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MBA की लापता छात्रा को ढूंढेगी CBI, नवरूणा और खुशी का क्या? मां-बाप बोले- पता नहीं कहां-कैसी होगी?

मुजफ्फरपुर में एक के बाद एक तीन लड़कियां लापता हो गईं लेकिन पुलिस ढूंढ नहीं पाई. अब सीबीआई भी नाकाम साबित होती दिख रही है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

मुजफ्फरपुर अपहरण कांड
मुजफ्फरपुर अपहरण कांड (ETV Bharat GFX)

पटना: 'भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं', ऐसा कहना उन माता-पिता का है, जिनका अब पुलिस-प्रशासन से विश्वास उठता जा रहा है. ऐसा इसलिए, क्योंकि तीन अपहरण कांड पुलिस-प्रशासन के लिए पहेली बन गए हैं. 12 साल पहले नवरुणा, 3 साल पहले खुशी और फिर 2 साल पहले एमबीए की छात्रा यशी सिंह अचानक गायब हो गई. दिन-महीने और साल बीत गए लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला.

घर के कमरे से गायब हो गयी नवरुणाः 18 सितंबर 2012 की शाम नवरुणा के माता पिता के लिए खुशी की आखिरी शाम थी. इसके बाद कभी भी अतुल्य चक्रवर्ती और उनकी पत्नी की आंखों में आंसू नहीं सूखे. उस वक्त 12 साल की नवरुणा 7वीं क्लास में पढ़ती थी. पिता बताते हैं कि नवरुणा ने कहा था कि तीन-चार दिन स्कूल बंद है. इसलिए हाथ में मेहंदी लगाना चाहती थी ताकि स्कूल जाने से रंग हल्का पड़ जाएगा और डांट नहीं पड़ेगी.

मुजफ्फरपुर अपहरण कांड (ETV Bharat)

कमरे की बत्ती बुझी थीः पिता बताते हैं कि नवरुणा देर रात हाथ में मेहंदी लगाई. उसने कहा कि वह आज अलग सोएगी ताकि मेहंदी हाथ में ज्यादा देर तक लगी रहेगी. सभी लोग सो गए लेकिन आधी रात मिस्टर एंड मिसेज चटर्जी की नींद खुली तो वह आश्चर्यचकित रह गए. नवरुणा के कमरे की बत्ती बुझी हुई थी. उसकी मां दौड़ते हुए नवरुणा के कमरे तक पहुंची तो वह गायब पाई गई.

12 साल बाद भी खुलासा नहींः कमरे की खिड़की का रॉड टेढ़ा था. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि खिड़की के रास्ते ही अपराधी घर में दाखिल हुए थे और नवरुणा को बेहोश कर अपने साथ ले गए थे. इसके बाद नगर थाना को सूचना दी गयी. घटना आग की तरह पूरे शहर में फैल गयी. अपहरण को लेकर राष्ट्रव्यापी बवाल हुआ था. बिहार पुलिस ने जांच शुरू की लेकिन कोई सफलता मिलता नहीं देख इसका जिम्मा सीआईडी को दे दिया गया. अंततः हाय तौबा मचने के बाद जांच का जिम्मा सीबीआई ने संभाला. लेकिन आज 12 साल बाद तारीख पर तारीख मिलने के बाद भी कोई खुलासा नहीं हो सका.

मुजफ्फरपुर नवरुणा अपहरण कांड
मुजफ्फरपुर नवरुणा अपहरण कांड (ETV Bharat GFX)

अब तो आंखें पथरा गयीः नवरुणा के पिता 70 वर्षीय अतुल्य चक्रवर्ती की आंखें पथरा गई है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अतुल चक्रवर्ती कहते हैं कि 12 साल से लड़ाई लड़ते-लड़ते में परेशान हो चुका हूं. आर्थिक तंगी के चलते लड़ाई लड़ना मेरे लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है. मुझे उम्मीद है कि मेरी बेटी नवरुणा जीवित अवस्था में है. उसके गायब होने के बाद 1 साल तक उसके मोबाइल से मुझे फोन कॉल्स आते थे.

"नवरुणा अपहरण मामले में कई सफेदपोश संलिप्त हैं. पूरी जानकारी मैंने सीबीआई और न्यायालय को दे दी है. बावजूद इसके अब तक मुझे न्याय नहीं मिला है. मुझे भरोसा अब सिर्फ भगवान पर है. कलयुग में भगवान ही न्याय दिलाने का काम करते हैं." -अतुल्य चक्रवर्ती, नवरुणा के पिता

घूमने गयी खुशी वापस नहीं लौटीः 16 फरवरी 2021 सरस्वती पूजा का दिन था. पड़ोस के एक लड़के ने 5 साल की बच्ची खुशी को अपने बाइक पर घूमने ले गया. उसके बाद खुशी घर नहीं लौटी. यह घटना मुजफ्फरपुर शहर के ब्रह्मपुर स्थित कमरिया टोला की है. 5 वर्षीय खुशी के अपहरण मामले में लक्ष्मी चौक स्थित मछली मंडी के चार साथी आरोपी शक के दायरे में हैं.

तीन साल बाद भी खुलासा नहींः पुलिस की शुरुआती जांच में ही लीपापोती से आहत राजन साह मामले को हाइकोर्ट में ले गए. सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट में पुलिस को फजीहत झेलनी पड़ी. अधिकारियों की जांच शैली पर भी सवाल उठा. हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. अब इस मामले में सीबीआई खुशी का सुराग ढूंढ रही है. घटना के तीन साल बाद भी सीबीआई कुछ भी खुलासा नहीं कर पायी है.

मुजफ्फरपुर खुशी अपहरण कांड
मुजफ्फरपुर खुशी अपहरण कांड (ETV Bharat GFX)

पड़ोसी ने किया खुशी का अपहरणः खुशी के पिता राजन शाह कहते हैं कि पड़ोस के दबंग ने ही हमारी बच्ची का अपहरण किया है. मैं पूरी जानकारी बिहार पुलिस को दी थी लेकिन बिहार पुलिस की भूमिका सही नहीं रही. जिसके चलते हम लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई मामले की जांच कर रही है.

"पड़ोस के ही दबंगों ने मेरी बच्चे का अपहरण किया है. मैं चाहता हूं कि जिंदा या मुर्दा बच्ची को मुझे सौंपा जाए. सीबीआई जांच कर रही है लेकिन अब तक कोई खुलासा नहीं हुआ. पता नहीं बेटी कहां और कैसी होगी?" -राजन शाह, खुशी के पिता

एमबीए की छात्रा का अपहरणः 12 दिसंबर 2022 को एमबीए की छात्रा यशी सिंह कॉलेज जाने के लिए सुबह 8 बजे निकली थी. लेकिन वापस नहीं लौटी. मुजफ्फरपुर के भगवानपुर थाना क्षेत्र से छात्रा का अपहरण कर लिया गया. जांच शुरुआती दौर में पुलिस ने की थी लेकिन हाई कोर्ट ने जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंप दिया. एसआईटी गठित की गई जिसका नेतृत्व डीआईजी दलजीत सिंह कर रहे थे. स्टेटस रिपोर्ट हर शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट के समक्ष दी जा रही थी.

अमेरिका तक जांच हुईः इस मामले को सुलझाने के लिए इंटरपोल तक की मदद ली गई. फेसबुक अकाउंट की विस्तृत जानकारी के आधार पर अमेरिका स्थित मुख्यालय से भी पत्राचार किया गया लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की और न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने आखिरकार जांच का जमा सीबीआई को सौंप दिया.

मुजफ्फरपुर यशी सिंह अपहरण कांड
मुजफ्फरपुर यशी सिंह अपहरण कांड (ETV Bharat GFX)

सीबीआई करेगी जांचः पटना हाईकोर्ट ने संजय कुमार बनाम बिहार राज्य और अन्य के मामले की सुनवाई करते हुए गायब छात्रा की जांच सीबीआइ को करने का आदेश 20 सितंबर 2024 को दिया था. एमबीए छात्रा अपहरण मामले में सीबीआई ने पटना स्टेट क्राइम ब्यूरो (एससीबी) में अलग से केस दर्ज कराया है. अब इस मामले में सीबीआई नए सिरे से जांच करेगी.

'मुझे मेरी बेटी चाहिए': यशी सिंह की माता रश्मि देवी पर दुखों का पहाड़ टूट गया है अपनी बेटी को एमबीए की डिग्री दिलाने का उनका सपना अधूरा रह गया रश्मि कहती है कि "मुझे अब किसी पर भरोसा नहीं है. सीबीआई से थोड़ी बहुत उम्मीद बची है लेकिन भगवान पर भरोसा है. मुझे मेरी बेटी चाहिए."

मुजफ्फरपुर पुलिस की कार्यशैली पर सवालः यशी सिंह मामले को पटना उच्च न्यायालय हर सप्ताह मॉनिटर कर रही था. सीआईडी की जांच से संतुष्ट नहीं होने के बाद कोर्ट ने सीबीआई को जांच करने की जिम्मेदारी दी है. पटना उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद कुमार ने कहा कि अपहरण मामले को लेकर मुजफ्फरपुर पुलिस की भूमिका संतोषजनक नहीं थी.

"मुजफ्फरपुर पुलिस की भूमिका ठीक नहीं है. पुलिस मनगढ़ंत कहानी रच रही थी. हम लोगों ने उच्च न्यायालय से सीबीआई जांच की मांग की थी. हमारी मांग को न्यायालय में मान लिया गया है." -अरविंद कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता

क्या कहते हैं पूर्व आईपीएसः इस घटना को करीब से महसूस करने वाले पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास का मानना है कि मुजफ्फरपुर में माफियाओं का राज चलता है. बालिका सुधार गृह कांड से लेकर नाबालिक छात्राओं के अपहरण की घटना ने पुलिस प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. लोग यह सोचते हैं कि सीबीआई के पास जादू की छड़ी है लेकिन सीबीआई भी मामले को मुकाम तक नहीं पहुंचा सक रही है. ऐसे में आम लोगों का न्याय पर भरोसा कम हो रहा है.

"नाबालिक छात्राओं का मुजफ्फरपुर जिले से गायब होना आम बात हो चुकी है. मुजफ्फरपुर बालिका सुधार गृह कांड में भी ऐसी घटना सामने आई थी. सवाल यह उठता है कि गायब बच्ची कहां चली गई. पुलिस और जांच एजेंसी गायब बच्चियों को ढूंढने में कामयाब क्यों नहीं हो रही है." -अमिताभ कुमार दास, पूर्व आईपीएस

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12 साल बाद भी खुलासा नहींः कमरे की खिड़की का रॉड टेढ़ा था. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि खिड़की के रास्ते ही अपराधी घर में दाखिल हुए थे और नवरुणा को बेहोश कर अपने साथ ले गए थे. इसके बाद नगर थाना को सूचना दी गयी. घटना आग की तरह पूरे शहर में फैल गयी. अपहरण को लेकर राष्ट्रव्यापी बवाल हुआ था. बिहार पुलिस ने जांच शुरू की लेकिन कोई सफलता मिलता नहीं देख इसका जिम्मा सीआईडी को दे दिया गया. अंततः हाय तौबा मचने के बाद जांच का जिम्मा सीबीआई ने संभाला. लेकिन आज 12 साल बाद तारीख पर तारीख मिलने के बाद भी कोई खुलासा नहीं हो सका.

मुजफ्फरपुर नवरुणा अपहरण कांड
मुजफ्फरपुर नवरुणा अपहरण कांड (ETV Bharat GFX)

अब तो आंखें पथरा गयीः नवरुणा के पिता 70 वर्षीय अतुल्य चक्रवर्ती की आंखें पथरा गई है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अतुल चक्रवर्ती कहते हैं कि 12 साल से लड़ाई लड़ते-लड़ते में परेशान हो चुका हूं. आर्थिक तंगी के चलते लड़ाई लड़ना मेरे लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है. मुझे उम्मीद है कि मेरी बेटी नवरुणा जीवित अवस्था में है. उसके गायब होने के बाद 1 साल तक उसके मोबाइल से मुझे फोन कॉल्स आते थे.

"नवरुणा अपहरण मामले में कई सफेदपोश संलिप्त हैं. पूरी जानकारी मैंने सीबीआई और न्यायालय को दे दी है. बावजूद इसके अब तक मुझे न्याय नहीं मिला है. मुझे भरोसा अब सिर्फ भगवान पर है. कलयुग में भगवान ही न्याय दिलाने का काम करते हैं." -अतुल्य चक्रवर्ती, नवरुणा के पिता

घूमने गयी खुशी वापस नहीं लौटीः 16 फरवरी 2021 सरस्वती पूजा का दिन था. पड़ोस के एक लड़के ने 5 साल की बच्ची खुशी को अपने बाइक पर घूमने ले गया. उसके बाद खुशी घर नहीं लौटी. यह घटना मुजफ्फरपुर शहर के ब्रह्मपुर स्थित कमरिया टोला की है. 5 वर्षीय खुशी के अपहरण मामले में लक्ष्मी चौक स्थित मछली मंडी के चार साथी आरोपी शक के दायरे में हैं.

तीन साल बाद भी खुलासा नहींः पुलिस की शुरुआती जांच में ही लीपापोती से आहत राजन साह मामले को हाइकोर्ट में ले गए. सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट में पुलिस को फजीहत झेलनी पड़ी. अधिकारियों की जांच शैली पर भी सवाल उठा. हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. अब इस मामले में सीबीआई खुशी का सुराग ढूंढ रही है. घटना के तीन साल बाद भी सीबीआई कुछ भी खुलासा नहीं कर पायी है.

मुजफ्फरपुर खुशी अपहरण कांड
मुजफ्फरपुर खुशी अपहरण कांड (ETV Bharat GFX)

पड़ोसी ने किया खुशी का अपहरणः खुशी के पिता राजन शाह कहते हैं कि पड़ोस के दबंग ने ही हमारी बच्ची का अपहरण किया है. मैं पूरी जानकारी बिहार पुलिस को दी थी लेकिन बिहार पुलिस की भूमिका सही नहीं रही. जिसके चलते हम लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई मामले की जांच कर रही है.

"पड़ोस के ही दबंगों ने मेरी बच्चे का अपहरण किया है. मैं चाहता हूं कि जिंदा या मुर्दा बच्ची को मुझे सौंपा जाए. सीबीआई जांच कर रही है लेकिन अब तक कोई खुलासा नहीं हुआ. पता नहीं बेटी कहां और कैसी होगी?" -राजन शाह, खुशी के पिता

एमबीए की छात्रा का अपहरणः 12 दिसंबर 2022 को एमबीए की छात्रा यशी सिंह कॉलेज जाने के लिए सुबह 8 बजे निकली थी. लेकिन वापस नहीं लौटी. मुजफ्फरपुर के भगवानपुर थाना क्षेत्र से छात्रा का अपहरण कर लिया गया. जांच शुरुआती दौर में पुलिस ने की थी लेकिन हाई कोर्ट ने जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंप दिया. एसआईटी गठित की गई जिसका नेतृत्व डीआईजी दलजीत सिंह कर रहे थे. स्टेटस रिपोर्ट हर शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट के समक्ष दी जा रही थी.

अमेरिका तक जांच हुईः इस मामले को सुलझाने के लिए इंटरपोल तक की मदद ली गई. फेसबुक अकाउंट की विस्तृत जानकारी के आधार पर अमेरिका स्थित मुख्यालय से भी पत्राचार किया गया लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की और न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने आखिरकार जांच का जमा सीबीआई को सौंप दिया.

मुजफ्फरपुर यशी सिंह अपहरण कांड
मुजफ्फरपुर यशी सिंह अपहरण कांड (ETV Bharat GFX)

सीबीआई करेगी जांचः पटना हाईकोर्ट ने संजय कुमार बनाम बिहार राज्य और अन्य के मामले की सुनवाई करते हुए गायब छात्रा की जांच सीबीआइ को करने का आदेश 20 सितंबर 2024 को दिया था. एमबीए छात्रा अपहरण मामले में सीबीआई ने पटना स्टेट क्राइम ब्यूरो (एससीबी) में अलग से केस दर्ज कराया है. अब इस मामले में सीबीआई नए सिरे से जांच करेगी.

'मुझे मेरी बेटी चाहिए': यशी सिंह की माता रश्मि देवी पर दुखों का पहाड़ टूट गया है अपनी बेटी को एमबीए की डिग्री दिलाने का उनका सपना अधूरा रह गया रश्मि कहती है कि "मुझे अब किसी पर भरोसा नहीं है. सीबीआई से थोड़ी बहुत उम्मीद बची है लेकिन भगवान पर भरोसा है. मुझे मेरी बेटी चाहिए."

मुजफ्फरपुर पुलिस की कार्यशैली पर सवालः यशी सिंह मामले को पटना उच्च न्यायालय हर सप्ताह मॉनिटर कर रही था. सीआईडी की जांच से संतुष्ट नहीं होने के बाद कोर्ट ने सीबीआई को जांच करने की जिम्मेदारी दी है. पटना उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद कुमार ने कहा कि अपहरण मामले को लेकर मुजफ्फरपुर पुलिस की भूमिका संतोषजनक नहीं थी.

"मुजफ्फरपुर पुलिस की भूमिका ठीक नहीं है. पुलिस मनगढ़ंत कहानी रच रही थी. हम लोगों ने उच्च न्यायालय से सीबीआई जांच की मांग की थी. हमारी मांग को न्यायालय में मान लिया गया है." -अरविंद कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता

क्या कहते हैं पूर्व आईपीएसः इस घटना को करीब से महसूस करने वाले पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास का मानना है कि मुजफ्फरपुर में माफियाओं का राज चलता है. बालिका सुधार गृह कांड से लेकर नाबालिक छात्राओं के अपहरण की घटना ने पुलिस प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. लोग यह सोचते हैं कि सीबीआई के पास जादू की छड़ी है लेकिन सीबीआई भी मामले को मुकाम तक नहीं पहुंचा सक रही है. ऐसे में आम लोगों का न्याय पर भरोसा कम हो रहा है.

"नाबालिक छात्राओं का मुजफ्फरपुर जिले से गायब होना आम बात हो चुकी है. मुजफ्फरपुर बालिका सुधार गृह कांड में भी ऐसी घटना सामने आई थी. सवाल यह उठता है कि गायब बच्ची कहां चली गई. पुलिस और जांच एजेंसी गायब बच्चियों को ढूंढने में कामयाब क्यों नहीं हो रही है." -अमिताभ कुमार दास, पूर्व आईपीएस

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