ETV Bharat / state

FBI के पैटर्न पर मेरठ पुलिस: क्रिमिनल्स कितनी भी बचने की कोशिश करेंगे फंस ही जाएंगे - meerut police NAFIS System - MEERUT POLICE NAFIS SYSTEM

यूपी पुलिस भी अब हाईटेक हो रही है. एफबीआई की तर्ज पर अब पुलिस ने भी NAFIS मॉडल को अपनाया है. मेरठ में प्रदेश भर में सबसे पहले इसकी शुरुआत की जा चुकी है. क्या है NAFIS मॉडल? पढ़े पूरी खबर

Etv Bharat
FBI के पैटर्न पर अब मेरठ पुलिस (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 21, 2024, 8:45 AM IST

मेरठ: किसी भी अपराधी का पुलिस से बचना अब मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी होगा, क्योंकि मेरठ पुलिस अब हाईटेक हो गयी है, अब यहां NAFIS प्रणाली की शुरूआत हो चुकी है. इतना ही नहीं अब कोई भी कितना भी बड़ा शातिर अपराधी क्यों न हो, पुलिस आसानी से ऐसे अपराधियों के गिरेबां तक पहुंचकर उनकी गर्दन दबा लेगी. नेशनल ऑटोमेटिक फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम से हर अपराधी की डिजिटल कुंडली अब पुलिस के पास रहेगी. देखें ये खास खबर

NAFIS सेल प्रभारी नीरज आनंद और एसपी क्राइम अनित कुमार ने दी जानकारी (etv bharat reporter)
मेरठ पुलिस ने यूपी में सबसे पहले NAFIS यानी नेशनल ऑटोमेटिक फिंगरप्रिंट आईडेंटिटी सिस्टम से अब हर अपराधी का ब्यौरा डिजिटली रखना शुरू कर दिया है. अधिकारियों की मानें तो, ये बेहद ही सुविधाजनक तरीका है अपराधियों पर नजर रखने का. साथ ही ये इसलिए भी अहम हो जाता है, क्योंकि अक्सर पाया गया है, कि कुछ अपराधी इतने शातिर होते हैं, जो कि किसी भी वारदात को अंजाम देकर फिर कहीं दूसरे शहर या राज्य में किसी आपराधिक वारदात को अंजाम दे देते हैं. लेकिन, अब ऐसे मुजरिम बार बार पुलिस को चकमा नहीं दे पाएंगे. फिर चाहे वे कितने भी शातिर क्यों न बनें.

एसपी क्राइम अनित कुमार बताते हैं, कि जो भी लोग किसी न किसी मामले में जेल जा रहे हैं, उनके डिजिटली फिंगरप्रिंट लिए जा रहे हैं, उनका फेस प्रोफाइल वो भी कैप्चर कर रहे हैं. NCRB के पायलट प्रोजेक्ट के तहत डेटा बेस तैयार किया जा रहा है, ये गाइडलाइंस हैं कि जो भी अभियुक्त है जो भी अपराधी हैं ,जिन्हें जेल भेजा जा रहा है. उनका डेटाबेस तैयार किया जाए, इसी दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है. अनित कुमार बताते हैं, कि जो अपराध करते हैं उनका एक डेटाबेस भविष्य के लिए तैयार हो रहा है. वह कहते हैं इससे अगर वो व्यक्ति कहीं किसी वारदात या घटना को कारित करता है, तो फिंगर प्रिंट के आधार पर डिजिटली चेक करने पर आसानी से अपराधी पकड़ में आ जाएगा.

इसे भी पढ़े-आगरा पुलिस अब AI के सुझाव से लगाएगी एफआईआर में धाराएं, जानें इसके बारे में - Agra Police FAI System

एसपी ने बताया, कि अब यदि कोई क्राइम होता है और एक्सपर्ट्स की टीम मौके पर जाती है, तो उससे फिंगरप्रिंट का मिलान टीम कर सकती है.यानी अगर एक ही अपराधी ने दूसरी जगह किसी वारदात को अंजाम दिया है और उसके फिंगरप्रिंट डेटा बैंक में पहले से सुरक्षित हैं, तो आसानी से वो डेटा बैंक के माध्यम से पकड़ में आजाएगा. इससे पुलिस यह भी सिद्ध कर सकती है, कि घटना स्थल पर उस अभियुक्त की मौजूदगी थी. क्योंकि उनके पास उसकी कुंडली पहले से ही सुरिक्षत रखी हुई है.

एसपी क्राइम अनित कुमार बतातें हैं, कि जैसे कोई मुजरिम होता है और जब वो पुलिस के द्वारा पकड़ा गया था तो तब उसका डेटा सुरक्षित रखा गया था, लेकिन अगर वो बरी हो जाता है, तो उस डेटा को डिलीट भी कराया जाएगा. इन दिनों जो भी अभियुक्त किसी न किसी घटना में मेरठ जिले में पकड़े जा रहे हैं फेस से लेकर फिंगर प्रिंट तक का उनका डेटा सुरक्षित किया जा रहा है.अब जेल जाने से पहले सभी अभियुक्तों को अपराध शाखा में ले जाकर उनका डेटा सुरक्षित किया जा रहा है.

एसपी क्राइम ने बताया कि जब हमारे पास डेटा होगा तो इससे क्राइम के मामलों को सुलझाने में बड़ी सफलता मिलेगी.इससे ये भी पता चल जाएगा कि कोई घटना किस गैंग या पेशेवर अपराधी या अन्य किसी मुजरिम ने की है.एक्सपर्ट्स की टीम को खास प्रशिक्षण देकर यहां तैनात किया गया है, बता दें कि इस तरह की तकनीक अब तक FBI इस्तेमाल करती आई है और जर्मनी में भी वहां की पुलिस NAFIS से अपराधियों का ब्यौरा जुटाती है और इसकी सहायता से क्रिमिनल्स पकड़ में भी जल्द आते हैं .

यह भी पढ़े-फर्जी वोटिंग पर EC का बड़ा एक्शन; फर्रुखाबाद के बूथ की पूरी पोलिंग पार्टी सस्पेंड, 25 मई को दोबारा होगा मतदान - Election Commission Action

मेरठ: किसी भी अपराधी का पुलिस से बचना अब मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी होगा, क्योंकि मेरठ पुलिस अब हाईटेक हो गयी है, अब यहां NAFIS प्रणाली की शुरूआत हो चुकी है. इतना ही नहीं अब कोई भी कितना भी बड़ा शातिर अपराधी क्यों न हो, पुलिस आसानी से ऐसे अपराधियों के गिरेबां तक पहुंचकर उनकी गर्दन दबा लेगी. नेशनल ऑटोमेटिक फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम से हर अपराधी की डिजिटल कुंडली अब पुलिस के पास रहेगी. देखें ये खास खबर

NAFIS सेल प्रभारी नीरज आनंद और एसपी क्राइम अनित कुमार ने दी जानकारी (etv bharat reporter)
मेरठ पुलिस ने यूपी में सबसे पहले NAFIS यानी नेशनल ऑटोमेटिक फिंगरप्रिंट आईडेंटिटी सिस्टम से अब हर अपराधी का ब्यौरा डिजिटली रखना शुरू कर दिया है. अधिकारियों की मानें तो, ये बेहद ही सुविधाजनक तरीका है अपराधियों पर नजर रखने का. साथ ही ये इसलिए भी अहम हो जाता है, क्योंकि अक्सर पाया गया है, कि कुछ अपराधी इतने शातिर होते हैं, जो कि किसी भी वारदात को अंजाम देकर फिर कहीं दूसरे शहर या राज्य में किसी आपराधिक वारदात को अंजाम दे देते हैं. लेकिन, अब ऐसे मुजरिम बार बार पुलिस को चकमा नहीं दे पाएंगे. फिर चाहे वे कितने भी शातिर क्यों न बनें.

एसपी क्राइम अनित कुमार बताते हैं, कि जो भी लोग किसी न किसी मामले में जेल जा रहे हैं, उनके डिजिटली फिंगरप्रिंट लिए जा रहे हैं, उनका फेस प्रोफाइल वो भी कैप्चर कर रहे हैं. NCRB के पायलट प्रोजेक्ट के तहत डेटा बेस तैयार किया जा रहा है, ये गाइडलाइंस हैं कि जो भी अभियुक्त है जो भी अपराधी हैं ,जिन्हें जेल भेजा जा रहा है. उनका डेटाबेस तैयार किया जाए, इसी दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है. अनित कुमार बताते हैं, कि जो अपराध करते हैं उनका एक डेटाबेस भविष्य के लिए तैयार हो रहा है. वह कहते हैं इससे अगर वो व्यक्ति कहीं किसी वारदात या घटना को कारित करता है, तो फिंगर प्रिंट के आधार पर डिजिटली चेक करने पर आसानी से अपराधी पकड़ में आ जाएगा.

इसे भी पढ़े-आगरा पुलिस अब AI के सुझाव से लगाएगी एफआईआर में धाराएं, जानें इसके बारे में - Agra Police FAI System

एसपी ने बताया, कि अब यदि कोई क्राइम होता है और एक्सपर्ट्स की टीम मौके पर जाती है, तो उससे फिंगरप्रिंट का मिलान टीम कर सकती है.यानी अगर एक ही अपराधी ने दूसरी जगह किसी वारदात को अंजाम दिया है और उसके फिंगरप्रिंट डेटा बैंक में पहले से सुरक्षित हैं, तो आसानी से वो डेटा बैंक के माध्यम से पकड़ में आजाएगा. इससे पुलिस यह भी सिद्ध कर सकती है, कि घटना स्थल पर उस अभियुक्त की मौजूदगी थी. क्योंकि उनके पास उसकी कुंडली पहले से ही सुरिक्षत रखी हुई है.

एसपी क्राइम अनित कुमार बतातें हैं, कि जैसे कोई मुजरिम होता है और जब वो पुलिस के द्वारा पकड़ा गया था तो तब उसका डेटा सुरक्षित रखा गया था, लेकिन अगर वो बरी हो जाता है, तो उस डेटा को डिलीट भी कराया जाएगा. इन दिनों जो भी अभियुक्त किसी न किसी घटना में मेरठ जिले में पकड़े जा रहे हैं फेस से लेकर फिंगर प्रिंट तक का उनका डेटा सुरक्षित किया जा रहा है.अब जेल जाने से पहले सभी अभियुक्तों को अपराध शाखा में ले जाकर उनका डेटा सुरक्षित किया जा रहा है.

एसपी क्राइम ने बताया कि जब हमारे पास डेटा होगा तो इससे क्राइम के मामलों को सुलझाने में बड़ी सफलता मिलेगी.इससे ये भी पता चल जाएगा कि कोई घटना किस गैंग या पेशेवर अपराधी या अन्य किसी मुजरिम ने की है.एक्सपर्ट्स की टीम को खास प्रशिक्षण देकर यहां तैनात किया गया है, बता दें कि इस तरह की तकनीक अब तक FBI इस्तेमाल करती आई है और जर्मनी में भी वहां की पुलिस NAFIS से अपराधियों का ब्यौरा जुटाती है और इसकी सहायता से क्रिमिनल्स पकड़ में भी जल्द आते हैं .

यह भी पढ़े-फर्जी वोटिंग पर EC का बड़ा एक्शन; फर्रुखाबाद के बूथ की पूरी पोलिंग पार्टी सस्पेंड, 25 मई को दोबारा होगा मतदान - Election Commission Action

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.