हजारीबाग: हजार बागों का शहर जिसे कभी स्वच्छ भारत मिशन के तहत उत्कृष्ट कार्य के लिए अवार्ड मिला था. आज वह जिला अपनी बदहाली पर खुद ही रो रहा है. शहर के जहां-तहां कूड़ा नगर निगम के सफाई कर्मी डंप कर रहे हैं. आलम यह है कि शहर में कई ऐसी जगह है जहां नाक में रुमाल रख कर लोग गुजरने को मजबूर हैं.
हजारीबाग का झील आकर्षण का केंद्र बिंदु है. जहां प्रत्येक दिन सैकड़ों की संख्या में लोग स्वास्थ्य लाभ लेने और सुकून का कुछ पल बिताने के लिए पहुंचते हैं. नगर निगम को यह भी बर्दाश्त नहीं हुआ. झील परिसर के बगल में ही कूड़ा डंप करना शुरू कर दिया है. पिछले कुछ दिनों से यहां सफाई कर्मी ट्रैक्टर और टिप्पर से कूड़ा लाकर डंप कर उसमें आग लगा रहे हैं. जिससे प्रदूषण तो फैल ही रहा है, साथ ही साथ आवारा जीव जंतु के जीवन पर भी संकट आ गया है. कुछ ही दूरी पर हजारीबाग समहरणालय है, जहां जिले के वरीय पदाधिकारी बैठते हैं. यही नहीं झील परिसर के आसपास कई वरिष्ठ पदाधिकारी का आवास भी है, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है.
महत्वपूर्ण बात यह है कि झील परिसर का यह क्षेत्र झील का कैचमेंट एरिया है. जहां बरसात का पानी जमा होता है. झील जीवित रखने में यह क्षेत्र बेहद महत्व रखता है. अब इस इलाके को नगर निगम ने डंपिंग यार्ड बना दिया है. इस डंपिंग यार्ड के बारे में जिला प्रशासन और नगर निगम के पदाधिकारी को भी नहीं पता है. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि पदाधिकारी सिर्फ एसी कमरे में बैठकर ही काम निपटा रहे हैं.
कूड़े के डंपिंग को लेकर हजारीबाग के समाज सेवी और मैंगो मैन के नाम से मशहूर मनोज गुप्ता कहते हैं कि यह बेहद दुर्भाग्य की बात है. झील जो बेहद खूबसूरत जगह है उस जगह को भी नगर निगम ने नरक निगम बना दिया है. पहले हजारीबाग के खिरगांव में कूड़ा डंप किया जाता था. लेकिन अब नगर निगम जहां-तहां शहर में कूड़ा फेंक देता है. जिससे गंदगी फैल रही है और यह महामारी का भी रूप धारण कर सकती है.
जिला पर्यावरण समिति के सदस्य मुरारी सिंह कहते हैं कि यह एक गंभीर मुद्दा है. झील परिसर हो या शहर का कोई भी इलाका, कहीं भी खुले में कूड़ा इस तरह डंप करने की जरूरत नहीं है. इसका जवाब नगर निगम को देना चाहिए. नगर निगम ने जिस तरह से झील के कैचमेंट एरिया को डंपिंग यार्ड बना दिया है इस बात को लेकर बैठक में मुद्दा बनाया जाएगा. साथ ही कार्रवाई करने की मांग भी की जाएगी.
हजारीबाग के नगर निगम को भी इस डंपिंग यार्ड के बारे में पता नहीं है. हजारीबाग के सहायक नगर आयुक्त ने कहा कि मीडिया के जरिए पता चला है, जो भी निगम के कर्मी झील परिसर के पास कूड़ा डंप कर रहे हैं, उस पर कार्रवाई की जाएगी. बहुत जल्द क्षेत्र को साफ भी किया जाएगा.
कूड़े के लिए हजारीबाग के कोलघाटी में नगर निगम सॉलिड वेस्ट सिस्टम बना रही है. वर्तमान समय में शहर का कूड़ा खिरगांव के मैलाटांढ में डंप किया जाता है. यहीं पर अंतरराज्यीय बस अड्डा भी बना है. इस कारण नगर निगम ने कोल घटी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत प्लांट लगा रही है. कूड़ा कोलघाटी में ही गिरना चाहिए. लेकिन दूरी होने के कारण नगर निगम के सफाई कर्मी जहां-तहां कूड़ा डंप कर रहे हैं.
बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत उत्कृष्ट कार्यों के लिए तात्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने तात्कालीन डीसी रवि शंकर शुक्ला को स्वच्छ झारखंड अवार्ड से सम्मानित किया था. प्रोजेक्ट भवन रांची में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा आयोजित स्वच्छ भारत अभियान की दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान मुख्यमंत्री ने हजारीबाग सहित रामगढ़, गिरिडीह, लोहरदग्गा तथा सरायकेला के उपायुक्तों को भी सम्मानित किया था.
हजारीबाग जिला प्रशासन को यह अवार्ड वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान स्वच्छता अभियान में उत्कृष्ट योगदान, अत्याधिक संख्या में ओडीएफ ग्राम पंचायतों की घोषणा व जिला स्तरीय वेरिफिकेशन तथा पीडीएस डीलरों को अभियान से जोड़ने की रणनीति आदि को लेकर दिया गया था. तात्कालीन उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने बताया था कि यह सम्मान हजारीबाग के लोगों के सहयोग का प्रतिफल है. सभी लोगों, अधिकारियों व कर्मियों ने मिलकर स्वच्छता अभियान को गति दी है. लेकिन आज हजारीबाग शहर अपनी गंदगी के लिए पूरे राज्य भर में जाना जाने लगा है.