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सरसों में सफेद रतुआ से किसान परेशान, कृषि विभाग के उपनिदेशक ने अन्नदाताओं को दी ये सलाह

Mustard farming in Sirsa: सिरसा में सरसों की खेती पर संकट खड़ा हो गया है. सरसों में सफेद रतुआ से किसानों की परेशानी बढ़ गई है. सिरसा में 75 हजार हेक्टेयर में सरसों की खेती की गई है. फसलों सफेद रतुआ की शिकायत मिलने पर कृषि विभाग के उपनिदेशक सुखदेव सिंह खुद मौके पर पहुंचे और फसलों का जायजा लिया. इस दौरान उप निदेशक ने किसानों से समय रहते दवा छिड़काव कराने की अपील की.

Mustard farming in Sirsa white rust disease
सिरसा में सरसों में सफेद रतुआ
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 8, 2024, 8:05 AM IST

सिरसा में सरसों में सफेद रतुआ

सिरसा: हरियाणा के सिरसा जिले में गुलाबी सुंडी के बाद अब किसानों को सफेद रतुआ ने मुश्किलों में डाल दिया है. गुलाबी सुंडी के कारण जहां नरमा की फसल खराबे की भेंट चढ़ गई थी तो वहीं अब किसानों को गेहूं और सरसों की फसल से काफी उम्मीद थी. मौसम के अनुसार फसल सही से तैयार भी हो रही है, लेकिन कोहरा और ओस लंबे समय तक रहने से सरसों में फसल में सफेद रतुआ यानी गलन रोग फैसला शुरू हो गया है. जिले के किसानों का कहना है कि इस रोग से उनकी 7 से लेकर 25 फीसदी फसल प्रभावित होगी और उत्पादन कम होगा. किसान अब कृषि विभाग और सरकार से स्पेशल गिरदावरी करवा मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

सिरसा में सरसों की खेती पर संकट!: वहीं, कृषि विभाग के उप निदेशक सुखदेव सिंह ने बताया कि कहीं-कहीं सफेद रतुआ आया है. कृषि विभाग के टीमें जिलेभर में दौरा कर ही हैं. उन्होंने बताया कि जिन खेतों में पहले फंगीसाइड की स्प्रे नहीं हुई उन खेतों में सफेद रतुआ देखा जा रहा है. अभी यह बीमारी पत्तों में आनी शुरू हुई है. इसलिए किसानों को समझाया जा रहा है कि वे कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सिफारिश शुदा डाइथेनएम 45 का छिड़काव करें. इससे बीमारी पत्तों पर सीमित हो जाएगी और फूलों और फलियों तक नहीं बढ़ेगी.

क्या कहते हैं किसान?: किसान विजय कुमार और जगदीश सहारण ने बताया कि जिलेभर में सरसों की फसल सफेद रतुआ से प्रभावित हो रही है. 7 से 25 फीसदी तक फसल रतुआ बीमारी से प्रभावित हो रही है. इससे उत्पादन घटेगा. हालांकि क्राॅप कटिंग में आंकड़े सामने आ जाएंगे, लेकिन इसमें समय लगेगा. इसलिए उनकी मांग है कि सरकार को गिरदावरी करवाकर खराब हो रही फसल का मुआवजा जारी करना चाहिए.

सरसों में सफेद रतुआ: कृषि विभाग के उपनिदेशक सुखदेव सिंह ने बताया कि सिरसा जिले में सफेद रतुआ बीमारी फैलने की सूचना मिली है. विभागीय टीमों के साथ खेतों का मुआयना कर रहे हैं और किसानों को कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सिफारिश की गई दवाई के छिड़काव की सलाह दे रहे हैं, जिससे यह बीमारी पत्तों तक सीमित रहे. फूल और फलियों तक नहीं बढ़ेगी. समय पर दवा का छिड़काव करने से बीमारी रूक जाएगी और किसानों को उत्पादन में नुकसान नहीं होगा. कृषि विभाग के उपनिदेशक सुखदेव सिंह ने बताया कि कहीं-कहीं सफेद रतुआ आया है. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के टीमें जिलेभर में दौरा कर रही हैं.

सिरसा में 75 हजार हेक्टेयर में सरसों की खेती: कृषि विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि जिन खेतों में पहले फंगीसाइड की स्प्रे नहीं हुई उन खेतों में सफेद रतुआ देखा जा रहा है. अभी यह बीमारी पत्तों में आनी शुरू हुई है. उन्होंने कहा कि इस बार गेहूं की फसल अच्छी स्थिति में है. इस बार रिकॉर्ड आवक होने की उम्मीद है. वहीं, सिरसा जिले में इस वर्ष 2 लाख 72 हजार हेक्टेयर भूमि में गेहूं की बिजाई गई है. 75 हजार हेक्टेयर में सरसों की फसल बिजाई की गई है. वहीं, करीब 2200 हेक्टेयर में चना की फसल लगाई गई है.

ये भी पढ़ें: एक आईडिया ने बदल डाली ज़िंदगी, बन गए करोड़पति, कभी दिल्ली में चलाते थे रिक्शा

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सिरसा में सरसों में सफेद रतुआ

सिरसा: हरियाणा के सिरसा जिले में गुलाबी सुंडी के बाद अब किसानों को सफेद रतुआ ने मुश्किलों में डाल दिया है. गुलाबी सुंडी के कारण जहां नरमा की फसल खराबे की भेंट चढ़ गई थी तो वहीं अब किसानों को गेहूं और सरसों की फसल से काफी उम्मीद थी. मौसम के अनुसार फसल सही से तैयार भी हो रही है, लेकिन कोहरा और ओस लंबे समय तक रहने से सरसों में फसल में सफेद रतुआ यानी गलन रोग फैसला शुरू हो गया है. जिले के किसानों का कहना है कि इस रोग से उनकी 7 से लेकर 25 फीसदी फसल प्रभावित होगी और उत्पादन कम होगा. किसान अब कृषि विभाग और सरकार से स्पेशल गिरदावरी करवा मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

सिरसा में सरसों की खेती पर संकट!: वहीं, कृषि विभाग के उप निदेशक सुखदेव सिंह ने बताया कि कहीं-कहीं सफेद रतुआ आया है. कृषि विभाग के टीमें जिलेभर में दौरा कर ही हैं. उन्होंने बताया कि जिन खेतों में पहले फंगीसाइड की स्प्रे नहीं हुई उन खेतों में सफेद रतुआ देखा जा रहा है. अभी यह बीमारी पत्तों में आनी शुरू हुई है. इसलिए किसानों को समझाया जा रहा है कि वे कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सिफारिश शुदा डाइथेनएम 45 का छिड़काव करें. इससे बीमारी पत्तों पर सीमित हो जाएगी और फूलों और फलियों तक नहीं बढ़ेगी.

क्या कहते हैं किसान?: किसान विजय कुमार और जगदीश सहारण ने बताया कि जिलेभर में सरसों की फसल सफेद रतुआ से प्रभावित हो रही है. 7 से 25 फीसदी तक फसल रतुआ बीमारी से प्रभावित हो रही है. इससे उत्पादन घटेगा. हालांकि क्राॅप कटिंग में आंकड़े सामने आ जाएंगे, लेकिन इसमें समय लगेगा. इसलिए उनकी मांग है कि सरकार को गिरदावरी करवाकर खराब हो रही फसल का मुआवजा जारी करना चाहिए.

सरसों में सफेद रतुआ: कृषि विभाग के उपनिदेशक सुखदेव सिंह ने बताया कि सिरसा जिले में सफेद रतुआ बीमारी फैलने की सूचना मिली है. विभागीय टीमों के साथ खेतों का मुआयना कर रहे हैं और किसानों को कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सिफारिश की गई दवाई के छिड़काव की सलाह दे रहे हैं, जिससे यह बीमारी पत्तों तक सीमित रहे. फूल और फलियों तक नहीं बढ़ेगी. समय पर दवा का छिड़काव करने से बीमारी रूक जाएगी और किसानों को उत्पादन में नुकसान नहीं होगा. कृषि विभाग के उपनिदेशक सुखदेव सिंह ने बताया कि कहीं-कहीं सफेद रतुआ आया है. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के टीमें जिलेभर में दौरा कर रही हैं.

सिरसा में 75 हजार हेक्टेयर में सरसों की खेती: कृषि विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि जिन खेतों में पहले फंगीसाइड की स्प्रे नहीं हुई उन खेतों में सफेद रतुआ देखा जा रहा है. अभी यह बीमारी पत्तों में आनी शुरू हुई है. उन्होंने कहा कि इस बार गेहूं की फसल अच्छी स्थिति में है. इस बार रिकॉर्ड आवक होने की उम्मीद है. वहीं, सिरसा जिले में इस वर्ष 2 लाख 72 हजार हेक्टेयर भूमि में गेहूं की बिजाई गई है. 75 हजार हेक्टेयर में सरसों की फसल बिजाई की गई है. वहीं, करीब 2200 हेक्टेयर में चना की फसल लगाई गई है.

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