पटनाः नीट पेपर लीक मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. देवघर से गिरफ्तार किए गए 6 आरोपी में तीन बहुत बड़े साइबर अपराधी निकले. 22 जून को बिट्टू, कारू और पंकू सहित 6 अपराधियों को झारखंड से गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में खुलासा हुआ है कि तीनों आरोपी फ्रॉड गैंग चलाते हैं. इस गैंग ने पहले भी कई लोगों को ठगी कर पैसे ऐंठे हैं. साइबर ठगी के बाद इन लोगों ने पेपर लीक में भी हाथ आजमाया लेकिन पकड़े गए हैं.
परीक्षा के बाद से ही फरार: ईओयू सूत्रों की मानें तो ''अनुसंधान में नीट पेपर लीक मामले में जो बातें निकलकर सामने आई है, उसमें चिंटू उर्फ बलदेव 5 मई परीक्षा के दिन खेमनीचक के लर्न प्ले स्कूल में हुई पुलिस की छापेमारी से पहले ही देवघर फरार हो गया था. पुलिस की कार्रवाई की भनक लग चुकी थी. चिंटू को राजीव कुमार उर्फ कारू ने अपनी गाड़ी से देवघर लाया था. चिंटू के साथ पंकू कुमार और बिट्टू उर्फ परमजीत भी देवघर गए थे.''
अकूत संपत्ति बनायीः इसके बाद जब पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए झारखंड के देवघर में छापेमारी की तो पता चला कि कारू, पंकू और बिट्टू बड़े साइबर अपराधी हैं और बड़ा गिरोह चलाते हैं. पुलिस के अनुसंधान में पता चला है कि इसके गैंग के सदस्य विभिन्न प्रकार की साइबर ठगी करते हैं. ठगी के पैसे से ही कारू ने अमेज गाड़ी खरीदी थी. पुलिस ने झुन्नु सिंह को भी फार्म हाउस से गिरफ्तार किया.
साइबर ठग रंजन कुमार का भी नाम सामनेः झुन्नु सिंह और कारू नालंदा के एंकगरसराय थाना के कुंडवापर गांव के ही रहने वाले हैं. यह साइबर ठगी गैंग बिहार में शेखपुरा जिला के शेखोपुरसराय थाना के मोसीमपुर गांव के रहने वाले कुख्यात साइबर ठग रंजन कुमार के लिए काम करते है. अब आर्थिक अपराध इकाई की टीम रंजन की तलाश में जुट गई है.
साइबर ठगी के बाद पेपर लीक में शामिलः ईओयू ने अपने अनुसंधान में ''यह भी पाया है कि चिंटू के संपर्क में आकर कारू, पंकू और बिट्टू निट प्रश्न पत्र लीक मामले में भी हाथ डाला था. ईओयू के हत्थे चढ़ने पर साइबर ठगी की पूरी करतूत भी सामने आई है.''
22 जून को देवघर से गिरफ्तार ईओयू ने इस मामले में अलग से 22 जून को एक एफआईआर दर्ज की है. अब जांच एजेंसी साइबर ठगी और अवैध सिम देने वालों के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर रही है. इस पूरे पेपर लीक प्रकरण में कारू, बिट्टू और पंकू ने फर्जी तरीके से मोबाइल और सिम कार्ड उपलब्ध कराया था. पुलिस इन मोबाइल और सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले डीलरों की भी तलाश कर रही है. फर्जी पहचान पर मोबाइल और सिम बेचने वालों पर भी पुलिस सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है.
19 आरोपियों की गिरफ्तारीः पेपर लीक मामले में अब तक कुल 19 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. सिकंदर यादवेन्दु, अनुराग यादव, अमित आनंत सहित 13 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. 13 में 5 अभ्यर्थी हैं. पटना पुलिस ने देवघर से झुनु सिंह के मकान से पंकु कुमार, परमजीत सिंह, चिंटू उर्फ बलदेव कुमार, काजू उर्फ प्रशांत कुमार, अजीत कुमार और राजीव कुमार को हिरासत में लिया है. गिरफ्तार आरोपियों के निशाने पर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है.
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