मेरठ: किसी भी अपराधी का पुलिस से बचना अब मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी होगा, क्योंकि मेरठ पुलिस अब हाईटेक हो गयी है, अब यहां NAFIS प्रणाली की शुरूआत हो चुकी है. इतना ही नहीं अब कोई भी कितना भी बड़ा शातिर अपराधी क्यों न हो, पुलिस आसानी से ऐसे अपराधियों के गिरेबां तक पहुंचकर उनकी गर्दन दबा लेगी. नेशनल ऑटोमेटिक फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम से हर अपराधी की डिजिटल कुंडली अब पुलिस के पास रहेगी. देखें ये खास खबर
एसपी क्राइम अनित कुमार बताते हैं, कि जो भी लोग किसी न किसी मामले में जेल जा रहे हैं, उनके डिजिटली फिंगरप्रिंट लिए जा रहे हैं, उनका फेस प्रोफाइल वो भी कैप्चर कर रहे हैं. NCRB के पायलट प्रोजेक्ट के तहत डेटा बेस तैयार किया जा रहा है, ये गाइडलाइंस हैं कि जो भी अभियुक्त है जो भी अपराधी हैं ,जिन्हें जेल भेजा जा रहा है. उनका डेटाबेस तैयार किया जाए, इसी दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है. अनित कुमार बताते हैं, कि जो अपराध करते हैं उनका एक डेटाबेस भविष्य के लिए तैयार हो रहा है. वह कहते हैं इससे अगर वो व्यक्ति कहीं किसी वारदात या घटना को कारित करता है, तो फिंगर प्रिंट के आधार पर डिजिटली चेक करने पर आसानी से अपराधी पकड़ में आ जाएगा.
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एसपी ने बताया, कि अब यदि कोई क्राइम होता है और एक्सपर्ट्स की टीम मौके पर जाती है, तो उससे फिंगरप्रिंट का मिलान टीम कर सकती है.यानी अगर एक ही अपराधी ने दूसरी जगह किसी वारदात को अंजाम दिया है और उसके फिंगरप्रिंट डेटा बैंक में पहले से सुरक्षित हैं, तो आसानी से वो डेटा बैंक के माध्यम से पकड़ में आजाएगा. इससे पुलिस यह भी सिद्ध कर सकती है, कि घटना स्थल पर उस अभियुक्त की मौजूदगी थी. क्योंकि उनके पास उसकी कुंडली पहले से ही सुरिक्षत रखी हुई है.
एसपी क्राइम अनित कुमार बतातें हैं, कि जैसे कोई मुजरिम होता है और जब वो पुलिस के द्वारा पकड़ा गया था तो तब उसका डेटा सुरक्षित रखा गया था, लेकिन अगर वो बरी हो जाता है, तो उस डेटा को डिलीट भी कराया जाएगा. इन दिनों जो भी अभियुक्त किसी न किसी घटना में मेरठ जिले में पकड़े जा रहे हैं फेस से लेकर फिंगर प्रिंट तक का उनका डेटा सुरक्षित किया जा रहा है.अब जेल जाने से पहले सभी अभियुक्तों को अपराध शाखा में ले जाकर उनका डेटा सुरक्षित किया जा रहा है.
एसपी क्राइम ने बताया कि जब हमारे पास डेटा होगा तो इससे क्राइम के मामलों को सुलझाने में बड़ी सफलता मिलेगी.इससे ये भी पता चल जाएगा कि कोई घटना किस गैंग या पेशेवर अपराधी या अन्य किसी मुजरिम ने की है.एक्सपर्ट्स की टीम को खास प्रशिक्षण देकर यहां तैनात किया गया है, बता दें कि इस तरह की तकनीक अब तक FBI इस्तेमाल करती आई है और जर्मनी में भी वहां की पुलिस NAFIS से अपराधियों का ब्यौरा जुटाती है और इसकी सहायता से क्रिमिनल्स पकड़ में भी जल्द आते हैं .
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