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देश के पहले लेखक गांव का दिखने लगा असर, गढ़वाल और कुमाऊं साहित्य पर नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया करेगा 20 पुस्तक पब्लिश

गढ़वाल और कुमाऊं साहित्य पर नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया 20 पुस्तक पब्लिश करेगा. ये जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दी.

RAMESH POKHRIYAL NISHANK
पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 6, 2024, 7:25 PM IST

देहरादून: पांच दिवसीय स्पर्श हिमालय महोत्सव के समापन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रेस वार्ता आयोजित की है. उन्होंने बताया कि 20 वरिष्ठ गढ़वाली और कुमाऊंनी लेखकों के अनुवादन के बाद अब इन सभी पुस्तकों का पब्लिकेशन नेशनल बुक ट्रस्ट पब्लिकेशन इंडिया से होगा.

बता दें कि कुछ दिन पहले डोईवाला विधानसभा के अंतर्गत आने वाले थानों क्षेत्र के लेखक गांव में स्पर्श हिमालय महोत्सव का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में देश और विदेशों के साहित्य, संस्कृति, कला और विज्ञान क्षेत्र से जुड़े अनेक लोगों ने भाग लिया था. पहले दो दिन गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी बोली-भाषा के लेखकों की कार्यशाला और भाषा विमर्श के साथ-साथ कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. साथ ही अनेकों क्षेत्रीय बोली-भाषा की पुस्तकों का विमोचन किया गया.

देश के पहले लेखक गांव का दिखने लगा असर (video-ETV Bharat)

पूर्व मुख्यमंत्री और खेल गांव के संस्थापक रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि पांच दिवसीय स्पर्श हिमालय महोत्सव को 65 से अधिक देशों के साथ-साथ भारत के सभी राज्यों से आए लेखकों, विचारकों, चिंतकों और वैज्ञानिकों ने अद्भुत एवं अविस्मरणीय बनाया है. उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी को लेखकों के प्रति चिंता और पीड़ा थी कि यहां लेखकों को सम्मान नहीं मिलता है. उनका जीवन बहुत दुखदायी होता है. इसी से प्रेरणा लेकर मैने इस परिकल्पना को साकार किया है, जो एक अद्भुत और अभूतपूर्व प्रयास है. यह ऐतिहासिक गांव लेखकों के तीर्थ के रूप में स्थापित हो गया है.

रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि इस आयोजन के दौरान दो दिन तक चली नेशनल बुक ट्रस्ट के साथ उत्तराखंड के क्षेत्रीय साहित्यकारों की कार्यशाला के बाद अब 20 वरिष्ठ गढ़वाली और कुमाऊंनी लेखकों के अनुवादन के बाद अब इन सभी 20 पुस्तकों के पब्लिकेशन नेशनल बुक ट्रस्ट पब्लिकेशन इंडिया से होगा. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में तकरीबन 22 सत्र आयोजित किए गए. लेखक गांव में 12 लेखक कुटि बनाई जा रही हैं. उनके द्वारा नवोदित लेखकों यानी नई पीढ़ी के लेखकों को एक बेहतर माहौल दिया जा रहा है और आज उनकी 300 किताबें भी पब्लिश की जा रही हैं.

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देहरादून: पांच दिवसीय स्पर्श हिमालय महोत्सव के समापन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रेस वार्ता आयोजित की है. उन्होंने बताया कि 20 वरिष्ठ गढ़वाली और कुमाऊंनी लेखकों के अनुवादन के बाद अब इन सभी पुस्तकों का पब्लिकेशन नेशनल बुक ट्रस्ट पब्लिकेशन इंडिया से होगा.

बता दें कि कुछ दिन पहले डोईवाला विधानसभा के अंतर्गत आने वाले थानों क्षेत्र के लेखक गांव में स्पर्श हिमालय महोत्सव का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में देश और विदेशों के साहित्य, संस्कृति, कला और विज्ञान क्षेत्र से जुड़े अनेक लोगों ने भाग लिया था. पहले दो दिन गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी बोली-भाषा के लेखकों की कार्यशाला और भाषा विमर्श के साथ-साथ कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. साथ ही अनेकों क्षेत्रीय बोली-भाषा की पुस्तकों का विमोचन किया गया.

देश के पहले लेखक गांव का दिखने लगा असर (video-ETV Bharat)

पूर्व मुख्यमंत्री और खेल गांव के संस्थापक रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि पांच दिवसीय स्पर्श हिमालय महोत्सव को 65 से अधिक देशों के साथ-साथ भारत के सभी राज्यों से आए लेखकों, विचारकों, चिंतकों और वैज्ञानिकों ने अद्भुत एवं अविस्मरणीय बनाया है. उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी को लेखकों के प्रति चिंता और पीड़ा थी कि यहां लेखकों को सम्मान नहीं मिलता है. उनका जीवन बहुत दुखदायी होता है. इसी से प्रेरणा लेकर मैने इस परिकल्पना को साकार किया है, जो एक अद्भुत और अभूतपूर्व प्रयास है. यह ऐतिहासिक गांव लेखकों के तीर्थ के रूप में स्थापित हो गया है.

रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि इस आयोजन के दौरान दो दिन तक चली नेशनल बुक ट्रस्ट के साथ उत्तराखंड के क्षेत्रीय साहित्यकारों की कार्यशाला के बाद अब 20 वरिष्ठ गढ़वाली और कुमाऊंनी लेखकों के अनुवादन के बाद अब इन सभी 20 पुस्तकों के पब्लिकेशन नेशनल बुक ट्रस्ट पब्लिकेशन इंडिया से होगा. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में तकरीबन 22 सत्र आयोजित किए गए. लेखक गांव में 12 लेखक कुटि बनाई जा रही हैं. उनके द्वारा नवोदित लेखकों यानी नई पीढ़ी के लेखकों को एक बेहतर माहौल दिया जा रहा है और आज उनकी 300 किताबें भी पब्लिश की जा रही हैं.

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