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लड़ाई लड़ते-लड़ते मैं बागी बन जाता हूं, ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बोले नारायण त्रिपाठी - Narayan Tripathi On Etv Bharat

विंध्य क्षेत्र के कद्दावर नेता और मैहर सीट से 4 बार विधायक रह चुके नारायण त्रिपाठी मध्य प्रदेश के ऐसे नेता हैं, जो प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों में रह चुके हैं. सपा से अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने वाले त्रिपाठी कांग्रेस, भाजपा में रहने के अलावा वे अपनी पार्टी भी बना चुके हैं और अब उन्होंने हाथी की सवारी कर ली है. ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में त्रिपाठी ने बसपा ज्वाइन करने के पीछे की वजह बताई.

NARAYAN TRIPATHI on ETV Bharat
नारायण त्रिपाठी का ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 21, 2024, 4:02 PM IST

Updated : Mar 21, 2024, 6:00 PM IST

नारायण त्रिपाठी का ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

भोपाल। चुनावों के वक्त एक पार्टी छोड़ दूसरे का दामन पकड़ना यानी दलबदल आम बात है, लेकिन मध्य प्रदेश में कुछ नेता ऐसे भी हैं, जो समय-समय पर पार्टी छोड़ते रहे हैं. ऐसे ही एक नेता हैं पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी, जो अब बहुजन समाज पार्टी के हाथी पर बैठकर चुनाव मैदान में उतरने जा रहे हैं. नारायण त्रिपाठी ने आज गुरुवार को बीएसपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. अब वे बसपा के टिकट पर सतना से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. मध्य प्रदेश के 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के पहले नारायण त्रिपाठी बीजेपी से बाहर हुए और उन्होंने विंध्य जनता पार्टी का गठन किया था. बसपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद नारायण त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से अपने बार-बार दल बदलने को लेकर बेबाकी से बात की.

सभी पार्टियों में रह चुके हैं त्रिपाठी

विंध्य क्षेत्र के कद्दावर नेता और मैहर सीट से चार बार विधायक रहे नारायण त्रिपाठी ऐसे नेता हैं, जो प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों में रह चुके हैं. नारायण त्रिपाठी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत समाजवादी पार्टी से की थी. वे 2003 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे. करीब 10 साल बाद वे कांग्रेस में शामिल हुए और दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. लेकिन कांग्रेस से उनका साथ 3 सालों का ही रहा. 2016 के उपचुनाव में वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव में उतरे और जीत दर्ज की. 2018 में फिर वे बीजेपी के टिकट पर ही चुनाव जीते, लेकिन इसके बाद उनके निशाने पर अपनी ही पार्टी के नेता आ गए. लगातार बयानबाजी के चलते 2023 के चुनाव के पहले बीजेपी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसके बाद नारायण त्रिपाठी ने अपनी अलग पार्टी विंध्य जनता पार्टी का गठन किया, लेकिन वे खुद सतना से चुनाव हार गए.

बसपा में शामिल हुए नारायण त्रिपाठी
बसपा में शामिल हुए नारायण त्रिपाठी

अब बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव में उतरे

नारायण त्रिपाठी की विचारधारा पार्टी के साथ बदलती रहती है, अब वे बसपा के रंग में रंग गए हैं. गुरूवार को उन्होंने बीएसपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है और वे सतना लोकसभा सीट से हाथी पर सवार होकर मैदान में उतार गए हैं. यह जरूर है कि नारायण त्रिपाठी के चुनाव मैदान में उतरने से सतना लोकसभा का चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय और दिलचस्प होगा. वैसे सतना लोकसभा सीट पर बीजेपी की मजबूत पकड़ मानी जाती है.

ये भी पढ़ें:

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दल बदलू नेताओं में शुमार नारायण त्रिपाठी ने विंध्य में बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें

पिछले 6 चुनावों से बीजेपी का कब्जा

मध्य प्रदेश की सतना लोकसभा सीट पर बीजेपी का 1998 से लगातार कब्जा चला आ रहा है. इस सीट से बीजेपी के मौजूदा सांसद गणेश सिंह लगातार चार चुनाव 2004, 2009, 2014 और 2019 जीतते आ रहे हैं. बीजेपी ने एक बार फिर गणेश सिंह को चुनाव में उतारा है. हालांकि, बीजेपी ने 1998 में यह सीट बहुजन समाज पार्टी से ही छीनी थी. 1996 के लोकसभा चुनाव में बसपा के सुखलाल कुशवाहा ने इस सीट से चुनाव जीता था.

नारायण त्रिपाठी का ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

भोपाल। चुनावों के वक्त एक पार्टी छोड़ दूसरे का दामन पकड़ना यानी दलबदल आम बात है, लेकिन मध्य प्रदेश में कुछ नेता ऐसे भी हैं, जो समय-समय पर पार्टी छोड़ते रहे हैं. ऐसे ही एक नेता हैं पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी, जो अब बहुजन समाज पार्टी के हाथी पर बैठकर चुनाव मैदान में उतरने जा रहे हैं. नारायण त्रिपाठी ने आज गुरुवार को बीएसपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. अब वे बसपा के टिकट पर सतना से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. मध्य प्रदेश के 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के पहले नारायण त्रिपाठी बीजेपी से बाहर हुए और उन्होंने विंध्य जनता पार्टी का गठन किया था. बसपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद नारायण त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से अपने बार-बार दल बदलने को लेकर बेबाकी से बात की.

सभी पार्टियों में रह चुके हैं त्रिपाठी

विंध्य क्षेत्र के कद्दावर नेता और मैहर सीट से चार बार विधायक रहे नारायण त्रिपाठी ऐसे नेता हैं, जो प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों में रह चुके हैं. नारायण त्रिपाठी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत समाजवादी पार्टी से की थी. वे 2003 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे. करीब 10 साल बाद वे कांग्रेस में शामिल हुए और दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. लेकिन कांग्रेस से उनका साथ 3 सालों का ही रहा. 2016 के उपचुनाव में वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव में उतरे और जीत दर्ज की. 2018 में फिर वे बीजेपी के टिकट पर ही चुनाव जीते, लेकिन इसके बाद उनके निशाने पर अपनी ही पार्टी के नेता आ गए. लगातार बयानबाजी के चलते 2023 के चुनाव के पहले बीजेपी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसके बाद नारायण त्रिपाठी ने अपनी अलग पार्टी विंध्य जनता पार्टी का गठन किया, लेकिन वे खुद सतना से चुनाव हार गए.

बसपा में शामिल हुए नारायण त्रिपाठी
बसपा में शामिल हुए नारायण त्रिपाठी

अब बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव में उतरे

नारायण त्रिपाठी की विचारधारा पार्टी के साथ बदलती रहती है, अब वे बसपा के रंग में रंग गए हैं. गुरूवार को उन्होंने बीएसपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है और वे सतना लोकसभा सीट से हाथी पर सवार होकर मैदान में उतार गए हैं. यह जरूर है कि नारायण त्रिपाठी के चुनाव मैदान में उतरने से सतना लोकसभा का चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय और दिलचस्प होगा. वैसे सतना लोकसभा सीट पर बीजेपी की मजबूत पकड़ मानी जाती है.

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पिछले 6 चुनावों से बीजेपी का कब्जा

मध्य प्रदेश की सतना लोकसभा सीट पर बीजेपी का 1998 से लगातार कब्जा चला आ रहा है. इस सीट से बीजेपी के मौजूदा सांसद गणेश सिंह लगातार चार चुनाव 2004, 2009, 2014 और 2019 जीतते आ रहे हैं. बीजेपी ने एक बार फिर गणेश सिंह को चुनाव में उतारा है. हालांकि, बीजेपी ने 1998 में यह सीट बहुजन समाज पार्टी से ही छीनी थी. 1996 के लोकसभा चुनाव में बसपा के सुखलाल कुशवाहा ने इस सीट से चुनाव जीता था.

Last Updated : Mar 21, 2024, 6:00 PM IST
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