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NCERT की किताबों में पढ़ाया जा रहा शराब व धूम्रपान, शिक्षाविद नाराज, शिक्षा मंत्री दिलावर ये बोले - NCERT Books

कक्षा 8वीं और 11वीं की एनसीईआरटी की किताबों में रम, स्टाउट और एल्कोहलिक ड्रिंक का जिक्र. क्रिश्चियन संस्कृति को प्रमोट करने का आरोप.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

NCERT Books Controversy
एनसीईआरटी की किताबों पर विवाद (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजस्थान के स्कूलों में कक्षा 8वीं और 11वीं की एनसीईआरटी की किताबों में छात्रों को अल्कोहलिक ड्रिंक और धूम्रपान करने को स्टेटस सिंबल बताने वाले चैप्टर्स दिए गए हैं. इन चैप्टर्स में क्रिसमस सेलिब्रेशन और जर्मन संस्कृति को दर्शाते हुए रम, स्टाउट और श्नैप्स जैसे एल्कोहलिक ड्रिंक के बारे में बताया गया है. इन चैप्टर को पढ़ाने में जहां शिक्षक खुद को असहज महसूस कर रहे हैं. वहीं, शिक्षाविदों की मानें तो स्कूल एजुकेशन में मादक पदार्थों का जिक्र करना भी अनुचित है. ऐसे में उन्होंने एनसीईआरटी से इस तरह के चैप्टर को हटाने की मांग की है. वहीं, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि इस तरह का मामला सामने आया है. इसको लेकर जल्द ही एनसीईआरटी को पत्र लिखकर हटवाएंगे.

एनसीईआरटी की किताबों में फॉरेन राइटर्स के चैप्टर्स में शराब, धूम्रपान, नॉनवेज के इस्तेमाल करने वाले कल्चर को प्रमोट किया जा रहा है. ऐसे में इन चैप्टर को पढ़ाने वाले शिक्षक भी छात्रों के सामने उस वक्त असहज हो जाते हैं, जब छात्र उनसे पाठ्यक्रम में दिए गए एल्कोहलिक ड्रिंक के बारे में पूछते हैं. अंग्रेजी विषय के अध्यापक भव्य शर्मा ने बताया कि कक्षा 8वीं और 11वीं की एनसीईआरटी की किताबों में कई जगह रम और दूसरे अल्कोहलिक ड्रिंक स्टाउट या श्नैप्स का प्रयोग किया गया है. इस कंटेंट को वो छात्रों को फौरी तौर पर पढ़ाते हैं. हालांकि, छात्रों में इन शब्दों को जानने की क्यूरियोसिटी रहती है और यदि शिक्षक इस कंटेंट के गहराई में जाएगा तो वो भारतीय संस्कृति और भारतीय शिक्षा पद्धति के हिसाब से भी ठीक नहीं है. ऐसे में इस तरह के चैप्टर्स को शिक्षा विभाग को प्रमोट नहीं करना चाहिए.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

दरअसल, इन चैप्टर्स में क्रिसमस सेलिब्रेशन के दौरान शराब पार्टी के बारे में बताया जा रहा है. कक्षा 8वीं की इंग्लिश ग्रामर विथ टेक्स्ट बुक के पहले ही चैप्टर 'The Best Christmas Present in the World' में पेज 4 पर लिखा है कि 'One of the Germans was waving a bottle above his head. It is Christmas Day, Tommy. We have schnapps. We have sausage.' इस पूरे वाक्य में वेविंग ए बोटल का मतलब शराब की बोतल सिर से लहराते हुए कहा जा रहा है, हमारे पास श्नैप्स (जर्मन शराब) है और मसालेदार गोश्त है. अगले पेज पर लिखा है, 'We shared my rum ration and his excellent sausage.' इसका मतलब है कि हमने मेरी रम (शराब) और उसका बेहतरीन मसालेदार गोश्त बांटा. इन वाक्यों ये बताने की कोशिश की जा रही है कि शराब पीकर और गोश्त खाकर त्योहारों को मनाया जाता है.

इसी तरह कक्षा 11वीं की इंग्लिश की बुक स्नेपशॉट्स का तीसरा चैप्टर है मदर्स डे, इसके लेखक हैं जे.बी. प्रीस्टली. बुक के पेज नंबर 21 पर लिखा है, 'Mrs Pearson smokes away-lighting another cigarette-and begins laying out the cards for patience on the table.' जिसका मतलब है मिसेज पियरसन धूम्रपान करती हैं-दूसरी सिगरेट जलाती हैं-और धैर्य के साथ टेबल पर ताश के पत्ते बिछाती हैं.

NCERT Books Controversy
किताबों में रम, स्टाउट और एल्कोहलिक ड्रिंक का जिक्र (ETV Bharat Jaipur)

इसी पेज पर नीचे डॉरिस और मिसेज पियरसन के बीच की बातचीत के अंश हैं, जिसमें धूम्रपान को लेकर बातचीत की जा रही है. आगे पेज 25 पर लिखा है, 'Mrs Pearson enters right, carrying a bottle of stout and a half filled glass.' जिसमें बताया है कि मिसेज पियरसन स्टाउट की एक बोतल और आधा भरा ग्लास लेकर प्रवेश करती हैं. स्टाउट एक तरह की डार्क बियर है. उसके बाद पेज 28 पर लिखा है 'George : Stout? Mrs Pearson : Yes. George : [amazed] What are you drinking stout for? Mrs Pearson : Because I fancied some.' इसमें जॉर्ज पत्नी मिसेज पियरसन से पूछता है - स्टाउट? मिसेज पियरसन – हां. जाॅर्ज – आश्चर्य से तुम स्टाउट किसलिए पी रही हो? मिसेज पियरसन – क्योंकि ये मुझे पसंद है, जाॅर्ज – दिन के समय, मिसेज पियरसन – हां इस समय इसमें क्या समस्या है?

पढ़ें : प्रदेश में इस बार 16 अक्टूबर से बदलेगा स्कूलों का समय, यह है कारण - school timings change from October

इस तरह के चैप्टर्स पर जयपुर के शिक्षाविदों ने भी चिंता व्यक्त करते हुए इन्हें छात्रों को पढ़ाना गलत बताया है. शिक्षाविद कुलदीप जैमन ने बताया कि उन्होंने एनसीईआरटी की इन किताबों को पढ़ा, जिसमें क्रिश्चियन संस्कृति को दर्शाया गया है. बच्चों को जो नॉलेज नहीं दी जानी चाहिए, वो बुक्स के द्वारा दी जा रही है. जिसमें धूम्रपान को स्टेटस सिंबल माना जा रहा है परिवार के सदस्य आपस में अल्कोहल ड्रिंक की बातें कर रहे हैं. इससे छात्रों में गलत मैसेज जाएगा और इंडियन कल्चर में धूम्रपान और शराब पीना उचित नहीं माना गया है. ऐसे में एनसीईआरटी के कोर्स में ऐसे चैप्टर नहीं डाले जाने चाहिए, जिससे बच्चे गलत रास्ते की ओर अग्रसर हों.

NCERT in Rajasthan
कक्षा 8वीं और 11वीं की एनसीईआरटी की किताबों पर विवाद (ETV Bharat Jaipur)

वहीं, शिक्षाविद प्रदीप कुमार सैनी ने बताया कि अपनी संस्कृति में कहीं भी शराब की बात नहीं होनी चाहिए, क्योंकि अगर इस तरह के कोई विज्ञापन भी आते हैं, तो उसमें मादक द्रव्यों का सेवन का खंडन किया जाता है और फिर यदि 8वीं और 11वीं कक्षा में शराब की बात भी की जाती है, तो ये गलत है. वैदिक ग्रंथों में भी लिखा है कि यदि कोई भी व्यक्ति शराब (वारुणी) की बात करता है, तो उसका पतन निश्चित हो जाता है. इसलिए यदि बच्चों को भारतीय संस्कृति के आधार पर आगे बढ़ाना है, तो शराब की बात नहीं करनी चाहिए. क्रिश्चियन कल्चर में यदि ये सब होता है तो इसे उन्हीं क्षेत्रों में सीमित रखा जाना चाहिए, लेकिन इस कल्चर को यदि यहां प्रचारित करें और इससे यदि बच्चों का नुकसान होता है, तो ये पूरी तरह गलत है.

बहरहाल, इन किताबों के पीछे एनसीईआरटी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर लगाते हुए उनके अहिंसा के सिद्धांत को भी लिखा है. जिन महात्मा गांधी ने मादक पदार्थों का विरोध किया, जिनकी जयंती पर ड्राई डे रखा जाता है. इस किताब में अंदर ऐसे मादक पदार्थों का जिक्र करते हुए छात्रों को पढ़ाया जा रहा है.

जयपुर: राजस्थान के स्कूलों में कक्षा 8वीं और 11वीं की एनसीईआरटी की किताबों में छात्रों को अल्कोहलिक ड्रिंक और धूम्रपान करने को स्टेटस सिंबल बताने वाले चैप्टर्स दिए गए हैं. इन चैप्टर्स में क्रिसमस सेलिब्रेशन और जर्मन संस्कृति को दर्शाते हुए रम, स्टाउट और श्नैप्स जैसे एल्कोहलिक ड्रिंक के बारे में बताया गया है. इन चैप्टर को पढ़ाने में जहां शिक्षक खुद को असहज महसूस कर रहे हैं. वहीं, शिक्षाविदों की मानें तो स्कूल एजुकेशन में मादक पदार्थों का जिक्र करना भी अनुचित है. ऐसे में उन्होंने एनसीईआरटी से इस तरह के चैप्टर को हटाने की मांग की है. वहीं, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि इस तरह का मामला सामने आया है. इसको लेकर जल्द ही एनसीईआरटी को पत्र लिखकर हटवाएंगे.

एनसीईआरटी की किताबों में फॉरेन राइटर्स के चैप्टर्स में शराब, धूम्रपान, नॉनवेज के इस्तेमाल करने वाले कल्चर को प्रमोट किया जा रहा है. ऐसे में इन चैप्टर को पढ़ाने वाले शिक्षक भी छात्रों के सामने उस वक्त असहज हो जाते हैं, जब छात्र उनसे पाठ्यक्रम में दिए गए एल्कोहलिक ड्रिंक के बारे में पूछते हैं. अंग्रेजी विषय के अध्यापक भव्य शर्मा ने बताया कि कक्षा 8वीं और 11वीं की एनसीईआरटी की किताबों में कई जगह रम और दूसरे अल्कोहलिक ड्रिंक स्टाउट या श्नैप्स का प्रयोग किया गया है. इस कंटेंट को वो छात्रों को फौरी तौर पर पढ़ाते हैं. हालांकि, छात्रों में इन शब्दों को जानने की क्यूरियोसिटी रहती है और यदि शिक्षक इस कंटेंट के गहराई में जाएगा तो वो भारतीय संस्कृति और भारतीय शिक्षा पद्धति के हिसाब से भी ठीक नहीं है. ऐसे में इस तरह के चैप्टर्स को शिक्षा विभाग को प्रमोट नहीं करना चाहिए.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

दरअसल, इन चैप्टर्स में क्रिसमस सेलिब्रेशन के दौरान शराब पार्टी के बारे में बताया जा रहा है. कक्षा 8वीं की इंग्लिश ग्रामर विथ टेक्स्ट बुक के पहले ही चैप्टर 'The Best Christmas Present in the World' में पेज 4 पर लिखा है कि 'One of the Germans was waving a bottle above his head. It is Christmas Day, Tommy. We have schnapps. We have sausage.' इस पूरे वाक्य में वेविंग ए बोटल का मतलब शराब की बोतल सिर से लहराते हुए कहा जा रहा है, हमारे पास श्नैप्स (जर्मन शराब) है और मसालेदार गोश्त है. अगले पेज पर लिखा है, 'We shared my rum ration and his excellent sausage.' इसका मतलब है कि हमने मेरी रम (शराब) और उसका बेहतरीन मसालेदार गोश्त बांटा. इन वाक्यों ये बताने की कोशिश की जा रही है कि शराब पीकर और गोश्त खाकर त्योहारों को मनाया जाता है.

इसी तरह कक्षा 11वीं की इंग्लिश की बुक स्नेपशॉट्स का तीसरा चैप्टर है मदर्स डे, इसके लेखक हैं जे.बी. प्रीस्टली. बुक के पेज नंबर 21 पर लिखा है, 'Mrs Pearson smokes away-lighting another cigarette-and begins laying out the cards for patience on the table.' जिसका मतलब है मिसेज पियरसन धूम्रपान करती हैं-दूसरी सिगरेट जलाती हैं-और धैर्य के साथ टेबल पर ताश के पत्ते बिछाती हैं.

NCERT Books Controversy
किताबों में रम, स्टाउट और एल्कोहलिक ड्रिंक का जिक्र (ETV Bharat Jaipur)

इसी पेज पर नीचे डॉरिस और मिसेज पियरसन के बीच की बातचीत के अंश हैं, जिसमें धूम्रपान को लेकर बातचीत की जा रही है. आगे पेज 25 पर लिखा है, 'Mrs Pearson enters right, carrying a bottle of stout and a half filled glass.' जिसमें बताया है कि मिसेज पियरसन स्टाउट की एक बोतल और आधा भरा ग्लास लेकर प्रवेश करती हैं. स्टाउट एक तरह की डार्क बियर है. उसके बाद पेज 28 पर लिखा है 'George : Stout? Mrs Pearson : Yes. George : [amazed] What are you drinking stout for? Mrs Pearson : Because I fancied some.' इसमें जॉर्ज पत्नी मिसेज पियरसन से पूछता है - स्टाउट? मिसेज पियरसन – हां. जाॅर्ज – आश्चर्य से तुम स्टाउट किसलिए पी रही हो? मिसेज पियरसन – क्योंकि ये मुझे पसंद है, जाॅर्ज – दिन के समय, मिसेज पियरसन – हां इस समय इसमें क्या समस्या है?

पढ़ें : प्रदेश में इस बार 16 अक्टूबर से बदलेगा स्कूलों का समय, यह है कारण - school timings change from October

इस तरह के चैप्टर्स पर जयपुर के शिक्षाविदों ने भी चिंता व्यक्त करते हुए इन्हें छात्रों को पढ़ाना गलत बताया है. शिक्षाविद कुलदीप जैमन ने बताया कि उन्होंने एनसीईआरटी की इन किताबों को पढ़ा, जिसमें क्रिश्चियन संस्कृति को दर्शाया गया है. बच्चों को जो नॉलेज नहीं दी जानी चाहिए, वो बुक्स के द्वारा दी जा रही है. जिसमें धूम्रपान को स्टेटस सिंबल माना जा रहा है परिवार के सदस्य आपस में अल्कोहल ड्रिंक की बातें कर रहे हैं. इससे छात्रों में गलत मैसेज जाएगा और इंडियन कल्चर में धूम्रपान और शराब पीना उचित नहीं माना गया है. ऐसे में एनसीईआरटी के कोर्स में ऐसे चैप्टर नहीं डाले जाने चाहिए, जिससे बच्चे गलत रास्ते की ओर अग्रसर हों.

NCERT in Rajasthan
कक्षा 8वीं और 11वीं की एनसीईआरटी की किताबों पर विवाद (ETV Bharat Jaipur)

वहीं, शिक्षाविद प्रदीप कुमार सैनी ने बताया कि अपनी संस्कृति में कहीं भी शराब की बात नहीं होनी चाहिए, क्योंकि अगर इस तरह के कोई विज्ञापन भी आते हैं, तो उसमें मादक द्रव्यों का सेवन का खंडन किया जाता है और फिर यदि 8वीं और 11वीं कक्षा में शराब की बात भी की जाती है, तो ये गलत है. वैदिक ग्रंथों में भी लिखा है कि यदि कोई भी व्यक्ति शराब (वारुणी) की बात करता है, तो उसका पतन निश्चित हो जाता है. इसलिए यदि बच्चों को भारतीय संस्कृति के आधार पर आगे बढ़ाना है, तो शराब की बात नहीं करनी चाहिए. क्रिश्चियन कल्चर में यदि ये सब होता है तो इसे उन्हीं क्षेत्रों में सीमित रखा जाना चाहिए, लेकिन इस कल्चर को यदि यहां प्रचारित करें और इससे यदि बच्चों का नुकसान होता है, तो ये पूरी तरह गलत है.

बहरहाल, इन किताबों के पीछे एनसीईआरटी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर लगाते हुए उनके अहिंसा के सिद्धांत को भी लिखा है. जिन महात्मा गांधी ने मादक पदार्थों का विरोध किया, जिनकी जयंती पर ड्राई डे रखा जाता है. इस किताब में अंदर ऐसे मादक पदार्थों का जिक्र करते हुए छात्रों को पढ़ाया जा रहा है.

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