मुजफ्फरपुरः बुजुर्ग हमारे परिवार और समाज के लिए उस वटवृक्ष की तरह हैं, जिनकी छाया हमें सुखद छांव देती है. ऐसे में बुजुर्ग रूपी वटवृक्ष की सेहत का ख्याल रखना बेहद ही जरूरी है. वरिष्ठ नागरिकों की सेहत का विशेष ख्याल रखने के लिए मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में 10 बेड का स्पेशल वार्ड तैयार किया जा रहा है.
सदर अस्पताल में वरिष्ठ नागरिकों को स्पेशल ट्रीटमेंटः सदर अस्पताल में बुजुर्गों के लिए 10 बेड का स्पेशल वार्ड तो तैयार किया ही जा रहा है, अस्पताल में उपलब्ध दूसरी सेवाओं में भी बुजुर्गों को स्पेशल ट्रीटमेंट दी जाएगी. मसलन; ओपीडी, इमरजेंसी में इलाज की खास व्यवस्था के साथ-साथ पैथोलॉजिकल लैब और दवा काउंटर पर भी उनके लिए स्पेशल व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही स्पेशल वार्ड में 24 घंटे डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ तैनात रहेंगे.
स्पेशल वार्ड के लिए राशि जारीः मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में वरिष्ठ नागरिकों के वार्ड के निर्माण के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति ने राशि का आवंटन भी कर दिया है.मुजफ्फरपुर सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार ने बताया कि "अलग वार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.फिलहाल, मेल वार्ड में अलग बेड चिह्नित कर दिए गये हैं. काउंटर भी अलग बनाए गए हैं, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो."
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेशः दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने सूबे के प्रत्येक अस्पताल में वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से वार्ड और इलाज की विशेष व्यवस्था करने का आदेश दिया है. मॉनिटरिंग कमेटी का मानना है कि भीड़ के कारण अस्पताल में आनेवाले बुजुर्गों का इलाज सही ढंग से नहीं हो पाता है.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य स्वास्थ्य समिति ने स्पेशल वार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं.
इलाज के लिए हर दिन आते हैं करीब 100 बुजर्गः बता दें कि मुजफ्फपुर के सदर अस्पताल में औसतन हर रोज 100 बुजुर्ग मरीज इलाज के लिए आते हैं और भीड़ के कारण परेशानियों का सामना करते हैं. 2018 में अस्पताल में पांच बेड का वरिष्ठ नागरिक वार्ड जरूर खुला था, लेकिन एईएस के बढ़ते प्रकोप के बाद उसमें एईएस वार्ड खोल दिया गया था. पिछले दिनों मुजफ्फरपुर आई सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने बुजुर्गों के लिए अलग वार्ड नहीं होने पर नाराजगी जताई थी.
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