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RRTS कॉरिडोर के लिए किफायती बिजली खरीदेगा NCRTC, पीटीसी इंडिया के साथ किया करार - NCRTC signs agreement with PTC

NCRTC signs agreement with PTC: एनसीआरटीसी ने बिजली की खरीद के लिए पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (पीटीसी) इंडिया के साथ एक करार किया है. इसका लक्ष्य बिजली लागत को कम करना है.

पीटीसी इंडिया के साथ NCRTC ने किया करार
पीटीसी इंडिया के साथ NCRTC ने किया करार (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 30, 2024, 7:11 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए पावर एक्सचेंज के माध्यम से ग्रीन एनर्जी सहित कम लागत वाली बिजली की खरीद के लिए पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (पीटीसी) इंडिया के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है. इस करार से एनसीआरटीसी को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, मोदीपुरम, शताब्दी नगर और मुरादनगर में स्थित अपने रिसीविंग सबस्टेशनों के साथ-साथ दिल्ली में सराय काले खां में पावर एक्सचेंजों के माध्यम से अपनी बिजली की आवश्यकता को पूरा करने में सहयोग मिलेगा. समझौते का लक्ष्य आरआरटीएस की कुल बिजली लागत को कम करना है.

एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल और पीटीसी के सीएमडीश मनोज झावर की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इसके तहत एनसीआरटीसी न केवल आरआरटीएस के लिए कम लागत वाली बिजली हासिल करेगा, बल्कि एनसीआरटीसी की ससटेनिबिलिटी को भी सुनिश्चित करेगा. वर्तमान में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर को चरणबद्ध तरीके से संचालित किया जा रहा है. एनसीआरटीसी अपनी उच्च गति वाली और अत्याधुनिक नमो भारत ट्रेनों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बिजली पर निर्भर है. बिजली की लागत को कम करना एनसीआरटीसी का मुख्य लक्ष्य है, क्योंकि ऊर्जा व्यय इसके परिचालन खर्च का लगभग 30-35% है.

लागत को कम करने में मिलेगी मदद: एनसीआरटीसी वर्तमान में डिस्कॉम से बिजली प्राप्त कर रहा है और बिजली एक्सचेंजों के माध्यम से ऊर्जा लागत को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं. बशर्ते समग्र टैरिफ डिस्कॉम के ऊर्जा शुल्क से कम हो. पीटीसी इंडिया, बिजली एक्सचेंज व्यवसाय में व्यापक अनुभव के साथ इस प्रयास में एनसीआरटीसी की सहायता करेगा, जिससे एक विश्वसनीय और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए लागत को कम करने में मदद मिलेगी. पीटीसी ने पहले भी विभिन्न संगठनों को इसी तरह की ऊर्जा प्रबंधन सेवाएं प्रदान की हैं.

टिकाऊ समाधान के लिए प्रतिबद्ध: एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने कहा, "आरआरटीएस जैसी बड़ी लागत वाली परियोजना को दीर्घावधि में सस्टेनेबल होना चाहिए. हमें अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के प्रबंधन में पीटीसी इंडिया के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है. एनसीआरटीसी टिकाऊ समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है. यह समझौता कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए हरित ऊर्जा सहित विश्वसनीय और लागत प्रभावी बिजली हासिल करने के हमारे प्रयासों में एक मील का पत्थर साबित होगा."

यह भी पढ़ें- NCRTC ने बर्लिन में आयोजित UIC सस्टेनेबिलिटी इम्पैक्ट अवार्ड्स 2024 में जीते दो पुरस्कार

बनेगा आधुनिक और कुशल परिवहन नेटवर्क: गौरतलब है कि वर्तमान में साहिबाबाद और मेरठ साउथ के बीच कॉरिडोर का 42 किलोमीटर का खंड परिचालित है, जिसमें 9 स्टेशन हैं. मेरठ मेट्रो के साथ-साथ संपूर्ण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर जून 2025 तक संचालित करने के लक्ष्य पर एनसीआरटीसी काम कर रहा है. एनसीआरटीसी एक आधुनिक और कुशल परिवहन नेटवर्क बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

यह भी पढ़ें- NAMO BHARAT: 50 रुपये में मिलेगा पावर बैंक! मोबाइल फोन डिस्चार्ज होने की चिंता खत्म

नई दिल्ली/गाजियाबाद: एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए पावर एक्सचेंज के माध्यम से ग्रीन एनर्जी सहित कम लागत वाली बिजली की खरीद के लिए पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (पीटीसी) इंडिया के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है. इस करार से एनसीआरटीसी को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, मोदीपुरम, शताब्दी नगर और मुरादनगर में स्थित अपने रिसीविंग सबस्टेशनों के साथ-साथ दिल्ली में सराय काले खां में पावर एक्सचेंजों के माध्यम से अपनी बिजली की आवश्यकता को पूरा करने में सहयोग मिलेगा. समझौते का लक्ष्य आरआरटीएस की कुल बिजली लागत को कम करना है.

एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल और पीटीसी के सीएमडीश मनोज झावर की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इसके तहत एनसीआरटीसी न केवल आरआरटीएस के लिए कम लागत वाली बिजली हासिल करेगा, बल्कि एनसीआरटीसी की ससटेनिबिलिटी को भी सुनिश्चित करेगा. वर्तमान में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर को चरणबद्ध तरीके से संचालित किया जा रहा है. एनसीआरटीसी अपनी उच्च गति वाली और अत्याधुनिक नमो भारत ट्रेनों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बिजली पर निर्भर है. बिजली की लागत को कम करना एनसीआरटीसी का मुख्य लक्ष्य है, क्योंकि ऊर्जा व्यय इसके परिचालन खर्च का लगभग 30-35% है.

लागत को कम करने में मिलेगी मदद: एनसीआरटीसी वर्तमान में डिस्कॉम से बिजली प्राप्त कर रहा है और बिजली एक्सचेंजों के माध्यम से ऊर्जा लागत को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं. बशर्ते समग्र टैरिफ डिस्कॉम के ऊर्जा शुल्क से कम हो. पीटीसी इंडिया, बिजली एक्सचेंज व्यवसाय में व्यापक अनुभव के साथ इस प्रयास में एनसीआरटीसी की सहायता करेगा, जिससे एक विश्वसनीय और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए लागत को कम करने में मदद मिलेगी. पीटीसी ने पहले भी विभिन्न संगठनों को इसी तरह की ऊर्जा प्रबंधन सेवाएं प्रदान की हैं.

टिकाऊ समाधान के लिए प्रतिबद्ध: एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने कहा, "आरआरटीएस जैसी बड़ी लागत वाली परियोजना को दीर्घावधि में सस्टेनेबल होना चाहिए. हमें अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के प्रबंधन में पीटीसी इंडिया के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है. एनसीआरटीसी टिकाऊ समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है. यह समझौता कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए हरित ऊर्जा सहित विश्वसनीय और लागत प्रभावी बिजली हासिल करने के हमारे प्रयासों में एक मील का पत्थर साबित होगा."

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बनेगा आधुनिक और कुशल परिवहन नेटवर्क: गौरतलब है कि वर्तमान में साहिबाबाद और मेरठ साउथ के बीच कॉरिडोर का 42 किलोमीटर का खंड परिचालित है, जिसमें 9 स्टेशन हैं. मेरठ मेट्रो के साथ-साथ संपूर्ण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर जून 2025 तक संचालित करने के लक्ष्य पर एनसीआरटीसी काम कर रहा है. एनसीआरटीसी एक आधुनिक और कुशल परिवहन नेटवर्क बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

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