ETV Bharat / state

ऋषिकेश के गुमानीवाला में कूड़ा निस्तारण प्लांट मामला, हाईकोर्ट ने पेड़ों के कटान पर लगाई रोक - Gumaniwala Garbage Disposal Plant

Garbage Disposal Plant in Gumaniwala नैनीताल हाईकोर्ट ने ऋषिकेश के गुमानीवाला में कूड़ा निस्तारण प्लांट की जद में आ रहे 134 पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी है. आबादी वाले क्षेत्र में प्रस्तावित कचरा निस्तारण प्लांट के खिलाफ समाजसेवी आशुतोष शर्मा ने नैनीताल हाईकोर्ट याचिका दायर की है.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट (फोटो- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 24, 2024, 4:48 PM IST

नैनीताल: ऋषिकेश के गुमानीवाला में आबादी क्षेत्र में प्रस्तावित कचरा निस्तारण प्लांट के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए इसकी जद में आ रहे 134 पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी. अब हाईकोर्ट पूरे मामले में 3 हफ्ते बाद सुनवाई करेगा.

दरअसल, ऋषिकेश निवासी समाजसेवी आशुतोष शर्मा ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि ऋषिकेश के गुमानीवाला के लालपानी बीट में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने की अनुमति दी गई है. जिस क्षेत्र में यह प्लांट लगाया जा रहा है, वो क्षेत्र आबादी वाला है. इस कूड़ा निस्तारण प्लांट में पांच शहरों के कूड़े का निस्तारण किया जाना है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नियमावली के अनुसार यह प्लांट आबादी क्षेत्र से बाहर लगाया जाना था, लेकिन ऋषिकेश नगर निगम की ओर से इसे आबादी क्षेत्र में लगाने की अनुमति दी गई. जो सुप्रीम कोर्ट के 2019 के आदेश के खिलाफ भी है. सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में ऐसे कूड़ा निस्तारण प्लांट आबादी क्षेत्र से बाहर स्थापित करने को कहा था.

वहीं, उत्तराखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने शपथ पत्र में ऋषिकेश नगर निगम के उस पत्र को कोर्ट के सामने रखा. जिसमें कहा गया कि इसकी जद में 134 पेड़ आ रहे हैं, उन्हें काटने की अनुमति दी जाए. जिस पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. बता दें कि गुमानीवाला के लालपानी बीट में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने को लेकर विरोध भी हो चुका है.

ये भी पढ़ें-

नैनीताल: ऋषिकेश के गुमानीवाला में आबादी क्षेत्र में प्रस्तावित कचरा निस्तारण प्लांट के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए इसकी जद में आ रहे 134 पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी. अब हाईकोर्ट पूरे मामले में 3 हफ्ते बाद सुनवाई करेगा.

दरअसल, ऋषिकेश निवासी समाजसेवी आशुतोष शर्मा ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि ऋषिकेश के गुमानीवाला के लालपानी बीट में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने की अनुमति दी गई है. जिस क्षेत्र में यह प्लांट लगाया जा रहा है, वो क्षेत्र आबादी वाला है. इस कूड़ा निस्तारण प्लांट में पांच शहरों के कूड़े का निस्तारण किया जाना है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नियमावली के अनुसार यह प्लांट आबादी क्षेत्र से बाहर लगाया जाना था, लेकिन ऋषिकेश नगर निगम की ओर से इसे आबादी क्षेत्र में लगाने की अनुमति दी गई. जो सुप्रीम कोर्ट के 2019 के आदेश के खिलाफ भी है. सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में ऐसे कूड़ा निस्तारण प्लांट आबादी क्षेत्र से बाहर स्थापित करने को कहा था.

वहीं, उत्तराखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने शपथ पत्र में ऋषिकेश नगर निगम के उस पत्र को कोर्ट के सामने रखा. जिसमें कहा गया कि इसकी जद में 134 पेड़ आ रहे हैं, उन्हें काटने की अनुमति दी जाए. जिस पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. बता दें कि गुमानीवाला के लालपानी बीट में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने को लेकर विरोध भी हो चुका है.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.