ETV Bharat / state

1000 करोड़ की जमीन पर कब्जे के लिए डॉक्यूमेंट में बदलवाए नाम, 1.5 करोड़ की ली टोकन मनी, आरोपी गिरफ्तार - CHEATING CASES IN DELHI NCR

-गाजियाबाद में करीब डेढ़ करोड़ की ठगी का मामला. गिरोह का पर्दाफाश

गाजियाबाद में करीब देढ करोड़ की ठगी का मामला
गाजियाबाद में करीब देढ करोड़ की ठगी का मामला (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

नई दिल्ली/गाजियाबादः गाजियाबाद की अर्थला मेट्रो स्टेशन के पास करीब एक हजार करोड़ की कीमत की 33 एकड़ जमीन को फर्जी तरीके से अपना बताकर बेचने का प्रयास करने वाले शातिर आरोपी राजकुमार गर्ग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. राजकुमार गर्ग लंबे समय से फरार चल रहा था. आरोपी जमीन बेचने के नाम पर टोकन मनी वसूलने के बाद गायब हो जाता था, और अपना मोबाइल नंबर और पता बदल लिया करता था. आरोपी ने अब तक करीब डेढ़ करोड़ से अधिक रुपए टोकन मनी के नाम पर वसूल कर चुका है.

आरोपी राजकुमार गर्ग मूल रूप से मुजफ्फरनगर के थाना कोतवाली के अबूपुरा मोहल्ले का रहने वाला है. राजकुमार गर्ग अपने परिवार के साथ मेरठ के माधवपुरम में किराए के मकान में रह रहा है. 18 साल की उम्र में राजकुमार गर्ग गाजियाबाद आया और यहां पर किराए के मकान में रहकर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था. 2017 में उसे जानकारी मिली की अरसल मेट्रो स्टेशन के पास करोड़ों रुपए की खाली जमीन पड़ी हुई है.

गाजियाबाद में करीब डेढ़ करोड़ की ठगी का मामला (ETV Bharat)

जमीन हथियाने के लिए नाम भी बदलवाए: जमीन गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके के रहने वाले राजकुमार अग्रवाल (पुत्र गोपाल दास) के नाम है. राजकुमार अग्रवाल गाजियाबाद में नहीं रहते थे. राजकुमार गर्ग को इस बात का भली भांति पता था. ऐसे में उसने जमीन पर कब्जा करने की नीयत से अपना आधार कार्ड और वोटर कार्ड में अपना नाम राजकुमार गर्ग के स्थान पर राजकुमार अग्रवाल करवा लिया, साथ ही पिता का नाम सूरजमल गर्ग के स्थान पर गोपाल दास अग्रवाल दर्ज कराया.

नए नाम के साथ नए बैंक खाते: डॉक्यूमेंट में नाम बदलवाने के बाद राजकुमार गर्ग ने अपने सभी पुराने बैंक खातों को बंद करवा दिया और नए नाम और पहचान के साथ कई बैंकों में नए खाते खुलवाए. इसके बाद उसने कई खसरा नंबरों के फर्जी पार्टनरशिप डीड, मुख्तारनामा और एग्रीमेंट तैयार किया. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दलालों के माध्यम से राजकुमार गर्ग नए ग्राहकों को ढूंढता था और सभी खसरा नंबरों को अपनी संपत्ति बताते हुए फर्जी डिड तैयार कर टोकन मनी ले लेता था और गायब हो जाता था. जिसके बाद फिर नए ग्राहकों की तलाश करता था.

निमिष पाटिल, डीसीपी ट्रांस हिंडन ने कहा कि राजकुमार गर्ग पुत्र सूरजमल को गिरफ्तार किया गया है. राजकुमार गर्ग द्वारा जमीन को अपना बताकर बेचने के लिए खरीदारों से फर्जी पार्टनरशिप डीड और एग्रीमेंट कर टोकन मशीन मनी प्राप्त करता था. जमीन बेचने के नाम पर अब तक करीब पांच लोगों से धोखाधड़ी कर चुका है. जमीन के नाम पर अब तक डेढ़ करोड़ से अधिक की रकम इन लोगों से वसूल कर चुका है. फिलहाल अभी जांच की जा रही है कि अब तक कितने लोगों से राजकुमार ने जमीन बेचने के नाम पर ठगी की है. 33 एकड़ जमीन की कीमत करीब 1000 करोड रुपए बताई जा रही है. पुलिस जांच कर रही है कि आखिर फर्जी डॉक्यूमेंट किस तरह से तैयार किए गए हैं.

राजकुमार गर्ग पर धोखाधड़ी और गैंगस्टर एक्ट से संबंधित कुल सात मुकदमे गाजियाबाद के थाना साहिबाबाद में दर्ज है. फिलहाल पुलिस तफतीश कर रही है कि अब तक राजकुमार द्वारा कितने लोगों को जमीन बेचने के नाम पर ठगी का शिकार बनाया गया है. पुलिस जांच कर रही है कि आखिर कहां से राजकुमार ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराए थे.

ये भी पढ़ें :

नई दिल्ली/गाजियाबादः गाजियाबाद की अर्थला मेट्रो स्टेशन के पास करीब एक हजार करोड़ की कीमत की 33 एकड़ जमीन को फर्जी तरीके से अपना बताकर बेचने का प्रयास करने वाले शातिर आरोपी राजकुमार गर्ग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. राजकुमार गर्ग लंबे समय से फरार चल रहा था. आरोपी जमीन बेचने के नाम पर टोकन मनी वसूलने के बाद गायब हो जाता था, और अपना मोबाइल नंबर और पता बदल लिया करता था. आरोपी ने अब तक करीब डेढ़ करोड़ से अधिक रुपए टोकन मनी के नाम पर वसूल कर चुका है.

आरोपी राजकुमार गर्ग मूल रूप से मुजफ्फरनगर के थाना कोतवाली के अबूपुरा मोहल्ले का रहने वाला है. राजकुमार गर्ग अपने परिवार के साथ मेरठ के माधवपुरम में किराए के मकान में रह रहा है. 18 साल की उम्र में राजकुमार गर्ग गाजियाबाद आया और यहां पर किराए के मकान में रहकर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था. 2017 में उसे जानकारी मिली की अरसल मेट्रो स्टेशन के पास करोड़ों रुपए की खाली जमीन पड़ी हुई है.

गाजियाबाद में करीब डेढ़ करोड़ की ठगी का मामला (ETV Bharat)

जमीन हथियाने के लिए नाम भी बदलवाए: जमीन गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके के रहने वाले राजकुमार अग्रवाल (पुत्र गोपाल दास) के नाम है. राजकुमार अग्रवाल गाजियाबाद में नहीं रहते थे. राजकुमार गर्ग को इस बात का भली भांति पता था. ऐसे में उसने जमीन पर कब्जा करने की नीयत से अपना आधार कार्ड और वोटर कार्ड में अपना नाम राजकुमार गर्ग के स्थान पर राजकुमार अग्रवाल करवा लिया, साथ ही पिता का नाम सूरजमल गर्ग के स्थान पर गोपाल दास अग्रवाल दर्ज कराया.

नए नाम के साथ नए बैंक खाते: डॉक्यूमेंट में नाम बदलवाने के बाद राजकुमार गर्ग ने अपने सभी पुराने बैंक खातों को बंद करवा दिया और नए नाम और पहचान के साथ कई बैंकों में नए खाते खुलवाए. इसके बाद उसने कई खसरा नंबरों के फर्जी पार्टनरशिप डीड, मुख्तारनामा और एग्रीमेंट तैयार किया. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दलालों के माध्यम से राजकुमार गर्ग नए ग्राहकों को ढूंढता था और सभी खसरा नंबरों को अपनी संपत्ति बताते हुए फर्जी डिड तैयार कर टोकन मनी ले लेता था और गायब हो जाता था. जिसके बाद फिर नए ग्राहकों की तलाश करता था.

निमिष पाटिल, डीसीपी ट्रांस हिंडन ने कहा कि राजकुमार गर्ग पुत्र सूरजमल को गिरफ्तार किया गया है. राजकुमार गर्ग द्वारा जमीन को अपना बताकर बेचने के लिए खरीदारों से फर्जी पार्टनरशिप डीड और एग्रीमेंट कर टोकन मशीन मनी प्राप्त करता था. जमीन बेचने के नाम पर अब तक करीब पांच लोगों से धोखाधड़ी कर चुका है. जमीन के नाम पर अब तक डेढ़ करोड़ से अधिक की रकम इन लोगों से वसूल कर चुका है. फिलहाल अभी जांच की जा रही है कि अब तक कितने लोगों से राजकुमार ने जमीन बेचने के नाम पर ठगी की है. 33 एकड़ जमीन की कीमत करीब 1000 करोड रुपए बताई जा रही है. पुलिस जांच कर रही है कि आखिर फर्जी डॉक्यूमेंट किस तरह से तैयार किए गए हैं.

राजकुमार गर्ग पर धोखाधड़ी और गैंगस्टर एक्ट से संबंधित कुल सात मुकदमे गाजियाबाद के थाना साहिबाबाद में दर्ज है. फिलहाल पुलिस तफतीश कर रही है कि अब तक राजकुमार द्वारा कितने लोगों को जमीन बेचने के नाम पर ठगी का शिकार बनाया गया है. पुलिस जांच कर रही है कि आखिर कहां से राजकुमार ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराए थे.

ये भी पढ़ें :

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.