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जेल की कालकोठरी-मुकदमेबाजी से छुटकारा दिलाता है गया का यह मंदिर, दर्शन से मिलती है चमत्कारी सफलता - Navratri 2024

Mata Baglamukhi Temple: गया के माता बगलामुखी का मंदिर खास महत्व है. यहां कोर्ट-कचहरी के मामलों से निजात निजात मिलने की मान्यता है.

Mata Baglamukhi Temple In Gaya
माता बगलामुखी मंदिर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 6, 2024, 3:48 PM IST

Updated : Oct 6, 2024, 5:08 PM IST

गया: बिहार के गया में सनातन धर्मावलंबियों के लिए एक से बढ़कर एक धार्मिक स्थल है. इसी में एक प्रसिद्ध माता बगलामुखी का मंदिर है. इस देवी मंदिर में भक्त आते हैं और अपनी मनोकामना माता के सामने रखते हैं. माता के दरबार में ज्यादातर वैसे भक्त आते हैं जिन्हें कोर्ट कचहरी से निजात पानी होती है. मान्यता है कि माता बगलामुखी के दरबार में ऐसे भक्तों को विजय मिलती है.

टिकारी महाराज से जुड़ी है घटना: माता बगलामुखी की महिमा टिकारी महाराज के काल से भी जुड़ी हुई है. टिकारी महाराज ने भी इस मंदिर में अनुष्ठान कराया था और फिर उन्हें इंग्लैंड में चल रहे केस में जीत हासिल हो गई थी. सैकड़ों साल पुराना यह देवी मंदिर कई तरह के चमत्कारों के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. माता बगलामुखी के नाम से ही इस स्थान को बंग्लास्थान के नाम से जाना जाता है.

माता बगलामुखी मंदिर (ETV Bharat)

इस दरबार में अर्जी लगाने आते हैं भक्त: मान्यताओं के कारण गया के इस देवी मंदिर में बिहार ही नहीं, बल्कि देश भर से लोग आते हैं. यहां माता के सामने अर्जी रखते हैं और अपनी पीड़ा रखकर माता से शत्रु को हराने की गुहार लगाते हैं. भक्तों का मानना है, कि उन्हें निश्चित तौर पर सफलता मिलती है. माता उनकी पीड़ा और दुख को हर लेती है. नतीजतन कोर्ट कचहरी पुलिस केस से उन्हें निजात मिलता है.

टिकारी महाराज को मिली थी राहत: इस बगलामुखी मंदिर से टिकारी महाराज हरिहर प्रसाद सिंह की कहानी जुड़ी है. बताया जा रहा है कि टिकारी महाराज हरिहर प्रसाद सिंह पर एक मुकदमा इंग्लैंड में चल रहा था. इंग्लैंड के प्रेवी काउंसिल में उनके खिलाफ मुकदमा था. भारत के प्रसिद्ध ज्योतिर्विद तांत्रिक भवानी नंद मिश्रा की सलाह के बाद टिकारी महाराज हरिहर प्रसाद सिंह ने बगलामुखी मंदिर में सहस्त्र दल स्थापित किया. 36 दिन 36 ब्राह्मण के साथ अनुष्ठान चला. महाराज हरिहर प्रसाद सिंह को उस मुकदमे में चमत्कारिक सफलता मिली.

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दतिया और कांगड़ा में भी है बगलामुखी माता का मंदिर: देश के कुछ और स्थान पर माता बगलामुखी का मंदिर है. दतिया और कांगड़ा में भी माता बगलामुखी का मंदिर है. इस तरह गया में बगलामुखी मां विराजमान हैं. गया के बगलामुखी मां के मंदिर की प्रसिद्धी देश भर में है. देश भर से यहां भक्त आते हैं. ऐसे कई भक्त हैं, जो पिछले कई दशकों से लगातार मंदिर में माता के दर्शन करने आते हैं.

10 महाविद्या की आठवीं देवी है माता बगलामुखी: माता बगलामुखी 10 महाविद्या की आठवीं देवी है, जिनका पूजन शत्रु का दमन करने के लिए है. पीड़ित को माता के पूजन से शक्ति प्राप्त होती है और उसे शत्रु दमन करने में सफलता मिलती है. यहां बगलामुखी मंदिर में शत्रु पर विजय पाने के लिए पूजा का बड़ा महत्व है. गया में स्थित माता बगलामुखी मंदिर में चारों नवरात्रि में पूजन यज्ञ होता है. सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन यहां फरियादियों की भीड़ काफी संख्या में जुटती है.

Mata Baglamukhi Temple In Gaya
टिकारी महाराज के समय से है मान्यता (ETV Bharat)

ऐसी है माता की प्रतिमा: बगलामुखी मंदिर में माता की प्रतिमा अद्भुत है. माता की प्रतिमा शत्रु की जिह्वा खींच रही मुद्रा में है. यहां पूजन से शत्रु के खिलाफ भक्त को निश्चित तौर पर लाभ मिलता है. इसकी कई कहानियां भी चर्चित हैं. माता बगलामुखी की पूजा भगवान श्री राम ने भी की थी. लंका पर चढ़ाई के दौरान समुद्र पार करने से पहले भगवान राम ने बगलामुखी माता की पूजा की थी. इसके बाद चढ़ाई की थी.

हर तरह की मनोकामना की होती है पूर्ति: माता के दर्शन करने आई शिवानी पपोद्दार बताती है कि माता का दर्शन कर वह सुकून अनुभव करती है. माता हर तरह के कामों में सफलता दिलाती है. यहां लोगों को नौकरी चाकरी में सफलता मिलती है. वहीं, कोर्ट कचहरी के समस्याओं में भी सफलता हासिल होती है.

Mata Baglamukhi Temple In Gaya
यहां पूरी होती है भक्तों की मन्नात (ETV Bharat)

"मुझे केस में फंसा दिया गया था. कई महीने जेल में रहा. छूटा तो माता की शरण में आया तब से सुरक्षित हूं. मुकदमा खत्म हो गया है. पत्नी के साथ डिवोर्स हो गया था. अब पत्नी भी साथ है और बच्चे भी आ गए. पहले संतान भी कई सालों तक नहीं हुआ था, लेकिन माता की कृपा से सब कुछ अच्छा हो रहा है. माता के आशीर्वाद से सब कुछ सामान्य हो गया है."-बालेश्वर मांझी, भक्त

गया नगर निगम वार्ड पार्षद की आस्था: माता के यहां जो भक्त आते हैं. वह खाली हाथ नहीं लौटते. हम सालों से माता के दरबार में आ रहे हैं. मुझे चुनाव के समय में बेबुनियाद वाले केस में फंसा दिया गया था, लेकिन मैं माता के दरबार में हमेशा आता रहा और सब केस खत्म हो गया. माता बगलामुखी की पूजा से हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है.

Mata Baglamukhi Temple In Gaya
दूर-दूर से मन्नत मांगने आते हैं भक्त (ETV Bharat)

36 ब्राह्मणों के साथ अनुष्ठान: इस संबंध में बगलामुखी मंदिर के पुजारी सौरभ मिश्रा बताते हैं, कि मंदिर गया के बंगलास्थान में स्थित है. यह कई सौ साल पुराना है. टिकारी महाराज ने मंदिर का निर्माण कराया था. टिकारी महाराज हरिहर प्रसाद सिंह के खिलाफ एक मुकदमा इंग्लैंड के प्रेवी काउंसिल में चल रहा था. सलाह लेने पर उन्होंने बगलामुखी मंदिर में सहस्त्रदला स्थापित करने की बात कही थी. सहस्त्र दल स्थापित करने के लिए 36 दिन 36 ब्राह्मणों के साथ अनुष्ठान किया. इसका चमत्कारिक लाभ हुआ और मुकदमे का फैसला टिकारी महाराज के पक्ष में आ गया.

"भक्त महसूस करते हैं, कि माता उन्हें आशीर्वाद देती है. भारत में बगलामुखी मंदिर कई स्थानों पर है. दतिया कांगड़ा में भी बगलामुखी माता का मंदिर है. गया का बगलामुखी माता का मंदिर काफी विख्यात है. माता की पूजा से मुकदमे में विजय प्राप्ति के लिए किया जाता है. मां की प्रतिमा बाएं हाथ से शत्रु की जिह्वा खींच रही मुद्रा में है."-सौरव मिश्रा, मां बगलामुखी मंदिर के पुजारी

पढ़ें-आज मां कूष्माण्डा की पूजा, इस मिठाई का भोग लगाने से देवी होंगी प्रसन्न, जानें विशेषताएं - Navratri 2024

गया: बिहार के गया में सनातन धर्मावलंबियों के लिए एक से बढ़कर एक धार्मिक स्थल है. इसी में एक प्रसिद्ध माता बगलामुखी का मंदिर है. इस देवी मंदिर में भक्त आते हैं और अपनी मनोकामना माता के सामने रखते हैं. माता के दरबार में ज्यादातर वैसे भक्त आते हैं जिन्हें कोर्ट कचहरी से निजात पानी होती है. मान्यता है कि माता बगलामुखी के दरबार में ऐसे भक्तों को विजय मिलती है.

टिकारी महाराज से जुड़ी है घटना: माता बगलामुखी की महिमा टिकारी महाराज के काल से भी जुड़ी हुई है. टिकारी महाराज ने भी इस मंदिर में अनुष्ठान कराया था और फिर उन्हें इंग्लैंड में चल रहे केस में जीत हासिल हो गई थी. सैकड़ों साल पुराना यह देवी मंदिर कई तरह के चमत्कारों के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. माता बगलामुखी के नाम से ही इस स्थान को बंग्लास्थान के नाम से जाना जाता है.

माता बगलामुखी मंदिर (ETV Bharat)

इस दरबार में अर्जी लगाने आते हैं भक्त: मान्यताओं के कारण गया के इस देवी मंदिर में बिहार ही नहीं, बल्कि देश भर से लोग आते हैं. यहां माता के सामने अर्जी रखते हैं और अपनी पीड़ा रखकर माता से शत्रु को हराने की गुहार लगाते हैं. भक्तों का मानना है, कि उन्हें निश्चित तौर पर सफलता मिलती है. माता उनकी पीड़ा और दुख को हर लेती है. नतीजतन कोर्ट कचहरी पुलिस केस से उन्हें निजात मिलता है.

टिकारी महाराज को मिली थी राहत: इस बगलामुखी मंदिर से टिकारी महाराज हरिहर प्रसाद सिंह की कहानी जुड़ी है. बताया जा रहा है कि टिकारी महाराज हरिहर प्रसाद सिंह पर एक मुकदमा इंग्लैंड में चल रहा था. इंग्लैंड के प्रेवी काउंसिल में उनके खिलाफ मुकदमा था. भारत के प्रसिद्ध ज्योतिर्विद तांत्रिक भवानी नंद मिश्रा की सलाह के बाद टिकारी महाराज हरिहर प्रसाद सिंह ने बगलामुखी मंदिर में सहस्त्र दल स्थापित किया. 36 दिन 36 ब्राह्मण के साथ अनुष्ठान चला. महाराज हरिहर प्रसाद सिंह को उस मुकदमे में चमत्कारिक सफलता मिली.

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दतिया और कांगड़ा में भी है बगलामुखी माता का मंदिर: देश के कुछ और स्थान पर माता बगलामुखी का मंदिर है. दतिया और कांगड़ा में भी माता बगलामुखी का मंदिर है. इस तरह गया में बगलामुखी मां विराजमान हैं. गया के बगलामुखी मां के मंदिर की प्रसिद्धी देश भर में है. देश भर से यहां भक्त आते हैं. ऐसे कई भक्त हैं, जो पिछले कई दशकों से लगातार मंदिर में माता के दर्शन करने आते हैं.

10 महाविद्या की आठवीं देवी है माता बगलामुखी: माता बगलामुखी 10 महाविद्या की आठवीं देवी है, जिनका पूजन शत्रु का दमन करने के लिए है. पीड़ित को माता के पूजन से शक्ति प्राप्त होती है और उसे शत्रु दमन करने में सफलता मिलती है. यहां बगलामुखी मंदिर में शत्रु पर विजय पाने के लिए पूजा का बड़ा महत्व है. गया में स्थित माता बगलामुखी मंदिर में चारों नवरात्रि में पूजन यज्ञ होता है. सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन यहां फरियादियों की भीड़ काफी संख्या में जुटती है.

Mata Baglamukhi Temple In Gaya
टिकारी महाराज के समय से है मान्यता (ETV Bharat)

ऐसी है माता की प्रतिमा: बगलामुखी मंदिर में माता की प्रतिमा अद्भुत है. माता की प्रतिमा शत्रु की जिह्वा खींच रही मुद्रा में है. यहां पूजन से शत्रु के खिलाफ भक्त को निश्चित तौर पर लाभ मिलता है. इसकी कई कहानियां भी चर्चित हैं. माता बगलामुखी की पूजा भगवान श्री राम ने भी की थी. लंका पर चढ़ाई के दौरान समुद्र पार करने से पहले भगवान राम ने बगलामुखी माता की पूजा की थी. इसके बाद चढ़ाई की थी.

हर तरह की मनोकामना की होती है पूर्ति: माता के दर्शन करने आई शिवानी पपोद्दार बताती है कि माता का दर्शन कर वह सुकून अनुभव करती है. माता हर तरह के कामों में सफलता दिलाती है. यहां लोगों को नौकरी चाकरी में सफलता मिलती है. वहीं, कोर्ट कचहरी के समस्याओं में भी सफलता हासिल होती है.

Mata Baglamukhi Temple In Gaya
यहां पूरी होती है भक्तों की मन्नात (ETV Bharat)

"मुझे केस में फंसा दिया गया था. कई महीने जेल में रहा. छूटा तो माता की शरण में आया तब से सुरक्षित हूं. मुकदमा खत्म हो गया है. पत्नी के साथ डिवोर्स हो गया था. अब पत्नी भी साथ है और बच्चे भी आ गए. पहले संतान भी कई सालों तक नहीं हुआ था, लेकिन माता की कृपा से सब कुछ अच्छा हो रहा है. माता के आशीर्वाद से सब कुछ सामान्य हो गया है."-बालेश्वर मांझी, भक्त

गया नगर निगम वार्ड पार्षद की आस्था: माता के यहां जो भक्त आते हैं. वह खाली हाथ नहीं लौटते. हम सालों से माता के दरबार में आ रहे हैं. मुझे चुनाव के समय में बेबुनियाद वाले केस में फंसा दिया गया था, लेकिन मैं माता के दरबार में हमेशा आता रहा और सब केस खत्म हो गया. माता बगलामुखी की पूजा से हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है.

Mata Baglamukhi Temple In Gaya
दूर-दूर से मन्नत मांगने आते हैं भक्त (ETV Bharat)

36 ब्राह्मणों के साथ अनुष्ठान: इस संबंध में बगलामुखी मंदिर के पुजारी सौरभ मिश्रा बताते हैं, कि मंदिर गया के बंगलास्थान में स्थित है. यह कई सौ साल पुराना है. टिकारी महाराज ने मंदिर का निर्माण कराया था. टिकारी महाराज हरिहर प्रसाद सिंह के खिलाफ एक मुकदमा इंग्लैंड के प्रेवी काउंसिल में चल रहा था. सलाह लेने पर उन्होंने बगलामुखी मंदिर में सहस्त्रदला स्थापित करने की बात कही थी. सहस्त्र दल स्थापित करने के लिए 36 दिन 36 ब्राह्मणों के साथ अनुष्ठान किया. इसका चमत्कारिक लाभ हुआ और मुकदमे का फैसला टिकारी महाराज के पक्ष में आ गया.

"भक्त महसूस करते हैं, कि माता उन्हें आशीर्वाद देती है. भारत में बगलामुखी मंदिर कई स्थानों पर है. दतिया कांगड़ा में भी बगलामुखी माता का मंदिर है. गया का बगलामुखी माता का मंदिर काफी विख्यात है. माता की पूजा से मुकदमे में विजय प्राप्ति के लिए किया जाता है. मां की प्रतिमा बाएं हाथ से शत्रु की जिह्वा खींच रही मुद्रा में है."-सौरव मिश्रा, मां बगलामुखी मंदिर के पुजारी

पढ़ें-आज मां कूष्माण्डा की पूजा, इस मिठाई का भोग लगाने से देवी होंगी प्रसन्न, जानें विशेषताएं - Navratri 2024

Last Updated : Oct 6, 2024, 5:08 PM IST
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