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झूठा केस दर्ज कराना महिला को पड़ा भारी, कोर्ट ने लिया बड़ा एक्शन, जांच अधिकारी भी लपेटे में - Nainital District Court decision - NAINITAL DISTRICT COURT DECISION

Nainital District Court नैनीताल जिला कोर्ट ने झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला के खिलाफ एक्शन लिया है. साथ ही जांच अधिकारी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं.

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झूठा केस दर्ज कराना महिला को पड़ा भारी (प्रतीकात्मक चित्र)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 26, 2024, 4:01 PM IST

हल्द्वानी: नैनीताल जनपद में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है जहां न्यायालय ने झूठा मुकदमा लिखने के मामले में एक महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. साथ ही मामले में पुलिस के जांच अधिकारी के खिलाफ एसएसपी को कार्रवाई करने के निर्देश दिये है. ये सारा मामला जमीनी विवाद से जुड़ा था.

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि प्रकाश की अदालत में शनिवार को झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने की आरोपी महिला के खिलाफ 182 दंड प्रक्रिया के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए. यहीं नही एसएसपी को मामले के जांच अधिकारी के खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही कर न्यायालय को अवगत कराने को भी कहा है. न्यायालय ने झूठे मुकदमे में फंसे आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है.
अधिवक्ता राजन सिंह ने बताया पीतांबर मिश्रा ने अभियुक्त प्रेम प्रकाश निवासी भवाली को अपनी जमीन का सौदा कर ₹200000 अपने लड़के और पत्नी के खाते में देने के बाद उसकी परित्यागता पुत्री ज्योति जोशी षड्यंत्र के तहत सौदा कैंसिल करने की नीयत से प्रेम प्रकाश और उसके भाई द्वारा उसके साथ छेड़खानी करने कपड़े फाड़ने जान से मारने और गली गलौज करने की तहरीर थाना भवाली में फरवरी 2023 को दर्ज कराई. घटना की विवेचना पूर्ण करने के बाद विवेचक ने दोनों भाइयों के विरुद्ध अंतर्गत धारा 504 ,506, 354 भारतीय दंड संहिता की धाराओं में न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया. न्यायालय में आरोप पत्र आने के उपरांत अभियोजन द्वारा कुल 7 गवाहों को परीक्षित करवाया. अभियुक्तों की ओर पैरवी कर रहे हल्द्वानी बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव अधिवक्ता राजन सिंह मेहरा ने पूरा मामला जमीन से संबंधित होने और जमीन के रेट बढ़ाने पर सौदा कैंसिल करने की नीयत से ज्योति जोशी द्वारा मनगढ़ंत कहानी बनाकर झूठा मुकदमा दायर करने के गवाहों बयान में विरोधाभास, वीडियो के आधार पर कोर्ट में मजबूती से केस को लड़ा. जिसके बाद

न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में ज्योति जोशी के विरुद्ध 182 की कार्रवाई करते हुए परिवाद दर्ज किया गया. जांच अधिकारी की विरुद्ध सख्त टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई कर रिपोर्ट न्यायालय में देने का निर्देश किया गया है. अधिवक्ता राजन सिंह मेहरा ने न्यायालय में बहस के समय सारे तथ्यों से अवगत कराकर तथा विभिन्न न्यायालयों की नजीरों को प्रस्तुत किया. जिस आधार पर न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल ने अभियुक्त प्रेम प्रकाश शर्मा और उसके भाई को दोष मुक्त करार दिया.

पढे़ं- चारधाम यात्रियों की मौत का डाटा एनालिसिस करेगा स्वास्थ्य विभाग, अबतक 56 लोगों की हो चुकी है मौत - Data Analysis of Pilgrims Death

हल्द्वानी: नैनीताल जनपद में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है जहां न्यायालय ने झूठा मुकदमा लिखने के मामले में एक महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. साथ ही मामले में पुलिस के जांच अधिकारी के खिलाफ एसएसपी को कार्रवाई करने के निर्देश दिये है. ये सारा मामला जमीनी विवाद से जुड़ा था.

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि प्रकाश की अदालत में शनिवार को झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने की आरोपी महिला के खिलाफ 182 दंड प्रक्रिया के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए. यहीं नही एसएसपी को मामले के जांच अधिकारी के खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही कर न्यायालय को अवगत कराने को भी कहा है. न्यायालय ने झूठे मुकदमे में फंसे आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है.
अधिवक्ता राजन सिंह ने बताया पीतांबर मिश्रा ने अभियुक्त प्रेम प्रकाश निवासी भवाली को अपनी जमीन का सौदा कर ₹200000 अपने लड़के और पत्नी के खाते में देने के बाद उसकी परित्यागता पुत्री ज्योति जोशी षड्यंत्र के तहत सौदा कैंसिल करने की नीयत से प्रेम प्रकाश और उसके भाई द्वारा उसके साथ छेड़खानी करने कपड़े फाड़ने जान से मारने और गली गलौज करने की तहरीर थाना भवाली में फरवरी 2023 को दर्ज कराई. घटना की विवेचना पूर्ण करने के बाद विवेचक ने दोनों भाइयों के विरुद्ध अंतर्गत धारा 504 ,506, 354 भारतीय दंड संहिता की धाराओं में न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया. न्यायालय में आरोप पत्र आने के उपरांत अभियोजन द्वारा कुल 7 गवाहों को परीक्षित करवाया. अभियुक्तों की ओर पैरवी कर रहे हल्द्वानी बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव अधिवक्ता राजन सिंह मेहरा ने पूरा मामला जमीन से संबंधित होने और जमीन के रेट बढ़ाने पर सौदा कैंसिल करने की नीयत से ज्योति जोशी द्वारा मनगढ़ंत कहानी बनाकर झूठा मुकदमा दायर करने के गवाहों बयान में विरोधाभास, वीडियो के आधार पर कोर्ट में मजबूती से केस को लड़ा. जिसके बाद

न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में ज्योति जोशी के विरुद्ध 182 की कार्रवाई करते हुए परिवाद दर्ज किया गया. जांच अधिकारी की विरुद्ध सख्त टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई कर रिपोर्ट न्यायालय में देने का निर्देश किया गया है. अधिवक्ता राजन सिंह मेहरा ने न्यायालय में बहस के समय सारे तथ्यों से अवगत कराकर तथा विभिन्न न्यायालयों की नजीरों को प्रस्तुत किया. जिस आधार पर न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल ने अभियुक्त प्रेम प्रकाश शर्मा और उसके भाई को दोष मुक्त करार दिया.

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