दुर्ग भिलाई: भिलाई इस्पात संयंत्र में हर साल की तरह इस साल भी 14 अप्रैल को अग्निशमन के वीरों को श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही यहां राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस और संविधान निर्माता डॉ भीमराव आम्बेडकर की जयंती मनाई गई. भिलाई इस्पात संयंत्र के अग्निशमन केन्द्र परिसर में सुबह 8 बजे से ही राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस का आयोजन किया गया. इस दौरान सेल के सीईओ अनिर्बन दास गुप्ता मौजूद रहे.
शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि: राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस के मौके पर भिलाई इस्पात संयंत्र के अग्निशमन दस्ते ने अग्निशमन के वीर जवानों को सलामी देते हुए शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की. वहीं, परेड कमांडर की ओर से मुख्य अतिथि को रिपोर्ट किया गया. मुख्य अतिथि ने परेड का निरीक्षण किया और शहीद हुए अग्निवीरों को मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान तेज सायरन की आवाज में लाल रंग की फायर ब्रिगेड वाहन सड़क पर दौड़ती नजर आई. लोग लाल रंग के वाहन को देख सड़क के किनारे आ गए. इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के अग्निशमन यंत्रों को जवानों ने प्रदर्शन करते हुए बताया कि जवान आग लगने पर किस तरह बचाव करते हैं.
आज के दिन 1944 में मुम्बई के डॉक यार्ड में 66 अग्निशमन वीरों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था. उन्हीं के बलिदान को याद करते हुए ये दिन मनाया जाता है. इस बार का केन्द्र की ओर से थीम है, "अग्निसुरक्षा सुनिश्चित करें, राष्ट्रिय निर्माण में योगदान दें." इसी थीम के तहत दिखाया गया कि कैसे आग लगने पर टीम आग बुझाने के लिए अपनी जान पर खेल जाती है. -बीके महापात्रा, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, भिलाई इस्पात संयंत्र
लोगों को किया गया जागरुक: दरअसल 14 अप्रैल साल 1944 को मुम्बई डॉक यार्ड में हुई भीषण आग पर काबू पाते हुए 66 फायर फाइटरों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था. इस अवसर पर उन वीरों को याद किया गया. फायर फाइटर्स ने लोगों को आगजनी से बचने के टिप्स भी दिए.