हजारीबाग: जिले में उग्रवादियों ने बड़ी घटना को अंजाम देते हुए कोयला खनन और ट्रांसपोर्टिंग में लगे पांच हाइवा को आग के हवाले कर दिया. वहीं, चालक और उपचालक के साथ मारपीट की गई है. घटनास्थल पर अपराधियों ने फायरिंग भी की है. घटना के बाद से हाइवा मालिकों और चालकों में भय उत्पन्न हो गया है. घटना के पीछे का कारण क्या है, किन गिरोह ने इस घटना को अंजाम दिया है, इसे लेकर पुलिस जांच में जुट गई है. अपराधियों के धर पकड़ को लेकर गश्ती भी तेज कर दी गई है.
दरअसल, केरेडारी टंडवा मुख्य पथ पर स्टाफ होटल से थोड़ा आगे एनटीपीसी की चट्टी बरियातू कोयला खनन परियोजना से कोयले की ढुलाई कर रहे 5 हाइवा को उग्रवादियों ने आग के हवाले कर दिया. करीब 8 से 9 की संख्या में उग्रवादियों ने 30 सितंबर को घटना को अंजाम दिया है. हालांकि घटना किस संगठन ने की है, अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि 29 सितंबर को केरेडारी पुलिस ने बीकेएस तिवारी ग्रुप सुप्रीमो रामेश्वर महतो उर्फ पहाड़ी के घर किए गए कुर्की जब्ती के विरोध में इस घटने को अंजाम दिया गया है. चार दिन पहले भी हथियारबंद अपराधियों ने एक ट्रांसपोर्टिंग कंपनी के कार्यालय में घुसकर गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया था.
घटनास्थल पर तीन बजे सुबह ही बड़कागांव एसडीपीओ कुलदीप कुमार, इंस्पेक्टर अनिल कुमार, थाना प्रभारी अजीत कुमार, एनटीपीसी के अधिकारी रोहित पाल पहुंच गए थे. हाइवा चालकों ने बताया कि 10 से 12 की संख्या में उग्रवादी अपने साथ पेट्रोल लेकर आए थे. जिसके बाद एक कतार में लगी सभी हाइवा को जला दिया. थाना प्रभारी अजीत कुमार ने कहा कि घटना के बाद से अपराधियों को पकड़ने के लिए छानबीन शुरू कर दी गई है. पीएम मोदी दो अक्टूबर को हजारीबाग पहुंचने वाले हैं, उससे ठीक पहले उग्रवादियों के इस हमले से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
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