रायपुर: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय आम महोत्सव का आयोजन किया गया. 12 जून से 14 जून तक तक चले मैंगो फेस्टीवल में भारत के विभिन्न प्रांतों से आम की लगभग 300 से ज्यादा प्रजातियां को लाया गया है. इसके अलावा आम से बने 56 प्रकार के व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. आम महोत्सव पर इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर गिरीश चंदेल ने ETV भारत से खास बात की. उन्होंने बताया कि आम महोत्सव से ना सिर्फ लोगों ने आम की अलग अलग प्रजातियों को देखा बल्कि उन्हें ये भी बताया गया कि कमाई और पर्यावरण के लिहाज से भी आम कितना खास है.
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉक्टर गिरीश चंदेल ने बताया "अलग अलग राज्यों के कई आम उत्पादक और प्रजातियां मैंगो फेस्टीवल में शामिल की गई. जो लोगों को देखने और जानने के लिए उपलब्ध हैं. मैंगो फेस्टीवल में गुलाब खास, हाथीझूल, जंबो रेड, अल्फांसो और बैगन फली जैसे आमों की प्रजाति रखी गई है. इसके अलावा जो आम बोलचाल की भाषा में हमारे पास आम होते हैं दशहरी चौसा भी यहां पर है."
मियांजाकी आम की कीमत लगभग 3 लाख रुपये किलो: कुलपति डॉक्टर गिरीश चंदेल ने बताया "यहां पर एक आम ऐसा भी है जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत 2 लाख 70 हजार रुपए प्रति किलो है. मियांजाकी की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत बढ़ी है क्योंकि इसके रिलिजियस मायने हैं. जापान में खास तौर से इसे भगवान की पूजा के लिए उपयोग में लाया जाता है. इसे भी लगाने की कोशिश की जा रही है. अभी इस पर काम चल रहा है."
चंदेल ने बताया "आम महोत्सव का आयोजन सिर्फ लोगों को आम के बारे में जानकारी देना नहीं है बल्कि यह बताना भी है कि उन्नत किस्म के आम लगाकर कमाई भी की जा सकती है. कई ऐसी प्रजातियां हैं जिनमें पौधों को भी इस प्रदर्शनी में लाया गया है. जो लोग चाहे उसके बारे में जानकारी ले सकते हैं."
देशभर के आम मैंगो फेस्टीवल में: लखनऊ से आम की 70 वैरायटी, ओडिशा, महाराष्ट्र, झारखंड, मध्य प्रदेश के आम मैंगो फेस्टीवल में रखा गया है. इस महोत्सव में ना सिर्फ आम बल्कि आम के पेड़ भी रखे गए हैं. जो आम का पौधा खरीद कर अपने घरों में लगा सकते हैं.