी काउंसलिंग के क्लोजिंग रैंक का विश्लेषण करने पर सामने आता है कि जहां सरकारी मेडिकल सीट पर जनरल कैटेगरी में 720 में से 652 अंक लाने वाले कैंडिडेट को एडमिशन मिला, वहीं रिजर्व कैटेगरी के कैंडिडेट को 529 अंक पर भी प्रवेश मिला है, जबकि प्राइवेट सीट पर महज 135 अंक लाने वाले कैंडिडेट को भी एडमिशन मिल गया है.
नीट यूजी परीक्षा में महज 19% अंक लाने वाला कैंडिडेट भी एमबीबीएस कर रहा है. नीट यूजी 2024 में 23,33,162 कैंडिडेट्स ने परीक्षा दी थी, जिसमें से 13,15,853 को क्वालीफाई घोषित किया गया. 17 कैंडिडेट्स ने परफेक्ट स्कोर (720) प्राप्त किए, जबकि क्लोजिंग रैंक पर एडमिशन लेने वाले कैंडिडेट के अंक मात्र 135 थे.
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सरकारी सीट पर रिजर्व कैटेगरी में एडमिशन : कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा के अनुसार ओबीसी कैटेगरी के कैंडिडेट को 25,212 रैंक पर सरकारी एमबीबीएस सीट ऑल इंडिया कोटा के तहत मिली. इस रैंक पर स्कोर 652 अंक था. ईडब्ल्यूएस कैटेगरी की क्लोजिंग रैंक 27,899 रही, जिसमें स्कोर 648 अंक था. वहीं, एससी कैटेगरी के कैंडिडेट को 1,39,193 रैंक पर एमबीबीएस की सीट मिली, जिसका स्कोर 549 था. एसटी कैटेगरी में 1,68,888 रैंक पर 526 अंक लाने वाले कैंडिडेट को एडमिशन मिला.
निजी कॉलेज में कम अंकों पर भी प्रवेश : पारिजात मिश्रा ने बताया कि निजी और डीम्ड मेडिकल कॉलेज में 13,32,034 रैंक पर भी प्रवेश मिला है, जिसमें कैंडिडेट ने केवल 135 अंक प्राप्त किए थे. निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटा से भी इतने ही अंकों पर एडमिशन हुआ.
शुरुआत में ही ले लिए निचली रैंक पर प्रवेश : मेडिकल काउंसलिंग कमिटी की एमबीबीएस काउंसलिंग में पहले राउंड में फ्री एग्जिट था, लेकिन दूसरे राउंड में यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी. साथ ही तीसरे राउंड में सिक्योरिटी को भी जब्त तक किया जाना था व अगले राउंड की पात्रता भी रद्द की जा रही थी. साथ ही नीट यूजी 2025 के लिए भी एलिजिबिलिटी खत्म की जा रही थी. ऐसे में निजी कॉलेजों में प्रवेश के लिए सिक्योरिटी राशि 2 लाख थी. इसीलिए तीसरे राउंड में निजी और डीम्ड मेडिकल कॉलेज की कट ऑफ 13 लाख 32 हजार 34 गई. जबकि इसके बाद चौथे राउंड यानी स्ट्रे वैकेंसी राउंड में 5 लाख 60 हजार 21 और स्पेशलिस्ट वैकेंसी राउंड में इससे भी कम 4 लाख 38 हजार 863 गई थी. इससे साफ है कि तीसरे राउंड में कट ऑफ काफी नीचे गई थी, जबकि इसके बाद के राउंड में कट ऑफ ऊपर गई है.