श्रीनगर: लंदन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स (संसद) में आयोजित ग्लोबल ब्रिलियंस अवॉर्ड कार्यक्रम में उत्तराखंड के लोकगायक गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी को डिस्टिंग्विश लीडरशिप इन इंडियन फोक सिंगिंग अवॉर्ड (भारतीय लोक गायन में विशिष्ट नेतृत्व पुरस्कार) से सम्मानित किया गया है. उन्हें ये अवॉर्ड लोकगीत, संगीत, संस्कृति को प्रोहत्साहन और योगदान देने के लिए दिया गया है. इसी बीच उन्होंने अपना प्रसिद्ध गीत 'ठंडो रे ठंडो भी गया', जिसे सुनते ही सभी लोग मंत्रमुग्ध हो गए.
IISAF ने आयोजित किया ग्लोबल ब्रिलियंस अवॉर्ड कार्यक्रम: ग्लोबल ब्रिलियंस अवॉर्ड कार्यक्रम का आयोजन IISAF द्वारा किया गया था. विजेताओं का चयन एक ज्यूरी द्वारा किया गया था. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ब्रिटिश सांसद Lord Rami Ranger, MP Jack Ranking, Mayor Prerna Bhardwaj और विभिन्न देशों के दूतावासों के प्रतिनिधि मौजूद रहे.
नरेंद्र सिंह नेगी को भारतीयों से मिल रहा बहुत प्रेम: नरेंद्र सिंह नेगी के बेटे कविलास नेगी ने बताया कि उनके पिता लगातार लंदन में प्रवासी भारतीयों से मुलाकात कर रहे हैं और इस दौरान उन्हें बहुत प्यार मिल रहा है. उन्होंने बताया कि उनके पिता 12 अगस्त को 75 साल के हो जाएंगे. इस मौके पर देहरादून में उनके 100 से ज्यादा गीतों के संग्रह पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन भी उनके द्वारा किया जाएगा.
भाषा, संस्कृति और परंपरा को सजोकर रखे हैं नरेंद्र सिंह नेगी: Uttarakhand Global Forum के सह-संस्थापक संदीप बिष्ट ने बताया कि यह सम्मान सिर्फ नरेंद्र सिंह नेगी का ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड और उत्तराखंडियों का सम्मान है. उन्होंने कहा कि ये पुरस्कार आने वाले नये कलाकरों को भी प्रोत्साहित करेगा. वहीं, IISAF के अध्यक्ष आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि प्रतिभाशाली भारतीय पेशेवरों के प्रयासों को वैश्विक मंच में मान्यता देने से भारत की प्रतिष्ठा ऊपर उठती है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र सिंह नेगी जैसे लोक कलाकर, जो पिछले 50 वर्षों से अपनी भाषा, संस्कृति और परंपरा को अपने गीतों के माध्यम से संरक्षित करते हुए उसे आगे बढ़ा रहे हैं.
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