मुजफ्फरपुर : एईएस (Acute Encephalitis Syndrome) की संभावना को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है. पहले से ही सदर अस्पताल, एसकेएमसीएच से लेकर सभी पीएचसी में तैयारी मुकम्मल कराई जा रही है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्देश जारी किया गया है. एईएस से बचाव को लेकर एसओपी भी तैयार की गई है, जिसमें कई तरह के दिशा निर्देश दिए गए हैं.
चमकी बुखार पर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी : जिले के सभी 16 पीएचसी में एईएस से पीड़ित बच्चों का प्रथम चरण में इलाज किया जाएगा. पीएचसी स्तर पर एईएस को लेकर 33 प्रकार की दवाएं और उपकरण उपलब्ध रहेंगे. मुख्यालय से सीएस को एईएस से बचाव को लेकर पांच बातों का ध्यान रखने की जानकारी दी गई है. जिला स्तरीय टीम सभी पीएचसी में एईएस से बचाव को लेकर मिली कमियों का आकलन करेगी. इसके बाद प्रचार-प्रसार व जागरूकता अभियान शुरू कर दिया जाएगा. पीएचसी में बेड के साथ ग्लूकोमीटर, थर्मामीटर सहित अन्य आवश्यक उपकरण और प्रोटोकॉल में शामिल दवा उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है.
बाइक से अस्पताल पहुंचाने वाले को मिलेंगे 600 रुपए : वहीं, ग्रामीण इलाकों में रहने वाले पीड़ित बच्चे को बाइक से अस्पताल पहुंचाने वाले को चार सौ से 6 सौ रुपये देने का प्रावधान किया गया है. हालांकि पूर्व से भी अन्य वाहन से आने पर उस वाहन के मालिक को भाड़ा दिया जाता है. एसकेएमसीएच में बने 100 बेड वाले पीकू वार्ड को चमकी बुखार से आने वाले बच्चों के लिए हमेशा तैयार रखा जाता है, जिसको आधुनिक ढंग से बनाया गया है. 24 के घंटे के लिए डॉक्टरों की तैनाती की गई है.
'जीरे डेश के संकल्प पर काम' : वहीं, डीएम सुब्रत सेन ने चमकी बुखार से निपटने के लिए जिले सदर अस्पताल से लेकर सभी प्रखंडों के पीएचसी और सीएचसी में तैयारी पूर्ण करने का आदेश दिया है. जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने कहा कि ''पिछले साल की तरह इस साल भी जीरो डेथ के संकल्प पर काम किया जाएगा.''
ये भी पढ़ें-