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"विवादित स्थलों पर निकले मंदिर हिंदुओं को सौंपे जाएं", शंकराचार्य सदानन्द सरस्वती की सलाह - SHANKARACHARYA SADANAND SARASWATI

शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती ने कहा है "मस्जिदों में मंदिर निकलते हैं तो उन्हें हिंदू समाज को मिलना चाहिए. ये हमारा मौलिक अधिकार है"

Shankaracharya Sadanand Saraswati
शंकराचार्य सदानन्द सरस्वती का बयान (Jagadguru Shankaracharya Dwarka SharadaPeetham X Handle)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 4, 2025, 4:28 PM IST

Updated : Jan 4, 2025, 4:57 PM IST

नर्मदापुरम: धर्म के प्रचार के लिए नर्मदापुरम पहुंचे शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती का धर्माचार्य सोमेश परसाई के निवास पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया. इस दौरान मीडिया से चर्चा के दौरान शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती ने कहा "मस्जिदों में मंदिर निकलने की सूचना मिलने पर हम उन्हें प्राप्त करने का प्रयास करेंगे. यह हर हिंदू चाहता है. यह हमारा मौलिक अधिकार है. जो हमारा है वह हमारे पास होना चाहिए".

"हमारे धार्मिक स्थलों को तोड़ा-मरोड़ा गया'

शंकराचार्य ने कहा "प्राचीन काल से जो वस्तुएं, स्मारक, प्रसिद्ध स्थान, धर्म के स्थान हमारे थे, वे हमें मिलने ही चाहिए. हमारे धार्मिक स्थानों में धर्म और ब्रह्मा की सत्ता विद्यमान होती है. उन स्थानों के प्रति हमारा आकर्षण होता है. ऐसे सैकड़ों स्थान हैं, जिनका परिवर्तन करके मस्जिद का रूप दिया गया. अंदर वे ज्यों के त्यों मंदिर के रूप में हैं. हमने किसी और के धार्मिक स्थल को नहीं बदला. हमारे धार्मिक स्थान को तोड़-मरोड़ कर नष्ट किया गया. उनका ऊपरी भाग परिवर्तित किया गया. ऐसे स्थानों पर हिंदुओं का अधिकार है."

शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती नर्मदापुरम में (ETV BHARAT)

प्रयागराज कुंभ की व्यवस्थाओं पर प्रसन्नता जताई

प्रयागराज कुंभ मेले को लेकर उन्होंने कहा कि ये हमें परंपरागत मिले हैं. इसका पौराणिक महत्व भी है. ये प्राचीन काल से चले आ रहे हैं. शासन का उत्तरदायित्व वहां व्यवस्था करने का है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस बार अच्छी व्यवस्था की गई है. काफी सुविधाएं प्रदान की हैं. समय के अनुसार भौतिक सुविधाओं में परिवर्तन होता ही रहता है. उसमें वृद्धि की गई है.

नर्मदापुरम: धर्म के प्रचार के लिए नर्मदापुरम पहुंचे शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती का धर्माचार्य सोमेश परसाई के निवास पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया. इस दौरान मीडिया से चर्चा के दौरान शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती ने कहा "मस्जिदों में मंदिर निकलने की सूचना मिलने पर हम उन्हें प्राप्त करने का प्रयास करेंगे. यह हर हिंदू चाहता है. यह हमारा मौलिक अधिकार है. जो हमारा है वह हमारे पास होना चाहिए".

"हमारे धार्मिक स्थलों को तोड़ा-मरोड़ा गया'

शंकराचार्य ने कहा "प्राचीन काल से जो वस्तुएं, स्मारक, प्रसिद्ध स्थान, धर्म के स्थान हमारे थे, वे हमें मिलने ही चाहिए. हमारे धार्मिक स्थानों में धर्म और ब्रह्मा की सत्ता विद्यमान होती है. उन स्थानों के प्रति हमारा आकर्षण होता है. ऐसे सैकड़ों स्थान हैं, जिनका परिवर्तन करके मस्जिद का रूप दिया गया. अंदर वे ज्यों के त्यों मंदिर के रूप में हैं. हमने किसी और के धार्मिक स्थल को नहीं बदला. हमारे धार्मिक स्थान को तोड़-मरोड़ कर नष्ट किया गया. उनका ऊपरी भाग परिवर्तित किया गया. ऐसे स्थानों पर हिंदुओं का अधिकार है."

शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती नर्मदापुरम में (ETV BHARAT)

प्रयागराज कुंभ की व्यवस्थाओं पर प्रसन्नता जताई

प्रयागराज कुंभ मेले को लेकर उन्होंने कहा कि ये हमें परंपरागत मिले हैं. इसका पौराणिक महत्व भी है. ये प्राचीन काल से चले आ रहे हैं. शासन का उत्तरदायित्व वहां व्यवस्था करने का है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस बार अच्छी व्यवस्था की गई है. काफी सुविधाएं प्रदान की हैं. समय के अनुसार भौतिक सुविधाओं में परिवर्तन होता ही रहता है. उसमें वृद्धि की गई है.

Last Updated : Jan 4, 2025, 4:57 PM IST
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