नई दिल्ली: दिल्ली में अब मच्छरों से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए दिल्ली नगर निगम ने भी अपना अभियान तेज कर दिया है. निगम की ओर से मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में डीबीसी कर्मचारियों की तैनाती की गई है. एमसीडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कर्मचारी मच्छरों के प्रजनन की रोकथाम कर रहे हैं और जरूरत के हिसाब से एक्शन लिया जा रहा है. जनवरी से लेकर अब तक डेंगू के 50 से अधिक मामले भी दिल्ली में दर्ज हो चुके हैं.
कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में लगे होने के कारण कई महीने से दौरे बंद
मच्छरों को कंट्रोल करने के लिए डीबीसी कार्यकर्ताओं ने इस साल 31 मई तक घरों में 1.35 करोड़ से अधिक दौरे किए. इस दौरान 26,163 घरों, इमारतों और परिसरों में मच्छरों का प्रजनन पाया गया. उन पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की गई. बता दें कि बीते एक साल से दिल्ली नगर निगम ने डेंगू के आने वाले मामलों का डेटा सार्वजनिक करना बंद कर दिया है. इसलिए एमसीडी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है. हालांकि, बड़ी संख्या में निगम कर्मियों की ड्यूटी चुनाव में लगाए जाने के कारण डीबीसी सहित अन्य कर्मचारियों ने अप्रैल और मई के महीने में बहुत ही कम घरों का दौरा किया है. साथ ही मच्छर रोधी दवा का छिड़काव भी बहुत ही कम किया गया है.
स्टोर पर सामान उपलब्ध नहीं
डीबीसी कर्मचारियों के अधिकतर स्टोर पर निगम की ओर से सामान भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. जिससे कि छिड़काव हो सके. क्योंकि कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई थी. हालांकि, गनीमत यह है कि हीट वेव और भीषण गर्मी के चलते फिलहाल दिल्ली में मच्छरों का प्रकोप नहीं है. मार्च और अप्रैल के महीने तक दिल्ली में मच्छरों का भीषण प्रकोप था. लेकिन, एनजीटी की रोक के कारण एमसीडी की ओर से फॉगिंग भी नहीं कराई जा सकती है. साथ ही मच्छर रोधी दवा का छिड़काव भी कर्मचारियों के इलेक्शन ड्यूटी में लगाए जाने के कारण ठीक तरह से नहीं हुआ है, जिस तरह से होना चाहिए था.
ये भी पढ़ें : एमसीडी ने आग से अपने भवनों की सुरक्षा के लिए जारी किए आवश्यक दिशा निर्देश
तीन महीने से डीबीसी को नहीं मिला है वेतन
बता दें कि मच्छर रोधी अभियान में आगे बढ़कर मोर्चा संभालने वाले डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर (डीबीसी) को नगर निगम से तीन महीने से वेतन का भुगतान नहीं दिया गया है. निगम अधिकारियों का कहना है कि डीबीसी का कैडर चेंज करके इनको एमटीएस स्टाफ के रूप में समायोजित करने के कारण सेवा शर्तों में परिवर्तन हुआ है. उन सेवा शर्तों के आधार पर उनसे हलफनामा लिया जा रहा है. कुछ कर्मचारियों द्वारा हलफनामा न दिए जाने और उसके द्वारा दिए गए हलफनामे में त्रुटियां पाए जाने के कारण वेतन में देरी हो रही है. हालांकि, अगले सप्ताह तक सभी का वेतन जारी कर दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें : सार्वजनिक भूमि का अतिक्रमण करने वालों से जुर्माना वसूलने के लिए मेकानिज्म तैयार करें डीडीए और दिल्ली नगर निगमः हाईकोर्ट