रायपुर :ज्योतिष के माध्यम से भी राष्ट्र का विकास बहुत तेजी से किया जा सकता है.वास्तव में जब हम देश को विकसित राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं तो हमें यह भी देखना होगा कि हम या हमारे देश के प्रति क्या कर्तव्य हैं. प्रत्येक नागरिक का यह राष्ट्रीय कर्तव्य है. ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर का मानना है कि ज्योतिष का उपयोग देश को विकसित करने में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है. देश की कुंडली, देश की आजादी की कुंडली, देश की महादशा, अंतर्दशा, प्रत्यंतर दशा गोचर के ग्रहों का विश्लेषण ज्योतिष संहिता के तहत विश्व में क्या होने वाला है.
ज्योतिष की मदद से राष्ट्र निर्माण : ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि "जैसे खनिज विभाग इसका संबंध आठवें घर से है. यदि आठवें घर की स्थिति अच्छी है. ऐसी स्थिति में कौन से ग्रह का प्रभाव वहां पर है उसके आधार पर यह निश्चित होगा किस ग्रह से संबंधित माइनिंग की तलाश होगी.उसे क्षेत्र में माइनिंग कार्य करना उसकी खोज करना महत्वपूर्ण होगा. क्योंकि कल के आधार पर ही फल प्राप्त होगा. संबंधित माइनिंग खनिज पदार्थ मिलेंगे. जिसका देश के विकास में योगदान होगा.
''ऐसे ही जल पर्यावरण उद्योग आदि के संबंध में भी ग्रहों की स्थिति के आधार पर एवं उनके दशाओं के आधार पर उनके गोचर के आधार पर संबंधित कल का श्रेष्ठतम उपयोग कर देश के विकास में इसका उपयोग किया जा सकता है. समृद्धि को चरम सीमा तक पहुंचाया जा सकता है. देश में उपलब्ध संसाधनों एवं मानव श्रम तथा मानव प्रतिभा का आकलन भी जातकों की एवं राष्ट्र की कुंडली के आधार पर निर्धारित करके इसका भी श्रेष्ठतम उपयोग देश के विकास में किया जा सकता है. देश की भाषा एकता एवं उपयुक्त संयोजन के लिए भी ज्योतिष का उपयोग श्रेष्ठ होगा.'' डॉक्टर महेन्द्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष एवं वास्तुविद्
ज्योतिषों से शासन ले सकता है मदद :शासन को चाहिए कि वह सही ज्ञानी निस्वार्थ भाव से काम करने वाले समर्पित एवं संत प्रकृति के ज्योतिषियों का पता लगाकर उनसे इस संबंध में विचार करवाकर और देश की तरक्की में अपना योगदान अधिक से अधिक कराया जा सके. कुंडली के राशियों, भावों एवं ग्रहों के आधार पर जल की उपलब्धता भूमि की उपलब्धता वायु तत्व की उपयोगिता आकाश तत्व एवं अग्नि तत्व के आधार पर देश की प्रकृति देश का पर्यावरण देश की जनता की खुशहाली के लिए काम किया जा सकता है. इस संबंध में आध्यात्मिक एवं ज्योतिष के पुराने एवं पुरातन का भी उपयोग किया जाना उस पर शोध किया जाना उचित होगा. ताकि हम अपने अतीत की उपलब्धियों से परिचित हो सके और वर्तमान में उस ज्ञान का अधिकतम उपयोग कर राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान ज्योतिष के माध्यम से दें सके.
नोट: यहां प्रस्तुत सारी बातें ज्योतिषाचार्यों और शास्त्रों में विदित बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.