मेरठ : मेरठ में रिश्तों के कत्ल की वारदात सामने आई है. यहां एक बहन ने रुपयों के लालच में अपने भाई की जान की दुश्मन बन गई. भाई के नाम की बीमा की रकम पाने के लालच में बहन ने कार चालक के साथ मिलकर भाई को मार डाला और हत्या के बाद गांव में शव ले जाकर स्वावभाविक मौत की कहानी गढ़ दी. युवक के गले पर निशान देखकर लोगों को शक हुआ तो पोस्टमार्टम कराया गया. इसके बाद पुलिस ने पूछताछ के बाद हत्या में इस्तेमाल कार और गला दबाने में इस्तेमाल की गई रस्सी बरामद कर ली है. मामला उजागर होने के बाद लोग बहन की करतूत को कोस रहे हैं.
एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि बहसूमा के भंडौरा गांव का रहने वाला मोनवीर उर्फ मोनू (32) गांव के ही अमरीश पुत्र केशव शर्मा के साथ शुक्रवार सुबह कार से मवाना में रहने वाली बहन सुरेखा के घर गया था. सुरेखा 2017 में पति से तलाक के बाद दो बच्चों के साथ रामबाग काॅलोनी पक्का तालाब के पास किराए पर रहती है. शाम को सुरेखा और अमरीश मोनू के शव को लेकर गांव पहुंचे और स्वाभाविक मौत की बात परिजनों को बताई. अंतिम संस्कार के समय कुछ परिजनाें ने शर्ट के बटन खोले तो मोनू के गले पर निशान देखकर भाई सोहनवीर को शक हुआ. इसके बाद उसने बहसूमा पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया तो हत्या की बात सामने आई.
मवाना थाना प्रभारी सुभाष सिंह ने बताया कि अविवाहित मोनू चार भाई-बहनों में सबसे छोटा था, माता-पिता की मौत हो चुकी है. जांच में सामने आया कि दो महीने पहले मोनू ने अपना 50 लाख रुपये का बीमा कराया था. उसमें मोनू ने नाॅमिनी बड़ी बहन सुरेखा को बनाया था. मोनू के ताऊ के कोई बेटा नहीं होने पर उन्होंने उसे गोद लेकर अपनी जमीन दे दी थी. मोनू ने यह जमीन 50 लाख रुपये में बेच दे दी थी. इस पैसे से मोनू ने बहन सुरेखा के नाम अर्टिगा कार खरीदी थी. इसको मोनू ने अमरीश को चलाने के लिए दे दिया था. अमरीश से इसकी बाबत वह रोजाना पांच सौ रुपये ले रहा था. सुरेखा ने मोनू से 13 लाख रुपये उधार लिए थे. इसके अलावा अमरीश ने भी मोनू से एक लाख 86 हजार रुपये उधार लिए थे.
बहन के मन में आया लालच : सुरेखा और अमरीश को लग रहा था कि मोनू पैसे वापस लेगा. इसके चलते दोनों ने उसकी हत्या की साजिश रच डाली. दोनों ने तय किया कि अगर हत्या का मामला भी सामने आया तो अमरीश उसकी जिम्मेदारी खुद पर ले लेगा. इसके बाद मोनू के 50 लाख रुपये के बीमे की रकम सुरेखा को मिल जाएगी. साजिश के तहत बच्चों को मोमोज लेने भेज दिया. इसके बाद सुरेखा सीढि़यों पर बैठक रेकी करती रही और भीतर घर में अमरीश ने रस्सी से मोनू का गला घोंट दिया.
गैंगस्टर का आरोपी है अमरीश : मवाना थाना प्रभारी सुभाष सिंह के अनुसार हत्यारोपी अमरीश परीक्षितगढ़ थाने का गैंगस्टर है. उस पर आर्म्स एक्ट समेत चोरी के मुकदमे भी दर्ज हैं. दोनों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. लोगों ने बताया कि अंतिम संस्कार वाले दिन सुरेखा ने बेहोशी का नाटक भी रचा. रविवार को जब थाने में गांव के लोगों ने उससे हत्या की बाबत पूछा तो वह चुप्पी साधे रही.
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