वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ के अधिकार को लेकर आदेश मिलने के बाद बुधवार से पूजा की शुरुआत हो चुकी है. गुरुवार सुबह मंगला आरती और फिर भोग आरती के बाद अलग-अलग पहर की आरती भी शुरू की जा चुकी है. इसके साथ ही पुजारी की भी तैनाती हो गई है. लेकिन इन सब के बीच इस बात को लेकर मुस्लिम पक्ष बेहद नाराज है. उनका कहना है कि हमारा हक छीना जा रहा है. 2 महीने पुराने मुकदमे में इतना जल्दी फैसला आ रहा है, जबकि बाकी मुकदमे जो मुस्लिम पक्ष के चल रहे हैं, उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
दोपहर में नमाज खत्म कर बाहर मजार को लेकर मुकदमा दाखिल करने वाले पैरोकार मुख्तार अहमद इस बात पर बेहद खफा थे. उनका कहना था कि सवाल उठना लाजिमी है. यह गलत है और हमारे हक को छीना जा रहा है. कहा कि ज्ञानवापी परिसर में कुछ कब्र मौजूद हैं, जिनके उर्स के लिए हमने कोर्ट से अपील कर रखी है. हमारा मुकदमा 1936, 1940 और 1983 के अनुसार स्टैंड भी कर रहा है, लेकिन तमाम साक्ष्य के बाद भी हमारी बात को कोई सुनने को तैयार नहीं है. हमारे मामले में जजमेंट आ ही नहीं रहा है.
कहा कि जिस तरह से सिर्फ एक पक्ष की बात सुनी जा रही है, वह अपने आप में तकलीफ देने वाली है. मुख्तार ने कहा कि यदि कोई सबूत है तो वह दिखाएं कि अंदर जो तहखाना है, उसमें कभी पूजा होती थी या कोई ऐसी मूर्ति थी, जिसका पूजन होता था. जिलाधिकारी वाराणसी ने बिना हमें जानकारी दिए वहां पूजन भी शुरू करवा दिया और अंदर प्रवेश भी कर गए, यह चीज उचित नहीं है और हम इस बात का विरोध करते हैं.