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राष्ट्रपति भवन में मामागिरी से मध्य प्रदेश मचला, शिवराज ने पहली बार केंद्रीय मंत्री बनते ही फर्स्ट रो में खूंटा गाड़ा - Shivraj Oath Union Minister

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान अब केंद्र की बागडोर संभालेंगे. अपने राजनीतिक सफर में शिवराज सिंह चौहान पहली बार केंद्रीय मंत्री बन रहे हैं. जानिए शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक सफरनामा..

SHIVRAJ OATH UNION MINISTER
शिवराज पहली बार बने केन्द्रीय मंत्री (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 9, 2024, 8:45 PM IST

Updated : Jun 9, 2024, 9:27 PM IST

भोपाल। 16 सालों तक मध्य प्रदेश की कमान संभाल चुके पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहली बार केन्द्र में मंत्री के तौर पर अब काम करेंगे. नरेन्द्र मोदी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारे जाने के बाद से ही उनका केन्द्र की मोदी सरकार में मंत्री बनना तय माना जा रहा था. मंत्रियों की सूची में उनका नाम फाइनल होने के बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया. मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री प्रहलाद पटेल ने उसने मुलाकात के बाद उन्हें बधाई दी. उधर शिवराज सिंह चौहान ने नई जिम्मेदारी का पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है. आइए बताते हैं शिवराज सिंह का राजनीतिक सफरनामा

लगातार बढ़ता गया शिवराज का कद

मध्य प्रदेश के 4 बार के मुख्यमंत्री, 6 बार के विधायक और 6 बार के सांसद रहे. शिवराज सिंह चौहान ने स्कूल स्तर से ही राजनीति में कदम रखा और फिर लगातार नई जिम्मेदारी के साथ लगातार आगे बढ़ते गए.

6 बार के सांसद हैं शिवराज

1990 में विधायक बनने के एक साल बाद लोकसभा का चुनाव हुआ और शिवराज सिंह चौहान को विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया गया. इस सीट पर इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी चुनकर संसद पहुंच चुके थे. शिवराज ने चुनाव जीता और वे पहली बार लोकसभा पहुंचे. इसके बाद उन्होंने 1996, 1998, 1999, 2004 में लगातार पांच बार इस सीट से चुनाव जीता. करीब 20 साल बाद इस बार वे इसी सीट से फिर लोकसभा चुनाव में उतरे और 8 लाख 20 हजार वोटों से रिकॉर्ड जीत दर्ज की है. शिवराज सिंह चौहान 6 बार विधायक भी रहे हैं.

SHIVRAJ SINGH POLITICAL CAREER
शिवराज का सफरनामा (ETV Bharat Graphics)

6 बार विधायक भी रहे हैं शिवराज

2004 में सांसद का चुनाव जीतने के एक साल के अंदर नंवबर 2005 में शिवराज सिंह को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया गया. बुधनी विधानसभा सीट से शिवराज सिंह ने उपचुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इसके बाद 2008, 2013 में बुधनी और विदिशा, 2018 में पांचवी बार बुधनी और 2023 में छठी बार बुधनी से विधानसभा का चुनाव लड़ा. शिवराज सिंह करीब 16 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने बीजेपी के सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड भी बनाया.

SHIVRAJ 1ST TIME CENTRAL MINISTER
शिवराज का सफरनामा (ETV Bharat Graphics)

1975 में शिवराज सिंह चौहान भोपाल के मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल में छात्र संघ के अध्यक्ष बने. 1975-1976 तक वे आपातकाल के दौरान भूमिगत आंदोलन से जुड़े रहे. इसके बाद एक साल तक आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत वे मीसाबंदी भी रहे. 1978 में वे अखिल भारतीय विद्याथी परिषद से जुड़े. पहले उन्हें भोपाल फिर मध्यप्रदेश का संयुक्त सचिव बनाया गया और फिर महासचिव की जिम्मेदारी दी गई. 1982 में शिवराज को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया. 1984 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का संयुक्त सचिव, फिर महासचिव और 1988 में युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया.

SHIVRAJ OATH UNION MINISTER
शिवराज को बीजेपी नेताओं ने दी बधाई (ETV Bharat)

यहां पढ़ें...

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पहली बार बुधनी सीट से बने विधायक

इसके बाद 1990 में शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा सीट से पहली बार विधानसभा का चुनाव जीतकर विधायक बने. 1992 में अयोध्या में कार सेवा के दौरान उन्हें जेल भी हुई. 1997 से 2000 तक वे प्रदेश बीजेपी के महासचिव रहे. 2000 से 2003 तक शिवराज भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. 2005 में शिवराज सिंह को प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया.

भोपाल। 16 सालों तक मध्य प्रदेश की कमान संभाल चुके पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहली बार केन्द्र में मंत्री के तौर पर अब काम करेंगे. नरेन्द्र मोदी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारे जाने के बाद से ही उनका केन्द्र की मोदी सरकार में मंत्री बनना तय माना जा रहा था. मंत्रियों की सूची में उनका नाम फाइनल होने के बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया. मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री प्रहलाद पटेल ने उसने मुलाकात के बाद उन्हें बधाई दी. उधर शिवराज सिंह चौहान ने नई जिम्मेदारी का पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है. आइए बताते हैं शिवराज सिंह का राजनीतिक सफरनामा

लगातार बढ़ता गया शिवराज का कद

मध्य प्रदेश के 4 बार के मुख्यमंत्री, 6 बार के विधायक और 6 बार के सांसद रहे. शिवराज सिंह चौहान ने स्कूल स्तर से ही राजनीति में कदम रखा और फिर लगातार नई जिम्मेदारी के साथ लगातार आगे बढ़ते गए.

6 बार के सांसद हैं शिवराज

1990 में विधायक बनने के एक साल बाद लोकसभा का चुनाव हुआ और शिवराज सिंह चौहान को विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया गया. इस सीट पर इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी चुनकर संसद पहुंच चुके थे. शिवराज ने चुनाव जीता और वे पहली बार लोकसभा पहुंचे. इसके बाद उन्होंने 1996, 1998, 1999, 2004 में लगातार पांच बार इस सीट से चुनाव जीता. करीब 20 साल बाद इस बार वे इसी सीट से फिर लोकसभा चुनाव में उतरे और 8 लाख 20 हजार वोटों से रिकॉर्ड जीत दर्ज की है. शिवराज सिंह चौहान 6 बार विधायक भी रहे हैं.

SHIVRAJ SINGH POLITICAL CAREER
शिवराज का सफरनामा (ETV Bharat Graphics)

6 बार विधायक भी रहे हैं शिवराज

2004 में सांसद का चुनाव जीतने के एक साल के अंदर नंवबर 2005 में शिवराज सिंह को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया गया. बुधनी विधानसभा सीट से शिवराज सिंह ने उपचुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इसके बाद 2008, 2013 में बुधनी और विदिशा, 2018 में पांचवी बार बुधनी और 2023 में छठी बार बुधनी से विधानसभा का चुनाव लड़ा. शिवराज सिंह करीब 16 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने बीजेपी के सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड भी बनाया.

SHIVRAJ 1ST TIME CENTRAL MINISTER
शिवराज का सफरनामा (ETV Bharat Graphics)

1975 में शिवराज सिंह चौहान भोपाल के मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल में छात्र संघ के अध्यक्ष बने. 1975-1976 तक वे आपातकाल के दौरान भूमिगत आंदोलन से जुड़े रहे. इसके बाद एक साल तक आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत वे मीसाबंदी भी रहे. 1978 में वे अखिल भारतीय विद्याथी परिषद से जुड़े. पहले उन्हें भोपाल फिर मध्यप्रदेश का संयुक्त सचिव बनाया गया और फिर महासचिव की जिम्मेदारी दी गई. 1982 में शिवराज को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया. 1984 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का संयुक्त सचिव, फिर महासचिव और 1988 में युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया.

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पहली बार बुधनी सीट से बने विधायक

इसके बाद 1990 में शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा सीट से पहली बार विधानसभा का चुनाव जीतकर विधायक बने. 1992 में अयोध्या में कार सेवा के दौरान उन्हें जेल भी हुई. 1997 से 2000 तक वे प्रदेश बीजेपी के महासचिव रहे. 2000 से 2003 तक शिवराज भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. 2005 में शिवराज सिंह को प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया.

Last Updated : Jun 9, 2024, 9:27 PM IST
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