रांची: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने रांची स्थित प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता किया. उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड कानून में बदलाव करने के प्रयास को धार्मिक मामलों में सरकार द्वारा हस्तक्षेप करने का प्रयास करार दिया है, साथ ही इसे असंवैधानिक बताया.
मौलाना सैफुल्लाह ने कहा कि वक्फ कानून 1955 में बना था, तब से इसमें सुधार के लिए समय-समय पर आम सहमति से बदलाव किए जाते रहे हैं, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 2013 में किया गया बदलाव सबसे बेहतर था. लेकिन अब केंद्र सरकार सुधार के नाम पर वक्फ कानून में बदलाव करने की जो कोशिश कर रही है, वह वक्फ को बचाने के लिए नहीं बल्कि इसे बर्बाद करने के लिए है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर पूंजीपतियों को देने के लिए बदलाव करने की साजिश रची है. यह बर्दाश्त के बाहर है. मौलाना सैफुल्लाह ने कहा कि धर्म के मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप और संविधान विरोधी काम किसी का भला नहीं करेगा. इससे सिर्फ नफरत और दूरियां ही पैदा होंगी. उन्होंने कहा कि किसी भी 400-500 साल पुरानी ऐतिहासिक इमारत का दस्तावेज नहीं हो सकता, चाहे वह किसी भी धर्म की हो, उसकी पहचान सदियों से उसके इस्तेमाल और उपयोग पर आधारित होती है.
उन्होंने कहा कि यह सामान्य बात है कि मंदिर के प्रबंधन में हिंदू भाई होंगे, गुरुद्वारा या सिख समुदाय की चीजों के प्रबंधन में सिख होंगे, चर्च में ईसाई होंगे, फिर वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को जगह देने की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को जगह देने की कोशिश एक बड़ी साजिश का हिस्सा है. इसी तरह बदलाव के प्रस्ताव में एक और मुद्दा यह है कि पहले वक्फ बोर्ड किसी भी अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई कर सकता था, चाहे वह कितना भी पुराना हो, लेकिन बदलाव में एक निश्चित समय सीमा तय करके वक्फ की जमीनों पर अवैध कब्जे को बढ़ावा देने की मंशा है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड वक्फ कानून में बदलाव का पुरजोर विरोध कर रहा है और अलग-अलग राज्यों में जाकर लोगों में जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहा है कि किस तरह केंद्र सरकार संविधान की मूल भावना के साथ छेड़छाड़ कर रही है. देश के 20 करोड़ मुसलमान इसके खिलाफ हैं.
उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात करेंगे और उनका समर्थन मांगेंगे. उन्होंने कहा कि बोर्ड ने इस मुद्दे पर पीएम और गृह मंत्री से मिलने का समय भी मांगा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव फजलुर रहीम मुजादिदी, राष्ट्रीय प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास समेत अन्य सदस्य मौजूद थे.
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