मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में चिकितकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. चिकित्सकों ने जांच के बाद 12 वर्षीय लड़की के अपेंडिक्स का ऑपरेशन किया. उसके बाद बच्ची के परिजनों को बताया गया कि बच्ची को एपेंडिक्स नहीं था. चिकित्सकों की बात सुनने के बाद बच्ची के परिजन हैरान रह गये. वे रोने बिलखने लगे. लड़की के पिता शंकर राय ने इस लापरवाही पर नाराजगी जताई और सिविल सर्जन से शिकायत दर्ज कराई.
डीएम ने दिये जांच के आदेशः मामला सुर्खियों में आने के बाद जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर सुब्रत कुमार सेन बुधवार की शाम सदर अस्पताल पहुंचे. पीड़ित लड़की और उसके परिजनों से मुलाकात कर पूरे प्रकरण के बारे में विस्तार से जानकारी ली. जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने मुजफ्फरपुर सिविल सर्जन से स्पष्टीकरण मांगते हुए मामले की जांच के लिए चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. 24 घंटे के अंदर जबाब मांगा है. जिलाधिकारी के दौरा को लेकर पूरे दिन सदर अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों के बीच हड़कंप मचा रहा.
क्या है मामलाः पीड़ित नाबालिग लड़की की मां ने बताया कि बेटी के पेट में दर्द हो रहा था. सदर अस्पताल में जांच करायी. अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टर ने बताया कि अपेंडिक्स है. सर्जरी विभाग गये. वहां भी बोला गया कि एपेंडिक्स है. आठ दिन का दवा दिया, उसे खाकर आने को कहा गया. 18 नवंबर को बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया. 19 नवंबर को ऑपरेशन हुआ. रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर फिरदौस का कहना है कि अल्ट्रासाउंड में अपेंडिक्स की पुष्टि हुई थी. हो सकता है कि एंटीबायोटिक्स की दवा लेने से एपेंडिक्स का प्रभाव समाप्त हो गया होगा.
"मरीज के परिजनों द्वारा बताया गया कि अल्ट्रासाउंड कराया गया था, जिसमें अपेंडिक्स की बात लिखी हुई थी. उसी रिपोर्ट के आधार पर सदर अस्पताल में ऑपरेशन किया गया. इस पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गयी है. मामले की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी."- डॉक्टर अजय कुमार, सिविल सर्जन
इसे भी पढ़ेंः जिंदगी की जंग लड़ते-लड़ते हार गयी किडनी कांड पीड़िता सुनीता, SKMCH में हुई मौत