मुजफ्फरनगर: पश्चिमी यूपी में बीजेपी का बड़ा चेहरा माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान की सुरक्षा को वापस ले लिया गया है और अब उनके साथ एस्कॉर्ट का काफिला भी नहीं चलेगा. बालियान ने इसको लेकर सीएम योगी को पत्र लिखकर मुजफ्फरनगर पुलिस पर नाराजगी भी जताई है. बता दें कि बीते रविवार को बीजेपी नेता की ओर से मंसूरपुर थाने पर पहुंचकर हंगामा किया गया था और अब ये जानकारी सामने आ रही है कि उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है.
संजीव बालियान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. सीएम योगी को लिखे पत्र में बालियान ने अपनी सुरक्षा वापस लेने का मुद्दा भी उठाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि मुजफ्फरनगर पुलिस के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से उनकी सुरक्षा वापस ली गई है.
पूर्व सांसद ने पत्र में ये भी लिखा कि लोकसभा चुनाव के समय पर उनपर हमला हुआ था. अगर फिर से हमला हुआ तो इसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार के अधिकारियों की होगी. साथ ही उन्होंने खानुपूर गांव में मंदिर और धर्मशाला की जमीन पर मंसूरपुर डिस्टिलरी की ओर से कब्जा किए जाने के मामले का भी जिक्र किया है.
योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कहा, ‘खानुपूर गांव में मंदिर और धर्मशाला की जमीन को पूर्व की सरकार के अधिकारियों से मिलीभगत कर मंसूरपुर डिस्टिलरी ने दाखिल खारिज करा लिया था. 1 जनवरी को मुजफ्फरनगर पुलिस के साथ सांठगांठ कर डिस्टिलरी द्वारा इस जमीन पर कब्जा कर लिया और ग्रामीणों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए.
बालियान ने अपने पत्र में सीएम योगी से पूरे मामले में कार्रवाई करने की मांग करते हुए लिखा कि, आपकी जीवन यात्रा को देखते हुए मुझे विश्वास है कि मंदिर और धर्मशाला की जमीन कब्जाने के मामले में आप न्यायोचित कार्यवाही करेंगे. वहीं, अपनी सुरक्षा वापिस लिए जाने को लेकर कहा कि उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं है. लेकिन एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ पुलिस का ऐसा रवैया है तो बीजेपी के आम कार्यकर्ताओं के हालात क्या होंगे.