देहरादून: राजधानी देहरादून में समान नागरिक संहिता के खिलाफ मुस्लिम समुदाय ने मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में आज नुमाइंदा ग्रुप के बैनर तले विधानसभा सत्र के पहले दिन मुस्लिम समाज के लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा प्रदेश सरकार को इस काले कानून को वापस लेना होगा. प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा यह दलित शोषितों और वंचितों के खिलाफ काला कानून है. सरकार इस कानून की आड़ में अनुसूचित जाति के लोगों की जमीनों और नौकरियों को हड़पना चाहती है.
प्रदर्शन में शामिल बार काउंसिल की पूर्व अध्यक्ष रजिया बेग ने कहा एक समाज को डराने के लिए सरकार इस बेतुके कानून को लेकर आ रही है. उन्होंने कहा सरकार जिस कानून को प्रदेश में लागू करना चाहती है इसका मसौदा ना समझने लायक और ना ही पढ़ने लायक है. रजिया बेग ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस कानून को लागू करने की कोशिश की और शरीयत से छेड़छाड़ की तो मुस्लिम समाज को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
उन्होंने कहा यदि सरकार चाहती है तो प्रदेश में भू कानून लाए. पलायन को रोकने की कोशिश करें, बेरोजगारी और भू कानून जैसे मुद्दों को गायब करने के लिए सरकार इस कानून को लाना चाहती है. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कुरान, शरीयत, पर्सनल लॉ से ऊपर कुछ भी उन्हें मंजूर नहीं है. ऐसे में प्रदर्शन में शामिल लोगों ने उत्तराखंड सरकार से इस कानून को वापस लिए जाने की मांग उठाई है. कूच के दौरान सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मेहमूद प्राचा, शेड्यूल ट्राइब के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते करनाकर भी मौजूद रहे.
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