औरंगाबाद: बिहार और झारखंड का वांछित 3 लाख के इनामी नक्सली को केंद्रीय पुलिस बल और जिला पुलिस के जवानों ने पकड़ा. इसके साथ ही एक अन्य नक्सली को भी गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार नक्सली की पहचान प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर राजेन्द्र सिंह और दूसरे नक्सली की पहचान विजय पासवान के रूप में की गई. इनके पास से दो देसी कट्टा, 13 जिंदा कारतूस एवं एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है.
गुप्त सूचना पर कार्रवाईः एसपी स्वप्ना मेश्राम ने बताया कि राजेंद्र सिंह कई सालों से फरार चल रहा था. इसी दौरान एक अगस्त को सूचना मिली कि यह माली थाना क्षेत्र अंतर्गत बेला खैरा गांव में छुपा हुआ है. जिसके आलोक में उस गांव के एक घर की घेराबंदी कर छापेमारी की गई. जिसमें प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के सब जोनल कमांडर राजेंद्र सिंह के अलावा एक अन्य विजय पासवान को गिरफ्तार किया गया.
"संयुक्त कार्रवाई में दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से दो देसी कट्टा, 13 जिंदा कारतूस एवं एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है. नक्सली राजेन्द्र सिंह पर 3 लाख रूपये का इनाम है. बिहार-झारखंड के कई थानों में 21 आपराधिक मामले दर्ज हैं."- स्वप्ना मेश्राम, एसपी, औरंगाबाद
बिहार-झारखंड में केस दर्जः पुलिस के अनुसार राजेंद्र सिंह माली थाना क्षेत्र के सोरी गांव का रहने वाला है. इस पर 21 आपराधिक मामले दर्ज़ हैं. लंबे समय से पुलिस को इसकी तलाश थी. वहीं विजय पासवान बेला खैरा गांव निवासी का रहनेवाला है. उसपर एक आपराधिक मामला दर्ज है. यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम एवं गया ज़िले के एसएसबी 29वीं कमांडेंट के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में सहायक कमांडेंट धर्मेंद्र सिंह एवं माली थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह के नेतृत्व में की गई.
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